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संस्कृति
| 5-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
अंबुबाची मेला : आस्था और भक्ति का मनोरम संगम!
अंबुबाची जैसे मेले न सिर्फ लोगों को श्रद्धा से भर देते हैं बल्कि इनसे कुछ दुकानदारों की आजीविका भी चल जाती है. और अपनी लोक संस्कृति को बचाकर रखने के लिए ऐसे स्थानीय पर्व, जो अब ग्लोबल होते जा रहे हैं, बहुत आवश्यक हैं.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
डॉ. सौरभ मालवीय
@DrSourabhMalviya
National Tourism Day: भारतबोध कराता है भारतीय पर्यटन
पर्यटन देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाता है. इससे सरकार को राजस्व तथा विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है. इसके कारण विकास कार्यों को भी बढ़ावा मिलता है. भारत एक विशाल देश है. यहां के विभिन्न राज्यों की भिन्न-भिन्न संस्कृतियां हैं. सबकी अपनी परम्पराएं हैं. इसके साथ ही यहां प्राकृतिक सौंदर्य से ओतप्रोत पर्यटन स्थल हैं. यहां पर ऐतिहासिक स्थल हैं. यहां पर असंख्य धार्मिक स्थल भी हैं.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
Dinkar Anand
धरोहरों और 'हजारों बागों' के शहर हजारीबाग से विलुप्त होते पर्यटक
एक दर्जन से भी अधिक धरोहरों, धार्मिक स्थलों, झीलों, नदियों, बांधों, पहाड़ों, हिलों, कुण्डों को अपने आप में समेटे हजारीबाग शहर का अलग हीं सौंदर्य है. इतने प्राचीनतम इतिहास से लबरेज यह शहर पर्यटन के मानचित्र पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
Prince D
काशी की टेंट सिटी का मकसद भोले के भक्तों की सेवा नहीं, अमीरों का विलास है!
बनारस में टेंट सिटी का निर्माण व्यापक स्तर पर किया गया है. बनारस में ऐसे कई होटल हैं जो लोकल बनारस के लोगों के द्वारा संचालित हैं जिसका उपयोग विदेशी मेहमान और हमारे देश के कई लोग घूमने के दौरान रुकने के लिए करते हैं पर अब ये काम भी पूंजी पति वर्ग करेगा.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
बदले बदले से, सहमे सहमे से क्यों नजर आते हैं पारसनाथ?
उग्र होना तो इस समाज का स्वभाव नहीं था, ना ही घमंड करना. फिर क्यों जगह जगह जैन समुदाय के लोग जुलूस निकाल रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे हैं और नारे बुलंद कर रहे हैं कि 'गली गली में नारा है शिखर जी हमारा है!'
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सम्मेद शिखर जी विवाद: समाधान कहीं बड़े खतरे की आहट तो नहीं है?
अप्रत्याशित और अनचाही टकराव की स्थिति निर्मित कर दी गई हैं. वजहें क्या है ? क़यास ही हैं. परंतु तय है फर्जी आवाजों के पीछे विशुद्ध राजनीति है ! क्या शांतिप्रिय, धर्मभीरु और फसादों से दूर रहनेवाले जैन अब भयमुक्त होकर तीर्थयात्रा कर भी पाएंगे?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
विवेकानंद शांडिल
@vivekanand.shandil
आस्था को अर्थव्यवस्था से जोड़ने का अथक प्रयास कर रहे हैं मोदी!
पीएम मोदी ने भारतीय संस्कृति और आस्था के वैश्विक प्रसार के लिए भी कई प्रयास किये हैं. बहरीन की राजधानी मनामा में श्रीकृष्ण श्रीनाथजी मंदिर और अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखना, ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं. उनके इन प्रयासों से हमारी आस्थाए परंपरा और सामाजिक मूल्यों जैसे अन्तर्निहित प्रतिमानों का संरक्षण और संवर्धन हो रहा है.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
पुर्तगाल में भारतीय गर्भवती की मौत, स्वास्थ्य मंत्री ने इस्तीफा देकर सबक दिया है
पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में भारतीय मूल की 34 साल की गर्भवती महिला की मौत हो गई, क्योंकि वहां के सबसे बड़े अस्पताल सांता मारिया ने उसे जगह नहीं दी. उसे दिल का दौरा पड़ा और वह दूसरे अस्पताल पहुंचने से पहले ही दुनिया छोड़ गई...
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
श्रीलंका कंगाली की कगार पर, और कारण आंखें नम कर देने वाले हैं!
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर हैं.कोविड के आगे एक मुल्क के रूप में श्रीलंका ने घुटने टेक दिए हैं. जैसे हालात हैं और जिस तरह का आर्थिक संकट है माना यही जा रहा है कि जल्द ही श्रीलंका अपने को दिवालिया घोषित कर देगा.