5G का अतापता नहीं, फिर भारत में ये 5G फोन क्यों बिक रहे हैं?
हाल फ़िलहाल में भले ही भारत में लोगों के बीच 5g फोन खरीदने का क्रेज बढ़ा हो लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि तमाम मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों द्वारा सिर्फ और सिर्फ उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं इसके पीछे हमारे पास माकूल वजहें हैं.
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अमेजन, फ्लिपकार्ट किसी भी शॉपिंग वेबसाइट का रुख कर लीजिए. 'फ्लैगशिप' का ठप्पा लगाकर रोज़ एक से एक फोन लांच हो रहे हैं. कंपनियों में होड़ कुछ ऐसी है कि कैसे भी करके ग्राहकों को कम कीमतों में बढ़िया फोन दे दिया जाए. जैसा कंपनियों का रुख है आजकल बढ़िया फोन से मुराद '5G' फोन से है. जैसा कि ज्ञात है, जैसे ही बात ट्रेंड फॉलो करने की आती है हम भारतीय किसी से पीछे नहीं रहते इसलिए लोगों में भी इन नए '5G' फोन हो लेकर जबरदस्त क्रेज है. क्या युवा वर्ग और क्या बुजुर्ग लोग सब बस इसी फ़िराक़ में हैं कि कैसे भी करके ये '5G' फोन उनकी जेबों की शोभा बन जाए. सवाल होगा कि आखिर लोगों में अचानक ही इन '5G' फोन के प्रति इतनी दिलचस्पी क्यों बढ़ी? जवाब है इंटरनेट. लोगों को बस इससे मतलब है कि जब भारत में 5G आएगा तो उनका नेट सही चलेगा. व्हाट्सएप पर शेयर किए गए या यू ट्यूब पर चलाए गए वीडियो बिना बफरिंग के चलेंगे. तो वो लोग जिनको लगता है कि 5G नेटवर्क का मतलब बिना बफरिंग के वीडियो देखना है वो थोड़ा ठहर जाएं और जान लें कि ऐसा कुछ नहीं है. फोन कोई खास काम नहीं करने वाला. यदि वो बिन जाने समझे सिर्फ इसलिए नए फोन खरीद रहे हैं कि नया फोन '5G' वाला है तो उनका नया प्रोडक्ट (फोन) खरीदना मोबाइल फ़ोन निर्माता कंपनियों को तो फायदा पहुंचाएगा मगर इससे उन्हें कोई विशेष फायदा नहीं होने वाला.
तमाम कारण हैं जो बता रहे हैं कि 5g फोन ले रहे लोग मूर्खता कर रहे हैं
तो आइए जानें कि मौजूदा परिस्थितियों में 5G फोन खरीदना क्यों समझदारी के दायरे में नहीं आता ? साथ ही ये भी जानें कि अलग-अलग मोबाइल फोन निर्माता कंपनियां कैसे भारत जैसे देश रहने वाली भोली भाली जनता को ठगने का काम कर रही हैं.
भारत में नहीं हुआ है 5G स्पेक्ट्रम का आवंटन
लोग भले ही 5G को लेकर भावुक हो रहे हों लेकिन उन्हें जान लेना चाहिए कि भले ही Reliance Jio और Airtel की तरफ से ग्राहकों को 5G सर्विस प्रदान करने की घोषणा कर दी गई हो लेकिन देर इसलिए भी है क्योंकि भारत में सरकार ने अभी 5 G का आवंटन किया ही नहीं है. 5G स्पेक्ट्रम के आवंटन को लेकर जैसी खबरें आई हैं यदि उनपर यकीन किया जाए तो अभी इसमें लंबा वक्त लगेगा. इसलिए अब वो लोग जो आए रोज लांच हो रहे 5G फोन की तरफ भाग रहे हैं वो जान लें कि कंपनियां प्रलोभन देकर उनके पैसे ऐंठ रही हैं. तो जनता के लिए बेहतर यही है 5G के नाम पर नया फोन तभी लिया जाए जब टेक्नोलॉजी उतनी विकसित हो गयी हो.
क्या है 5G की फ्रिकेंसी
बात भारत में 5G नेटवर्क की चल रही है तो हमारे लिए ये जान लेना बहुत जरूरी है कि 5G की फ्रिकेंसी का क्या स्वरूप है? तो बता दें कि 5G नेटवर्क दो फ्रिकेंसी बैंड को सपोर्ट करता है जिसमें से एक 6 GHz है जबकि दूसरा हाई फ्रिकेंसी मिलीमीटर वेव है. शायद आपको जानकर हैरत हो इसके लिए 100GHz और इससे ज्यादा कीजरूरत होती है और भारत इससे अभी कोसों दूर है. अभी व्यक्ति अगर 5G फ़ोन ले भी ले तो उसे 4 G सपोर्ट ही उसके नेटवर्क प्रोवाइडर की तरफ से मिलेगा.
भारत में 5G क्यों नहीं आ पा रहा है इसकी एक बड़ी वजह 5G का रोलआउट भी है. बताया जा रहा है कि कंपनियां काफी लंबे समय से 5G इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार कर रही है मगर चूंकि रोल आउट नहीं हुआ तो अभी हमें और इंतजार करना होगा.
भारत में भले ही 5G आ रहा हो लेकिन इसका शुमार महंगी टेक्नोलॉजी में है
शुरुआत में सबको नहीं मिलेगा 5G
थोड़ा पीछे जाइये और उस दौर को याद कीजिये जब हिंदुस्तानी जनता 3G से 4G पर शिफ्ट हुई थी. तब उस दौर में 4G भी उतना ही बड़ा हव्वा था जितना आज 5G है. तब उस दौर में 4G टियर 1 शहरों में लांच किया गया ऐसा ही कुछ मिलता जुलता हाल 5G का होने वाला है. यानी 5 जी भी 4G की तरह बड़े शहरों में लांच होगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो टेक्नोलॉजी का जैसा स्वरूप है गांवों और छोटे शहरों में आने में इसे अभी लंबा वक्त लगेगा.
याद रहे 5 G का मतलब सिर्फ तेज इंटरनेट नहीं है.
जैसा कि हम बता चुके हैं देश में लोगों का एक वर्ग ऐसा है जिसका मानना है कि यदि वो 5G फोन ले ले तो वो बिना रुके यूट्यूब और व्हाट्सएप पर आए फॉरवाडेड वीडियो देख सकता है. तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. 5G इससे कहीं ऊपर की चीज है जिसका निर्माण इसलिए किया जा रहा है जिससे तकनीक और उसके पहलू सुगम हों. इसे जहां शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है तो वहीं इसके आने के बाद रक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में जो बदलाव होंगे वो हमारी सोच के दायरों से कहीं परे हैं.
बताते चलें कि 5G, 4G नेटवर्क का अगला वर्जन है. 5G जहां एक तरफ यूजर्स को ज्यादा स्पीड देगा तो वहीं लेटेंसी कम रहेगी और इसके जरिये हम ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी का अनुभव करेंगे.
माना जा रहा है कि 5G, 4G स्पेक्ट्रम को कवर नहीं करेगा. ये इसके लिए 5GNR एयर इंटरफेस का इस्तेमाल करेगा. साथ ही ये ज्यादा बैंडविथ वाली mmWave और sub-6 GHz का प्रयोग करेगा.
डाटा देखकर रिचार्ज कराने वालों के लिए 5G पाना टेढ़ी खीर
बड़ी आबादी होने के कारण भारत का शुमार उस देश में है जहां लोगों की एक बढ़ी संख्या फोन में नेट चलाती है. यदि आंकड़े जुटाए जाएं तो ये कहने में भी गुरेज नहीं है कि भारत के अधिकांश यूजर्स मध्यमवर्गीय हैं जो डाटा या नेट पैक देखकर रिचार्ज कराते हैं. तो ऐसे लोग यदि इन्होंने 5G फोन ले लिया है या फिर जल्द ही खरीदने वाले हैं उन्हें रुक जाने की जरूरत है.
5G तकनीक लेटेस्ट और महंगी तकनीक है तो इसके दाम बिल्कुल भी 4G जैसे नहीं होंगे. तकनीक से जुड़े विशेषज्ञ इस बात को लेकर एकमत हैं कि 5G के लिए एक ग्राहक के रूप में हमें मोटा पैसा खर्च करना होगा. इन बातों के अलावा एक बात और ये तकनीक उनके लिए भी नहीं है जो बजट स्मार्टफोन के शौक़ीन हैं. बात सीधी है. तकनीक एडवांस है तो इसको संभालने के लिए एडवांस फोन भी चाहिए।
कुल मिलाकर उपरोक्त तमाम बातों क्क सार बस इतना है कि भारत जैसे देश में 5G अभी दूर की कौड़ी है. न तो इसके लिए अभी सरकार ही तैयार है और न ही देश की जनता. 5G भले ही देश में आ जाए लेकिन घर घर तक पहुंचने में इसे सालों लगेंगे. बाकी जैसा कि हम उपरोक्त कारणों के जरिये पहले ही इस बात को बता चुके हैं कि देश में 5G का मतलब सिर्फ नए फ़ोन लेना नहीं है और न ही 5G से मुराद बिना बफरिंग के वीडियो देखना है.
बहरहाल ऊपर की पंक्तियों में जिक्र उन लोगों का भी हुआ है जिन्होंने बिना सर्विस आए 5G फोन खरीद लिए हैं तो ऐसे लोगों से कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि ये कुछ वैसा ही है जैसे हमने शादी की तैयारी तो पूरी कर ली लेकिन लड़की या लड़का अभी खोजा ही नहीं.
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