मोदी का 'देसी GPS' टक्कर देगा अमेरिका को
भूल जाइए गूगल मैप... अब सही मंजिल पर पहुंचाने के लिए मोदी का देसी जीपीएस आ रहा है. लॉन्च होते ही इतिहास में नाम भी लिखा जाएगा.
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कहीं जाना है और रास्ता पता नहीं तो लोग गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि वही एक ऐसा मैप है जो सही मंजिल तक पहुंचाता है. लेकिन अब मोदी एक ऐसा एप लेकर आ रहे हैं. जिससे आप गूगल मैप भूल जाएंगे. अब भारत में गूगल को टक्कर देने के लिए देसी GPS तैयार हो रहा है.
अगर आप कभी रास्ता भटकेंगे तो आपको ये देसी जीपीएस मदद देगा. इस जीपीएस का नाम है NavIC. अगर ये देसी जीपीएस आया तो हम जीपीएस के मामले में अमेरिका से भी आगे निकल जाएंगे. इसकी लॉन्चिंग की तैयारी जोरों पर चल रही है.
2018 में होगी एन्ट्री
NavIC नाम का ये जीपीएस पूरी तरह से मेक इन इंडिया होगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो 2018 तक ये भारतीय बाजार में आ जाएगा. दावा भी किया गया है कि आने वाले वक्त में ये जीपीएस दुनिया के हर मुल्क के जीपीएस को कड़ी टक्कर दे सकेगा. इस एप को अहमदाबाद में स्पेस एप्लिकेशन सेंटर मे तैयार किया जा रहा है. ये पूरा काम पीएम की नजरों के सामने हो रहा है. पीएम छोटी से छोटी जानकारी ले रहे हैं. फिलहाल इस पर अभी टेस्टिंग चल रही है.
पीएम मोदी ने रखा था नाम
NavIC का मतलब नाविक या नेविगेटर होता है. जब IRNSS-1G की लॉन्चिंग हुई थी. तो उस वक्त पीएम मोदी ने ही इसे नाम दिया था. ये जीपीएस देशभर में कहीं भी, किसी भी लोकेशन का सही और सटीक डेटा यूजर तक पहुंचा सकेगा.
ये एप अमेरिका को देगा टक्कर
अमेरिका का जीपएस सिस्टम फिलहाल 24 सैटेलाइट के पर काम करता है. भारत का नेविगेशन सिस्टम 7 सेटेलाइट पर काम करेगा, लेकिन वह अमोरिका से कहीं ज्यादा कारगर है. जहां, यूएस का जीपीएम 20-30 मीटर पर पोजिशन दिखाता है, नाविक की लिमिट 5 मीटर है.
बता दें कि अमेरिका ने अपना जीपीएस सिस्टम साल 1973 में शुरू कर दिया था. इस बीच 1999 में करगिल में भारत ने जब इसकी मदद मांगी तो अमेरिका ने साफ मना कर दिया. इसके बाद से ही भारत ने अपने नेविगेशन सिस्टम बनाए जाने पर काम शुरू कर दिया था.
अमेरिका के अलावा रूस का ग्लोनास और यूरोपियन यूनियन का गेलिलियो नाम का अपना जीपीएस सिस्टम है. NavIC के लॉन्चिंग के साथ ही भारत उन देशों में शुमार हो जाएगा, जिनका अपना जीपीएस सिस्टम होगा.
भारत में गूगल मैप ही एक ऐसा नेविगेशन एप है जो सबसे सटीक लोकेशन देता है. इसके अलावा कोई ऐसा एप नहीं. मोदी की फेन फॉलोइंग देखकर लगता है कि लॉन्च के बाद लोग मोदी की तरह इस देसी जीपीएस को भी जरूर अपना लेंगे.
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