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Updated: 08 नवम्बर, 2018 07:29 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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जैसे-जैसे बाजार में आए दिन नए मोबाइल फोन आ रहे हैं. तमाम मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए मुकाबला टफ हो रहा है. कहा जा सकता है कि प्रतियोगिता के इस दौर में वही ब्रांड लम्बी पारी खेल पाएगा जो अपने ग्राहकों के हित का ध्यान रखेगा. बात ग्राहकों के हित की चल रही है, और इसी के मद्देनजर दो बड़ी कंपनियों पर जुर्माना लगा है. इटली की Italian Competition and Market Authority (AGCM) ने एपल और सैमसंग पर 124 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.

दोनों कंपनियों पर गंभीर आरोप लगे हैं कि नए अपडेट के बाद वे अपने पुराने फोन सिर्फ इसलिए धीमे कर देते हैं ताकि ग्राहकों के पास नए फोन खरीदने के अलावा कोई अन्य विकल्प न बचे.  एपल पर 10 मिलियन यूरो (83.46 करोड़ रुपए) और सैमसंग पर 5 मिलियन यूरो (41.73 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही दोनों कंपनियों के लिए ये जरूरी हो गया है कि वो अपनी इटैलियन वेबसाइट पर अथॉरिटी के इस फैसले की जानकारी दें.

एपल, सैमसंग, मोबाइल, जुर्माना, इटली कहना गलत नहीं है कि इस भारी भरकम जुर्माने से एपल और सैमसंग दोनों की साख प्रभावित हुई है

पूरे मामले पर अपना तर्क पेश करते हुए AGCM का कहना है कि, मोबाइल फोन को अपग्रेड करने के जो अपडेट आते हैं, असल में वे अपडेट फोन को अपग्रेड करने के बजाए डी-ग्रेड करने का काम करते हैं. AGCM के अनुसार इन अपडेट्स का उद्देश्य बस इतना है कि कैसे भी करके यूजर नया फोन खरीद ले.

ध्यान रहे कि एजीसीएम के पास ऐसे मामलों की लम्बी फेहरिस्त थी जिसमें ग्राहकों द्वारा उससे कहा गया था कि कंपनियां उन पर दबाव बना रही हैं कि वो फोन को अपडेट करें और जैसे ही वो फोन अपडेट कर रहे हैं उससे फोन की परफॉरमेंस बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इसी साल जनवरी में एजीसीएम ने इन सभी मामलों का संज्ञान लिया और ये पाया कि ग्राहकों की बात सही है. कस्टमर हित को ध्यान में रखकर एजीसीएम ने तत्काल प्रभाव में एक्शन लिया और एपल पर 10 मिलियन यूरो और सैमसंग पर 5 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया.

फ़िलहाल मामले पर अब तक सैमसंग ने चुप्पी साधी है जबकि एपल ने माफ़ी मांगते हुए iphone 6 और iphone 6s की बैटरियां सस्ती कर दीं हैं. ध्यान रहे एजीसीएम के पास आई हुई शिकायतों में ऐसे ग्राहकों की संख्या ज्यादा थी जो iphone 6 या फिर iphone 6s इस्तेमाल कर रहे थे.

अपडेट के बाद क्यों धीरे हो जाते हैं फोन?

किसी भी नए अपडेट के बाद फोन का धीमा होना मालफंक्शन का परिणाम है. प्रायः ये देखा गया है कि जब भी मोबाइल निर्माता कंपनियां फोन के लिए नया अपडेट देती हैं तब उनके द्वारा इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि ग्राहकों की सुगमता के लिए उसमें पुराने बग्स फिक्स किये गए हैं.

अब चूंकि हमारा फोन पुराना होता है और उसमें पहले ही तमाम एप्स मौजूद होते हैं. हम नया अपडेट इंस्टाल करते वक़्त इस बात का बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते कि जो एप हमारे मोबाइल में हैं वो हमारे मोबाइल के लिहाज से सही हैं भी या नहीं.

इसके अलावा फोन की परफॉरमेंस के लिए बैटरी भी काफी हद तक जिम्मेदार होती है. हममें से शायद ही कोई ऐसा होगा जो अपडेट इंस्टाल करते वक़्त फोन में बैटरी का लेवल चेक करता हो.

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हां, एपल के फोन अपडेट के बाद धीमे होते हैं

इटली में एजीसीएम के अलावा भारत में भी कई यूजर हैं जो ये मानते हैं कि अपडेट के बाद एपल के फोन धीमे होते हैं. इस विषय को यदि गहराई से समझना हो तो हमें कुछ दिनों पहले Reddit पर छपा एक यूजर का नोट पढ़ना चाहिए.

reddit पोस्ट में TeckFire नाम के यूजर ने लिखा था कि वो iPhone 6S इस्तेमाल कर रहा था जिसे उसने iOS 11 पर अपडेट किया. अपडेट के बाद उसे महसूस हुआ कि उसका फोन स्लो हुआ है. उसने मामले की जांच पड़ताल की तो सामने आया कि चूंकि उसका फोन पुराना था तो उसे जो भी दिक्कतें हुईं वो अपनी बैटरी के कारण हुई. उसने फोन में नई बैटरी लगवाई और दोबारा अपडेट किया इस बार फोन की परफॉरमेंस सही थी.

यानी इस बात से ये साफ हो गया है कि यदि फोन की बैटरी सही हो तो अपडेट में फिर और दिक्कतें नहीं आती.

बाद में एपल ने लिया घटना का संज्ञान

TeckFire के उस पोस्ट का एपल ने गंभीरता से संज्ञान लिया और ये कहते हुए मामले से अपना पल्ला झाड़ दिया कि जैसे-जैसे फोन पुराना होता है उसकी बैटरी की काम करने की क्षमता चली जाती है. कंपनी ने तब ये भी माना था कि फोन की अच्छी परफॉरमेंस के लिए कस्टमर्स को बैटरी का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए.

गौरतलब है कि एपल हमेशा ही एक प्रीमियम प्रोडक्ट रहा है मगर इस जुर्माने के बाद जो उसकी किरकिरी हुई है उसका खामियाजा उसे अपने लॉयल कस्टमर्स खो कर भुगतना पड़ेगा. अब इस खबर के बाद लोगों के एपल का क्रेज कितना रहेगा ये हमें आने वाला वक़्त बताएगा मगर जो वर्तमान है वो यही बता रहा है कि सबके साथ रेस में दौड़ता हुआ एपल भी अब सबकी तरह होता जा रहा है. 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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