इंटरनेट बैन के बाद भी इस तरह कश्मीरी इस्तेमाल कर रहे हैं सोशल मीडिया...
इस नई जानकारी से ये तो साबित हो गया कि सरकार के द्वारा किए गए इंतज़ाम नाकाफी हैं. इंडिया टुडे के टेक एडिटर जावेद अनवर कहते हैं कि ऐसा करना बहुत आसान है.
-
Total Shares
भारत की आज़ादी के समय से ही कश्मीर आग में झुलस रहा है. धरती की जन्नत कहा जाने वाला कश्मीर फेमस तो है, लेकिन अब चर्चा में बने रहने के कारण हमेशा गलत ही होते हैं. अब इसी कड़ी में एक और विवाद गहरा गया है. कश्मीर में सोशल मीडिया बैन कर दिया गया है शायद ये खबर आपने सुनी होगी, लेकिन कश्मीरी बैन के बावजूद सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर या ट्वीटर का इस्तेमाल कर सरकार को मुंह चिढ़ा रहे हैं. सोशल मीडिया बैन ने कश्मीरी युवाओं को बैन तोड़ने के नए तरीके खोजने पर मजबूर कर दिया.
कश्मीरी धड़्ल्ले से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं
इस नई जानकारी से ये तो साबित हो गया कि सरकार के द्वारा किए गए इंतज़ाम नाकाफी हैं. इंडिया टुडे के टेक एडिटर जावेद अनवर कहते हैं कि ऐसा करना बहुत आसान है. अगर किसी के पास 2G इंटरनेट कनेक्शन भी है तो भी VPN की मदद से आसानी से बैन की गई साइट इस्तेमाल कर सकता है. VPN की मदद से कोई भी इंसान कई देशों की लिस्ट में से किसी एक देश का सर्वर एक्सेस कर सकता है और ऐसे अपनी पसंद की साइट एक्सेस की जा सकती है, भले ही आपके सर्वर पर ये बैन हो, लेकिन फिर भी किसी अन्य देश के सर्वर से साइट खुल जाएगी.
सरकार ने कश्मीर में वॉट्सएप, ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक सहित करीब 2 दर्जन वेबसाइट्स को बैन किया गया है. लेकिन ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसएनएल के अलावा, बाकी सभी प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर्स की स्पीड ऐसी है कि लोग VPN का इस्तेमाल कर लें. इस बीच कोरिया और जापान के सर्वर का इस्तेमाल बढ़ गया है. साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना है कि आईटी एक्ट में खामियों के चलते ऐसा करना संभव है.
कश्मीरियों के सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना और VPN का इस्तेमाल करना सरकार के लिए एक चेतावनी है कि अब हमारे आईटी एक्ट को बदलने की जरूरत है और ये पुराना हो गया है. तकनीक के बदलने के साथ नियमों का बदलना भी जरूरी है. अब समय आ गया है कि देश अपने कानून में थोड़ा बदलाव करे और नियम तय करे जिससे सर्विस प्रोवाइडर एंटी इंडिया कंटेंट अपने नेटवर्क पर आने ही ना दें. ये हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है.
क्या है VPN-
वीपीएन का मतलब होता है वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क ये किसी भी प्राइवेट नेटवर्क को पब्लिक नेटवर्क की तरह बढ़ा सकता है. आसान भाषा में ये तरीका किसी भी यूजर को मैसेज भेजने या रिसीव करने में मदद करता है. इसमें आपका मौजूदा नेटवर्क बदल जाता है और आप एक पब्लिक नेटवर्क का हिस्सा हो जाते हैं.
कश्मीर में वीपीएन नेटवर्क का इस्तेमाल हो रहा हैवीपीएन एक तरह की सुरंग होती है जो आपके डिवाइस और इंटरनेट की अलग-अलग जगहों के बीच बन जाती है. इसे आम तौर पर नेटवर्क सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसकी मदद से आपका डिवाइस यूके, फ्रांस, जापान, कोरिया, स्विडेन या थाईलैंड के सर्वर से कनेक्ट किया जा सकता है. इसके बाद आपके डिवाइस और उस सर्वर के बीच कनेक्श बन जाएगा.
सरकार के खिलाफ कश्मीर में हो रहे विरोध तेज हो गए हैं. यहां तक कि स्कूल जाने वाली लड़कियां तक इसमें हिस्सा ले रही हैं. विपक्षी दलों ने NDA सरकार की कश्मीर को लेकर नाकामी गिनवाईं हैं. सरकार की कश्मीर पॉलिसी किस तरह से नाकाम रही है ये सभी ने देखा है. लगातार सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से हो रही फाइरिंग इस बात का सबूत है. कश्मीर में इस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल काफी खतरनाक हो सकता है.
ये भी पढ़ें-
आपकी राय