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ताबिश सिद्दीकी
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ताबिश सिद्दीकी
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एक मुसलमान के घर मूर्ति का होना क्या इतना बड़ा गुनाह है... !
ग्यारह साल के बच्चे को 'एक कार्टून' के लिए दोष देना और उस वजह से पचासों लोगों की दुकानें जला देना 'धर्म' नहीं है. ये 'राजनैतिक दादागिरी' है. और आपके धर्म का ढांचा कुछ नहीं अब सिर्फ 'राजनीति' है.
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समय आ गया है कि हम सब बुद्ध को जानें और समझें
गुस्से में एक व्यापारी बुद्ध के पास जाता है. गुस्सा इस चरम पर होता है कि पहुंचते ही वो बुद्ध के मुंह पर थूक देता है. जवाब में बुद्ध आंख खोलकर मुस्कुरा देते हैं.
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महिलाओं की आजादी के मायने नग्नता नहीं है जनाब !
भारत की जिस महिला ने लंदन में नग्न साइकिल रेस में हिस्सा लिया, उसके चर्चे एक साल बाद हो रहे हैं. इस्लामिक कट्टरपंथी उसकी तस्वीरें प्रोग्रेसिव मुस्लिम महिलाओं के प्रोफाइल पर पोस्ट कर पूछ रहे हैं...
समाज
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ताबिश सिद्दीकी
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होली को हराम बताने वाले ये जवाब भी सुन लें...
ये हदीसें आज लगभग सौ प्रतिशत मुसलमानों के जीने का ढंग निर्धारित करती हैं. ये किताबें और ये बातें जो सैकड़ों साल पहले उस समय और परिवेश के अनुसार रची गयीं वो आज हम इक्कीसवीं सदी के लोगों को बताएंगी कि कैसे जियें.
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ताबिश सिद्दीकी
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एक धर्मांध इंसान की खतरनाक दिनचर्या !
वो व्यक्ति कभी भी स्वस्थ नहीं होगा जो 25 साल की उम्र में पागलपन की हद तक धार्मिक हो. और ऐसे बच्चे को जितना हो सके अपने मौलानाओं से दूर रखिये. क्योंकि मनोविज्ञान की उन्हें रत्ती भर समझ नहीं होती.
समाज
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ताबिश सिद्दीकी
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हिंदुओं के उत्सव प्रेमी होने के फायदे...
उत्सव से पाप और पुण्य को किनारे रखिए. नाचिए गाईए और बिना मतलब ही एक दूसरे से ख़ुशी बाँटिए. राम जी अयोध्या से वापस आए या पांडव अपने वनवास से वापस आए.. वजह कोई भी हो मगर दिए जलाना मत भूलिए.