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डॉ. फैयाज अहमद फैजी
faizianu
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लेखक, अनुवादक, शोधकर्ता, स्तंभकार मीडिया पैनलिस्ट पसमांदा सामाजिक कार्यकर्ता एवं पेशे से चिकित्सक
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सियासत
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डॉ. फैयाज अहमद फैजी
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पसमांदा मुसलमानों को तवज्जो मिली तो अशराफों को कितना मंजूर होगा?
इस्लामी शिक्षा के भी अनुसार साधन संपन्न मुसलमान पर ही यह जिम्मेदारी आती है कि वो अपने वंचित मुसलमान भाइयों को ऊपर लाने के लिए काम करे. लेकिन, साधन संपन्न अशराफ मुसलमान (Ashraf Muslim) इसकी जिम्मेदारी उठाना तो दूर, इसकी आवाज दबाने का पूरा प्रयास करता हुआ दिख रहा है.
सियासत
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क्यों जरूरी है पसमांदा मुसलमानों को अलग पहचान मिलना, आइये जानते हैं...
विदेशी अशराफ मुसलमान और देशज पसमांदा मुसलमान के जातिगत एवं सांस्कृतिक विभेद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. ऐसे तमाम मौके आए हैं जब अपने को अशराफ कहने वाले मुसलमानों द्वारा पसमांदा मुसलमानों का तमाम तरीकों से शोषण किया गया.
सियासत
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डॉ. फैयाज अहमद फैजी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'पसमांदा नीति' के मायने क्या हैं?
राजनीति की स्थापित परिपाटी से अलग पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पहले देशज पसमांदा (Pasmanda Muslim) को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और महत्त्वपूर्ण राज्य के शासन में भागीदारी दिलवाई. लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी धार्मिक भेदभाव के सभी जरूरतमंदों तक पहुंचवाया. अब जाकर अपने कार्यकर्ताओ को निर्देश दे रहें हैं कि समाज में पसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने का प्रयास करें.