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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
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लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. इनको राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.
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लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. इनको राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.
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सियासत
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3-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
वीर सावरकर का सियासी दल विरोध कर सकते हैं, लेकिन भारत की जनता नहीं!
2002 में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न के रूप में सम्मानित करने का वादा वाजपेयी के शासन के दौरान सामने आया था, लेकिन राष्ट्रीय नाराजगी के बाद इसे खारिज कर दिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय मनमोहन सिंह ने साल 2005 में अंडमान निकोबार के हवाई अड्डे का नाम बदलकर वीर सावरकर कर दिया था.
समाज
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22-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
ब्राह्मण एक वेद है, एक वेदांत है, ब्राह्मण एक व्याकरण है
पंडित जवाहरलाल नेहरू थे, जो जाति से ब्राह्मण थे,कर्म से ब्राह्मण थे, भारत के प्रथम सेवक थे, उस संस्थापक के हाथों नींव में पड़ी ईट पर तुम लोगों ने ब्राह्मण भगाओ देश बचाओ को लिख दिया. इस अशोभनीय कार्य के लिए सदियां उन्हे माफ नहीं करेगी.
सियासत
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21-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
भारत दुनिया का सबसे नौजवान मुल्क, बावजूद उसके हमारे सामने चुनौतियों का पहाड़ है
सवाल इतिहास जानने और पढ़ने का नही है साथियों, इतिहास बनने का है.परिस्थितिया व्यक्तित्व का निर्माण करती है और आज वो परिस्थित है.
समाज
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5-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
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सत्ता के विनाश के साथ समाज अपनी सभ्यता और संस्कृति भी नष्ट करते जाता है!
जब जब सत्ता नष्ट हुई है, तब तब समाज अपनी सभ्यता व संस्कृति को भी नष्ट करते जाता है. दुःख तब और बढ़ जाता है जब तत्कालीन राजाओं को कुछ दिखता नहीं. खोने और पाने के खेल में राजा बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि राजा कृष्ण है तो कर्मण्येवाधिकारस्ते कहेगा.
सियासत
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33-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
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मुसलमान भारतीय संविधान के तहत चलने में असहज सा महसूस करता है?
ज़माने के ज़िम्मेदार लोग आबादी को आतंक से और गरीबी को गिरजाघर से जोड़ कर अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो गए. मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है कि दोनों में से एक के लिए अगर हिंदुओं का अतिवाद है, तो दूसरी तरफ मुसलमानों की कट्टरवादिता.
सियासत
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35-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
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अब दलीय सरकारों से देश की जनता का उत्थान नहीं होगा, होना होता तो अब तक हो जाता
हिंदुस्तान का हर नौजवान किसी न किसी विचारधारा के रोग से ग्रसित है. क्या उस विचारधारा से गांव के गरीब के जीवन में अमूल-चूल परिवर्तन हुआ? बेटियों से बलात्कार तब भी होता था और आज ज्यादा हो रहा है? भ्रष्टाचार तब छुप छुपा के था आज खुल्लम खुल्ला हो रहा है, पुलिस तब भी कहर बरपाती थी, आज फ़र्ज़ी मुकदमों में फ़साती है, तब जातिवाद न के बराबर था और आज जाति ही सबकुछ है.
सियासत
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4-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
भारत मे जितने दल हैं, उनके सबके अपने अपने लोकतंत्र हैं...
जिस सवाल से दुनिया आज यहां पहुंची है, वही सवाल भारत मे आंखों के सामने मरता रहा और हम खामोश होकर देखते रहे. कोरोना की कहर ने भारत की तमाम तरह की सरकारों के रवैय्ये को तार तार कर दिया. पर सरकारों में आस्था रखने वालों ने भी अपनी अपनी सरकारों से सवाल नही किया. यही भारतीय लोकतंत्र की मौत है.
सियासत
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5-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
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अपराधियों को संसद-विधानसभा भेजने वालों से संविधान सवाल कर रहा है
महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि मेरे मरने के बाद मेरी सारी किताबों को जला देना, क्योंकि दुनिया मुझे मेरी किताब से नहीं, मेरे आचरण से मुझे याद करेगी. आज उसी दुनिया में गांधी की समाधि पर कसम खाने वालों का आचरण हम सभी देख रहे है.
सियासत
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22-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
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कहानी: सदियों पुरानी अयोध्या नामक सांस्कृतिक चेतना क्यों अचेतन हो गई?
जिस शहर में बुर्जुआ से ज्यादा बेरोजगार चलते मिलेंगे. जो कभी नहीं जानते कि यह सड़क सत्य के साथ शुरू होती है. वह सत्य अयोध्या है. सिर्फ़ और सिर्फ अयोध्या.
सियासत
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22-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
इतिहास खुद को कैसे दोहराता है, ये नीतीश-तेजस्वी प्रकरण से समझिए
बीजेपी का कहना है कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मारने की तैयारी में हैं. वे तेजस्वी यादव को भी अब धोखा देने वाले हैं. क्योंकि उनको पता चल गया है कि बीजेपी मोकामा और गोपालगंज दोनों सीट जीतने जा रही है. बीजेपी के इस आरोप के पीछे की कहानी क्या है.
सियासत
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3-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
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भारत का लोकतंत्र बहुत बड़ा है, इसे बड़ा बनाया भारत की महान जनता ने...
दोस्तों मैं कहूंगा कि टिकट बेचने और खरीदने वालों को वोट मत देना, शराब और साड़ी बाटने वाले,आपको बेहोश करेंगे फिर लोकतंत्र को लूटेंगे. अच्छे लोगो को वोट देना शुरू करिये, पार्टियां भी अच्छे लोगो को टिकट देंगी. वोट देने से पहले ज़रूर पूछियेगा.
समाज
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3-मिनट में पढ़ें
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कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
भारत को बदलना है तो लड़ना सीखिए, उस गरीबी से लड़िये जो गांव में स्थिर है!
देश बदलता है तो लड़ना होगा. इसलिए उस पूंजी के खिलाफ लड़िये जो प्रतिभाओं के हक़ और हक़ूक़ को मार रही है, उस बहन-बेटियों के सुहाग के लिए लड़िये जो भारत मां की कोख से पैदा होने के पहले ही मार दी जा रही है, उस भ्र्ष्टाचार से लड़िये जो रुपये में कम आचरण में ज्यादा हो.