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श्वेत कुमार सिन्हा
@ShwetkumarsinhaWhiteBee
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लेखक एक कहानीकार हैं. फिल्मों के लिए भी कहानियां लिखते हैं.
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समाज
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3-मिनट में पढ़ें
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श्वेत कुमार सिन्हा
@ShwetkumarsinhaWhiteBee
हाथों में गुलाब पकड़े प्रेम चतुर्दशी का प्रेममयी पदार्पण हो चुका है!
14 फरवरी नज़दीक आने को है और गुलाब अपनी ख़ुशबू से सबों को राग-द्वेश त्यागकर प्रेमराग फैलाने का संदेश दे रहा है. चाहे शाहजहां हो या दशरथ मांझी, प्रेम के इस पवित्र सप्ताह में फूहड़पन को त्यागकर आइए प्यार की इन प्रतिमूर्ति को याद करें और समूचे संसार के समक्ष एक ऐसा उदाहरण पेश करें जो आने वाली नस्लो के लिए एक मिसाल बनकर सामने आए.
समाज
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4-मिनट में पढ़ें
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श्वेत कुमार सिन्हा
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भरे बाजार में आज बाबू कहकर आवाज क्या लगाई, कुछ इधर गिरे कुछ उधर
समाज की मनोदशा से रूबरू कराती एक लघू व्यंग्य कथा...
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श्वेत कुमार सिन्हा
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...और अपने पिता के आंसू देख जब मैं हज़ार मौत मरा
'सर, दादू अब सो गए हैं. आप भी जाइए और जाकर आराम करिये.' नर्स ने धीमे स्वर में कहा. पिताजी के शांत और निश्चल चेहरे पर नज़रें टिकाए मैं आईसीयू से बाहर आ गया. पर मन तो वहीं पिताजी के सिराहने छोड़ आया था और कहां जानता था कि यह उनसे मेरी आखिरी मुलाकात होगी.
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श्वेत कुमार सिन्हा
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प्रेरक कहानी: सुशीला की सेवानिवृत्ति
सुशीला मात्र 8ठवीं तक पढ़ी थी. एक सरकारी दफ्तर में चपरासी के पद पर कार्यरत थी. नौकरी के 30 साल बाद रिटायर हो रही थी. फेयरवेल के दिन सुशीला के बारे में जो खुलासा हुआ, वो हर किसी को हैरान कर देने वाला था. सभी को पानी-चाय पिलाने वाली सुशीला का राज ऐसा होगा किसी ने सोचा तक नहीं था. एक दिलचस्प कहानी, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए.
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श्वेत कुमार सिन्हा
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अच्छा... तो बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे?
हम अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, जज या कलक्टर बनने की बात तो बता देते हैं. पर उससे भी पहले जो जरूरी बात है वो बताना शायद भूल ही जाते हैं. जी हां सही सुना आपने। हम अपने बच्चों को बताना भूल जाते हैं कि ज़िन्दगी में और कुछ बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना ज्यादा जरूरी है.
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श्वेत कुमार सिन्हा
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क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी?
फिर थोड़ी देर में विदाई समारोह समाप्त हुआ. ऑफिस के सभी लोगों ने भींगी आंखों से सुशीला को विदा किया. सुशीला को साथ लिए उसके तीनों बच्चे वापस घर की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे-पीछे पुलिस का कारवां भी चल पड़ा, जिसे ऑफिस के सभी स्टाफ अपनी खिड़की से देख रहे थे.
समाज
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श्वेत कुमार सिन्हा
@ShwetkumarsinhaWhiteBee
कहानी: जब अर्जुन के समक्ष परिवार या पैसे में से किसी एक को चुनने का प्रश्न आया
मां अब अर्जुन के ही साथ रहती है. बड़ी बहन विमला का वीरेन्द्र के साथ कहा-सुनी होने के बाद से आना-जान बंद है और मायके के नाम पर केवल अर्जुन और उसका परिवार ही रह गया है. अर्जुन की पत्नी आशा अब भी पूरे परिवार को एकसूत्र में पिरोए रखने का कोई भी प्रयास अपने हाथों से जाने नहीं देती.
समाज
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श्वेत कुमार सिन्हा
@ShwetkumarsinhaWhiteBee
आंखो में आसूं भर आए जब सिंदूर जमीन पर जा बिखरा...
महिला चाहे मॉडर्न हो या रूढ़िवादी पति की मौत गम का पहाड़ होती है. पति के जाने के बाद एक महिला के सामने कौन कौन से संकट होते हैं उसे बताती है ये खूबसूरत कहानी.
समाज
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श्वेत कुमार सिन्हा
@ShwetkumarsinhaWhiteBee
भूख -बीमारी से आंख-मिचौली खेलती शब्बो जैसी मनहूस किस्मत किसी भी न हो!
समाज के हाशिए पर खड़ी एक वेश्या की मर्मस्पर्शी कहानी, जो शायद ही कभी किसी की पत्नी होने का दर्जा पाए. वह मां तो है लेकिन तमाम परेशानियां हैं जिनका सामना उसे अपनी रोजाना की जिंदगी में करना पड़ता है.