आधार से सबसे पहले फ्रॉड क्यों लिंक होता है !
आधार को हर चीज से जोड़ने का आदेश तो दे दिया लेकिन उसके जरिए हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार कब जागेगी?
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आधार को धीरे-धीरे सरकार ने हमारे जीवन का आधार बना दिया है. आलम ये है कि अब खाने से लेकर बैंक अकाउंट खुलवाने तक के लिए अब आधार जरुरी कर दिया गया है. अगर सिम कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया तो सिम ब्लॉक कर दिया जाएगा. अगर बैंक अकाउंट, आधार से लिंक नहीं कराया तो अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा. अगर गैस कनेक्शन को आधार से लिंक नहीं कराया तो सब्सिडी नहीं मिलेगी. अगर आधार कार्ड नहीं है तो राशन कार्ड पर राशन नहीं मिलेगा. यहां तक की अगर आधार कार्ड नहीं है तो अंतिम यात्रा भी पूरी करने के लिए श्मशान में भी जगह भी न मिले.
लब्बोलुबाब ये की आधार नहीं है तो आपका जीवन निराधार है. लेकिन आधार कार्ड लिंक करवाने में कई खामियां हैं जिसका फायदा असमाजिक तत्व उठाने लगे हैं. लोगों के मेहनत की कमाई को फर्जीवाड़े में उड़ा लिया जा रहा है. लोगों को पूरी जानकारी नहीं होने के कारण इस तरह की घटनाएं भी लगातार सुनने को मिल रही हैं.
आधार कार्ड नंबर किसी को भी देने से पहले सोच-समझ लें
ताजा मामला देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) का सामने आया है. LIC ने ट्वीट कर कहा है कि अपनी पॉलिसी को एसएमएस द्वारा आधार से लिंक करने की कोई सेवा अभी तक कंपनी ने शुरु नहीं की है. कंपनी लिखती है- "हमें पता चला है कि सोशल मीडिया पर हमारे प्रतीक चिन्ह और लोगो के साथ एक मैसेज धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. इसमें पॉलिसीहोल्डरों से कहा गया है कि दिए गए नंबर पर अपना आधार नंबर मैसेज करके उसे अपनी एलआईसी पॉलिसी के साथ जोड़ें." LIC आगे लिखती है- "एलआईसी पॉलिसी को एसएमएस द्वारा आधार नंबर से जोड़ने की सेवा जब भी कंपनी द्वारा शुरु की जाएगी तो हमारे वेबसाइट पर इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध होगी."
Notice - regarding linking of Aadhaar Number through SMS pic.twitter.com/wun1sCKyCV
— LIC India Forever (@LICIndiaForever) November 23, 2017
सरकार के नियमों के अनुसार एलआईसी पॉलिसी धारकों को अपना आधार और पैन नंबर जुड़वाना अनिवार्य है. इसके लिए एलआईसी ने उपभोक्ताओं अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है.
खैर एलआईसी के साथ हुई ये घटना कोई पहली घटना नहीं है. सरकार द्वारा आधार जरूरी करने के बाद से फर्जीवाड़े का ये बाजार दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि सरकार ने लोगों को अपनी प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करवाने का आदेश जारी किया है. इस आदेश वाले सरकारी कागज भी बकायदा लोगों के बीच घूम रहे थे. लेकिन ये एक फर्जी चाल थी. इसका खुलासा हुआ जब पीआईबी के निदेशक फ्रैंक नोरोन्हा ने खुद ट्वीट कर इस तरह के किसी भी आदेश से इंकार किया.
The letter attributed to Cabinet Secretariat on #Aadhaar linking to Land records,is completely fake & mischievous pic.twitter.com/qbk6TsyiII
— Frank Noronha (@DG_PIB) June 19, 2017
इसी तरह फोन को आधार से लिंक कराने के नाम पर लोगों से उनके आधार नंबर ले लिए जा रहे हैं और फिर उनके खाते से पैसे निकाल लिए जा रहे हैं. दिक्कत ये है कि पुलिस भी इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने में नाकाम साबित हो रही है. इसमें कॉलर खुद को आधार का कर्मचारी बताते हुए सामने वाले से उसका आधार नंबर मांगता है, और उसे कहता है कि ये कंफर्मेशन कॉल है. इसलिए फोन पर जो अभी कोड आया वो बताएं. लोग इस फर्जीवाड़े को समझ नहीं पाते और वो कोड बता देते हैं. पर दरअसल ये कोड वन टाइम पासवर्ड होता है, जिसके हाथ आते ही अपराधी आधार के वेबसाइट से उस व्यक्ति का फोन नंबर बदल देते हैं. इसके बाद उनका सारा काम हो जाता है. वो आसानी से उस व्यक्ति के अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
इस तरह कई लोग अब तक अपनी जमापूंजी लुटा चुके हैं. तो अब सरकार को सोचना है कि आखिर कैसे वो इन फर्जीवाड़ो पर लगाम लगाए और एक ऐसी व्यवस्था लाए जिसका तोड़ अपराधी तत्व के पास न हो.
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