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Updated: 16 जनवरी, 2020 10:07 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं

सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं

सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से

सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं

सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की

सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं

उपरोक्त पंक्तियां यक़ीनन बहुत सुन्दर हैं और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के मशहूर शायर 'अहमद फ़राज़' ने कही हैं. अहमद फ़राज़ की इस नज़्म पर गौर करें तो मिलता है कि इस रचना में शायर आशिक तो है ही साथ ही वो आशावादी भी खूब है. आशावादी होना यूं भी अच्छी बात है. पॉजिटिविटी बानी रहती है. बात जब पॉजिटिविटी के सन्दर्भ में निकली है तो क्या इंडिया क्या पाकिस्तान पॉजिटिव लोग हमारे आसपास बहुतायत में रहते हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी(Subramanian Swamy) भी बहुत पॉजिटिव आदमी हैं. देश में रुपए (Indian rupee) की हालत कैसी है? ये न तो हमसे आपसे छिपा है और न खुद पीएम मोदी से. डॉक्टर स्वामी के पास इस समस्या को पार लगाने का समाधान है. उन्होंने सकारात्मकता की मिसाल कायम करते हुए रुपये की स्थिति सुधारने के लिए एक बेहद अनोखा सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि वह नोटों पर देवी लक्ष्मी की तस्वीर प्रकाशित (Lakshmi Photo on Indian Currency idea from Subramanian Swamy) करने के पक्ष में हैं. स्वामी का मानना है कि यदि ऐसा होता है तो इससे भारतीय मुद्रा (Subramanian Swamy Idea to improve economy) की स्थिति अच्छी होगी.

सुब्रमण्यम स्वामी, अर्थव्यवस्था, रुपया, मोदी सरकार, Subramanian Swamy  सुब्रमण्यम स्वामी ने जो कहा है उसे इसलिए भी मान लेना चाहिए क्योंकि वो सकारात्मक बात है

आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश के खंडवा में आयोजित लेक्चर 'स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला' को संबोधित करने के बाद स्वामी ने ये राय पेश की है. ऐसा बिलकुल नहीं था कि ये सुझाव स्वामी ने यूं ही दिया. उनसे इसे लेकर बाकायदा सवाल हुआ और सवाल के लिए आधार बनाया गया इंडोनेशिया के नोटों को.

दरअसल इंडोनेशिया में नोट पर भगवान गणेश की तस्वीर होती है. उन्हीं तस्वीरों को लेकर पत्रकारों से स्वामी से सवाल पूछा था. इस बात में कोई शक नहीं है कि डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी हाजिरजवाब आदमी हैं. उन्होंने झट से जवाब दिया. स्वामी ने कहा कि मैं तो कहता हूं कि हमारे नोट पर भी लक्ष्मी (Laxmi) का चित्र होना चाहिए. गणपति विघ्नहर्ता हैं, लेकिन देश की करेंसी (Currency) को सुधारने के लिए लक्ष्मी का चित्र लगाया जा सकता है और किसी को इसमें बुरा नहीं लगना चाहिए.'

इसके बाद स्वामी से कुछ सवाल और हुए जिसका जवाब देते हुए उन्होंने बंदूक पीएम मोदी के कंधों पर रख दी. स्वामी ने कहा कि,  देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को सुधारने के लिए नोटों पर लक्ष्मीजी की फोटो छापने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही जवाब दे सकते हैं. ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही स्वामी ने पीएम मोदी के उस फैसले का समर्थन किया था जिसमें विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलकर उसे रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर करने की बात की गई थी.

खैर, बात अर्थव्यवस्था की हुई है तो हमारे लिए भी ये बताना जरूरी हो जाता है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब इकॉनमी और रुपए पर स्वामी ने अपनी चिंता को जगजाहिर किया है. पूर्व में जब जब आरबीआई के गवर्नरों की नियुक्ति या फिर उनके आने जाने का मामला उठा स्वामी ने आलोचना की और बताया कि उन्हें 'सिस्टम' की कोई समझ नहीं है. यानी कहीं न कहीं स्वामी के दिल में एक दबी छुपी इच्छा ये है कि वित्त मंत्रालय या फिर आरबीआई उनके हवाले कर दिया जाए.

बहरहाल बात की शुरुआत हमने पाकिस्तान के शायर अहमद फ़राज़ के शेर से की थी और बाद में हमने डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी का भी जिक्र किया था. अब क्योंकि बहस का विषय रुपए की स्थिति है तो हम बस ये कहकर बात को विराम देंगे कि.

सुना है बाजार में घटी है अपनी करंसी की कीमत,

चलो कुछ दिन हम भी नोटों पर लक्ष्मी जी की फोटो लगाके देखते हैं

सुना है इससे अपना रुपया होगा मजबूत

तो देर किस बात की नोट पर फोटो लगाके देखते हैं

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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