CWC Meeting: सिब्बल और आज़ाद को न तो ख़ुदा मिला, न ही विसाल-ए-यार
CWC Meeting में कांग्रेस और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से कई बातें हुईं मगर इस मीटिंग में जो सुलूक दो विश्वासपात्रों कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) और गुलाम नबी आज़ाद (Gulam Nabi Azad) के साथ हुआ, ये बेचारे न घर के ही रहे और न ही घाट के हुए.
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मुहल्ले की लड़ाइयां दिलचस्प होती हैं. देखा आपने भी होगा. पता चला लड़ाई की शुरुआती वजह फर्स्ट फ्लोर से नीचे कूड़ा फेंकना और उस कूड़े का अपने घर के दरवाजे पर बैठ पंचायत कर रही महिला पर गिर जाना हो. मगर जैसे जैसे भीड़ जुटती है. लोग बढ़ते हैं. कारण बदल जाते हैं और झगड़े का पूरा स्वरूप ही बदल जाता है बात उस घर की महिला के चरित्र की आ जाती है जहां से कूड़ा फेंका गया. वो महिला जो अपने घर के दरवाजे पर बैठ कर पंचायत कर रही होती है वो फर्स्ट फ्लोर वाली उस महिला को, जिसने कूड़ा फेंका होता है उसे चरित्रहीन बता देती है. फिलहाल झगड़ा कांग्रेस पार्टी (Congress Party) में चल रहा है और पार्टी के आकाओं ने सारा दोष कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) और गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) पर मढ़ दिया है. वर्तमान में ग़ुलाम नबी आज़ाद और काबिल सिब्बल की हालत फर्स्ट फ्लोर पर रहने और कूड़ा फेंकने वाली उस महिला की तरह हो गयी है जिसे अपने दरवाजे पर बैठकर पंचायत कर रही दूसरी महिला ने चरित्रहीन बताया है.
कांग्रेस ने जो दुर्दशा सिब्बल और आज़ाद के साथ की भगवान दुश्मन को भी ये दिन न दिखाए
इन बातों को पढ़कर टेंशन में आने की कोई जरूरत नहीं है. आलू या गन्ना बोने पर बैगन और टमाटर नहीं निकलते. आदमी वही काटता है जो उसने बोया हुआ होता है इसलिए यदि आज कांग्रेस पार्टी ने अपने दो मजबूत स्तंभों आज़ाद और सिब्बल की फजीहत की है तो इसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी. जो फ़िल्म आज सिब्बल और आज़ाद के साथ बनी है ऐसी तमाम फिल्में ये दोनों महानुभाव पहले ही डायरेक्ट कर चुके हैं और कई मौके पूर्व में ऐसे भी आए हैं जब आलाकमान ने इन्हें शाबासी दी है. इनकी पीठ थापथपाई है.
जो जानते हैं अच्छी बात है जो नहीं जानते वो समझ लें कि कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है. बैठक में बैठने वाले दो धड़ों ओल्ड और न्यू में विभाजित थे और जैसा रायता मीटिंग में कई मुद्दों के बाद हुआ, वो गतिरोध नजर आया जो बताता है कि युवाओं की एक अलग कांग्रेस है जबकि बूढ़े बुजुर्गों और तजुर्बेकारों की कांग्रेस अलग है.
कंग्रेस वर्किंग कमेटी की इस बैठक में सबसे दिलचस्प रुख पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी का रहा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में आरोप लगाया है कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. राहुल का इशारा सिब्बल और गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं की तरफ था जिन्होंने अभी बीते दिनों ही एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें बदलाव या ये कहें कि परिवर्तन की बात कही गयी थी. चिट्ठी में जो भी बातें लिखी थीं साफ था कि कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी के चुनिंदा नेताओं ने राहुल गांधी कक नकारा मान लिया था.
Kapil sibbal,Gulam Nabi Azad are fooling indian public by creating fake story of congress conflict...they will conclude by selecting somebody from gandhi family.....stope fooling indian people and media ....
— Rajesh Joshi (@rajesh_joshi_in) August 24, 2020
तो भइया बात जब इतबी5 और इस हद तक सीरियस हो राहुल गांधी क्या अगर उनकी जगह पर आप और हम होते और कोई चिट्ठी-चिट्ठी खेलकर हमारी काबिलियत को संदेह के घेरे में डालता तो हम भी आहत नहीं बल्कि बहुत आहत होते.
राहुल भइया के आरोप गंभीर है जिसे सुनकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाराज हैं और पलटवार कर रहे हैं. कपिल सिब्बल चूंकि मीटिंग में ही थे और अपनी बुराई सुनकर उनसे रहा नहीं गया तो वहीं मौके पर ट्विटर खोलकर ट्वीट- ट्वीट खेलने लग गए. पार्टी के बरगदों में स्थान रखने वाले कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया है कि राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं.
मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं. इस ट्वीट के बाद कपिल सिब्बल ने अपने ट्विटर पर लिखा कि राहुल गांधी ने खुद उन्हें बताया कि उन्होंने ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. ऐसे में मैं अपना पुराना ट्वीट हटा रहा हूं.
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him . I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
अच्छा चूंकि बैठक में गुलाम नबी भाई आज़ाद भी मौजूद थे. उन्हें महसूस हुआ कि राहुल गांधी उनसे भी मुखातिब हैं और चूंकि उनपर लगातार आरोप लगा रहे हैं तो झल्लाकर कह बैठे कि अगर वह किसी भी तरह से भाजपा से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे. आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी. हालांकि, बाद में गुलाम नबी आजाद ने अपने बयान को लेकर सफाई दी और कहा कि राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया.
सवाल होगा कि 23 चिट्ठीबाजों में से आखिर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ही क्यों बलि का बकरा बने? तो बताते चलें कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले पार्टी में 'लेटर' का दौर चलाते हुए 'लेटर बम' फोड़ा था. इस खत में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए थे. इसके अलावा ये भी कहा गया था किइस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके.
Are Kapil Sibal or Gulam Nabi Azad not attending the meeting. They have been told that Mr. Gandhi did not say the words attributed to him, and they have agreed, and taken back their words too. I mean, it's worse than the K series. Not the Korean ones.
— Incognito Atmanirbhar Moist. (@prafullsaraf) August 24, 2020
मतलब साफ है कि कहीं न कहीं इन 23 लोगों ने न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि सोनिया गांधी पर भी सवालिया निशान लगाए ऐसे में एक आदर्श बेटे का परिचय देते हुए राहुल गांधी ने इन्हें बीजेपी का एजेंट बताकर हर तरह का बदला ले लिया. बाक़ी इन लोगों का ये रवैया सोनिया गांधी तक को बुरा लगा जिनके ये लोग लंबे समय तक विश्वासपात्र थे और शायद इसी दुख में सोनिया ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी.
Gulam Nabi AzadForm past 45 years you are using your first name so you become a gulam( slave) for Congress.From now you should use your last name Azad( free) in your remaining life. You born free but you made yourself a salve. #gulamnabiazad
— Abu Osama (@AbuOsam79629394) August 24, 2020
अब जबकि राहुल गांधी ने चिट्ठी की टाइमिंग वाली बात कहकर इन नेताओं को न घर का रखा न घाट का, तो बात सीधी है CWC की मीटिंग के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भले ही सिब्बल और आजाद ने पार्टी की राह में इतनी कुर्बानियां दीं हों, पूर्व से लेकर आजतक तीन का 13 किया हो मगर एक चिट्ठी... सिर्फ एक चिट्ठी के कारण इन्हें न तो ख़ुदा मिला न ही विसाल ए यार. शेम, शेम, शेम.
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