Rakesh Tikait बंगाल चुनाव के बाद किसान नहीं राजनेता हैं, AC में तो सोएंगे ही!
किसान नेता राकेश टिकैत की एक तस्वीर वायरल है जिसमें उनके कमरे में कालीन बिछा है और वो एसी की ठंडी हवा में सो रहे हैं. राकेश टिकैत पिछले दिनों कई नेताओं से मिले हैं. बंगाल चुनाव के दौरान तो वे ममता के समर्थन में खुले आम उतर आए. जब तक वो किसान नेता थे, सड़क के किनारे पंडाल में रहते थे. राजनेता बनेंगे तो AC तो लगेगा ही.
-
Total Shares
किस किस को याद कीजिए किस किस को रोइए
आराम बड़ी चीज़ है मुंह ढंक के सोइए.
शेर पढ़िए. शायर कौन है? फिलहाल याद नहीं. मगर जो उसने कहा है, डीप कहा है. ऐसा कि होश में रहने वाला आदमी भी डोप हो जाए. कितनी अच्छी और सच्ची बात है 'आराम.' वही जब हम सोने का जिक्र करें तो सोने को लेकर भले ही समाज और समाज शास्त्रियों की अपनी अवधारणाएं हों लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से सोना ज़रूरी है. जून का महीना है और आखिरी हफ्ता है. गर्मी बहुत है. जैसा मौका लगता है आदमी सोना प्रिफर करता है और अगर सोते हुए आदमी को एसी के फिल्टर से छनकर आती हवा मिल जाए तो? जवाब में सिर्फ चार शब्द होंगे और वो हैं 'किसान नेता राकेश टिकैत' 26 जनवरी 2021 वाली घटना के बाद से भले ही देश का किसान चैन की नींद न सो पाया हो मगर राकेश बाबू को इससे क्या? मैटर वही है 'आराम बड़ी चीज़ है मुंह ढंक के सोइए.' राकेश बाबू सो रहे हैं. बाकी एक ऐसे वक्त में जब हर दूसरी चीज वायरल हो रही हो तो राकेश टिकैत जैसे लोगों ने लोड लेना छोड़ दिया है. और चूंकि फ़ोटो खुद उनकी है तो क्रांति की रौशन शम्मा छोड़ क्यों ही 'इधर उधर ' या ये कहें कि डाइवर्ट करने वाली चीजों का लोड लेना.
तस्वीर देखकर साफ़ है कि एसी की ठंडी हवा का पूरा आनंद लेते हुए सो रहे हैं किसान नेता राकेश टिकैत
जो जानते हैं और समझ गए हैं. ठीक है. जो सबकुछ देखकर भी अंजान या स्थिति से अंजान हैं, जान लें कि किसान नेता राकेश टिकैत की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैली है. फ़ोटो में उनके कैंप में कालीन तो बिछा ही है साथ ही एसी भी है. आलोचना तो क्या ही करें लेकिन खुद सोचिये दिन भर दौड़ धूप करने, जून की गर्मी में गला फाड़ चींखने चिल्लाने और मोदी सरकार पर आरोप लगाने वाला 'मेहनतकश किसान' क्या इतनी भी सुख सुविधाएं डिजर्व नहीं करता? बिल्कुल करता है. अवश्य करता है.
Reality of #FarmersProtestsThe so called poor farmer #RakeshTikait pic.twitter.com/Dvc23eX9Rj
— Vikalp Sharma (@vikalprs) June 26, 2021
भाइयों बहनों जितनी मेहनत बीते कुछ महीनों में राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में की जैसे टिकैत और टिकैत जैसे 'मौका परस्तों' की बदौलत 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली की सड़कों पर लोकतंत्र का नंगा नाच नाचा, कोहराम मचाया आदमी थकेगा ही और ये थकान लंबे समय तक भी रहेगी इसलिए इतना आराम और इस लेवल का आराम तो बनता ही है.
This is the reality of #RakeshTikait He is richest Man in #FarmersProtest vid annual income 6 crPoor Kisan r in field in Hot climate while This crorepati making fool of farmers n resting in AC cabin at protest site. He denied #VACCINE to poor farmers n himself got #Vaccinated pic.twitter.com/1jBxmHFJwi
— Rajveer Yadav (@rajveeryadav00) June 27, 2021
आप कुछ कहें. अच्छा बुरा कुछ भी. उससे पहले टिकैत की तस्वीर देखिए. तस्वीर में किसी बच्चे की तरह सोते टिकैत का भोलापन देखिए. उस शांति और बेफिक्री को देखिए जो टिकैत के माथे पर दिख रही है. क्या हमें अधिकार है इस मासूमियत की, इस भोलेपन की आलोचना का? झांकिए अपने गिरेबान में. पूछिये अपने आप से. एक जवाब पाइए तो फिर दो सवाल और पूछिये अपने आप से. वाक़ई किसान नेता टिकैत की इस क्यूट सी फ़ोटो के बाद हमारी तो हिम्मत ही नहीं हो रही टिकैत के खिलाफ कुछ बोलने की.
#RakeshTikait having a cool nap after luring scores of #Aandolanjeevis to break police barricades&break #Covid protocol#FarmerProtests #FarmersProtest pic.twitter.com/KToFzJ0a88
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_) June 27, 2021
आप मानिए न मानिए लेकिन जितनी बार हम इस तस्वीर को देख रहे हैं जो पहली बात हमारे जहन में आई वो उस कवि की कल्पना थी जिसमें कहा गया था कि
धीरे धीरे आ रे बादल धीरे आ रे
बादल धीरे धीरे जा
मेरा बुलबुल सो रहा है शोर-गुल न मचा
रात धुंधली हो गयी है
सारी दुनिया सो गयी है
सह्जला के कह रही हैं
फूल क्यारी में
सो गयी सो गयी
सो गयी लैला किसी के इंतज़ारी में
मेरी लैला को ओ बादल तू नज़र न लगा
ओ बादल तू नज़र न लगा
मेरा बुलबुल सो रहा है शोर गुल न मचा
धीरे धीरे...
राकेश टिकैत खुद को किसान कहते हैं. मंच पर अपने को किसानों का नेता बताते हैं. हो सकता है कोई हमदर्द आ जाए. अपने मन में छिपा दुख हमसे साझा करते हुए कह भी दे कि, हां भाई किसान को कहां हक़ एसी में रहने का? आखिर वो कैसे एसी की ठंडी हवा के बीच क्रांति से लबरेज ख्याब देख सकता है? उसे कहां हक़ गाड़ियों में बैठने का, सरकारी खर्चे पर विदेश यात्रा करने का, सवाल करने का तो गुरु ऐसा है हमारी पूरी सहानुभूति आपके साथ है. हम आपके दर्द ए दिल, दर्द ए जिगर, दर्द ए गुर्दे से वाकिफ हैं लेकिन दिल पर हाथ रखिये अपनी इस बेशर्मी को ईमानदारी की कसौटी पर रखिये. इसे तौलिये. आपको आपकी बेशर्मी का जवाब स्वयं मिल जाएगा. न हमें कुछ कहने की जरूरत है न आपको कुछ बताने की.
Rakesh Dakait is bothered about Article 370 & all those matters that will allow him to destabilize the govt. & country. Kisan ki chinta, well that‘s just drama. Dalal of anti-India gang.#FarmerProtests? @vikasopikaso #RakeshTikait pic.twitter.com/Cm824JmsaR
— Bachkaani (@bachkaani) June 26, 2021
ग़ालिब की वो बात याद है जिसमें उन्होंने दिल को बहलाने वाली बात कही थी. टिकैत का एसी में सोने वाला ये मैटर भी कुछ कुछ वैसा ही है.
#RakeshTikaitThis govt is crossing every limit of atrocity on farmers pic.twitter.com/9SQow9QVha
— Sajjad Ahmad Khan INC (@SajjadA06226593) June 27, 2021
बेईमानी के इस दौर में टिकैत का उनके सोने का, उनकी अय्याशी का अवलोकन कीजिये. और ज़रूरी पड़े तो इतिहास में जाइये और पन्ने खंगालिए मिलेगा कि हालिया दौर के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जिन्होंने पिछले दिनों कई नेताओं से मुलाकात की है. जिक्र गुजरे दिनों का हुआ है तो हम बंगाल विधानसभा चुनावों को कैसे भूल सकते हैं. बंगाल चुनावों के प्रति जैसा रवैया टिकैत का था वो खुलकर ममता के समर्थन में सामने आए थे और साथ ही मोदी विरोध के चलते उन्होंने ये भी अपील की थी कि लोग एकजुट हों और मंटा के लिए मतदान करें.
मोदी जी अब तो सड़के घर लगने लगी है और दिनचर्या भी उसी तरह से बन गयी है ।किसान थकने वाले नहीं हैं ।आप किसानों के प्रति नफरत छोड़कर किसानों को उनका हक दो#WhyModiHatesFarmers @AHindinews @PTI_News @news24tvchannel @AmarUjalaNews @Vaibhav_AAP @TheDailyPioneer @punjabkesari pic.twitter.com/tYzGp495qt
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 25, 2021
ध्यान रहे तब राकेश टिकैत किसान नेता थे, और तब उस दौर में सड़क के किनारे पंडाल में रहते तने. आज जैसा लेवल और स्टेटस है टिकैत किसी राजनेता से कम नहीं हैं. और हां मित्रों जब व्यक्ति आम नेता से राजनेता बनता है तो फिर उसके कमरे में महंगी कालीन भी लगती है और उस कमरे और कलीन को ठंडा करने के लिए एसी भी.
बहरहाल हम फिर अपनी बात को दोहरा देना चाहेंगे किसी के सोने में बुराई नहीं है. यूं प्रकृति का नियम है सोना। सोकर ही व्यक्ति तरोताजा रह सकता है बाकी वो ऐसी में सोए या बिना एसी के सोए ये उसका भाग्य है. समस्या दिखावा है. टिकैत ने किसान होने का दावा तो किया लेकिन शायद ये भूल गए कि वो कौन कौन सी परेशानियां हैं जिनका सामना उन भोले भाले किसानों को करना पड़ रहा है जिन्हें 3 नए कृषि कानूनों के नाम पर बरगलाया गया और जो अपना घर-बार, एसी-कूलर छोड़ 2 या 3 नंबर पर चलते पंखे के सहारे गाजीपुर, टिकरी जैसी जगहों पर इस जून की चिपचिपी गर्मी में किसी टेंट में सो रहे हैं.
ये भी पढ़ें -
Sushil Kumar तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, बाहुबली बनने पर इतरा रहे हो!
ब्रिटनी स्पीयर्स हो या हिंदुस्तानी लड़की, मर्दों की खाप है उनको खाने को तैयार
सिलबट्टा vs मिक्सी: फेमिनिस्ट बनाम पेट्रिआर्की वाली लड़ाई में नया तड़का
आपकी राय