काले धन के खिलाफ जब से नोटबंदी हुई है भइया कसम से देश में जो कुछ भी हो रहा है ना वो इसके पहले तो देखा नहीं. अब आप ही बताइए जनाब आप कितनी बार एटीएम की लाइन में खड़े हुए हैं? जिनके पास कालाधन है वो तो बस कोशिश में लगे हैं कि कैसे काला धन सफेद हो जाए. अब देखिए नोटबंदी शुरू होने के तीन दिन के अंदर एपल आईफोन के प्रीमियम वर्जन की सेल बढ़ गई. लोगों ने तीन दिनों में एक लाख से ऊपर के आईफोन्स खरीद लिए. इंडिया है भाई, यहां तो लोग हमेशा जुगाड़ के अपना काम निकालते हैं. तो अगर कुछ देसी नुस्खे देखे जाएं तो वो क्या होंगे? चलिए देखते हैं...
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- दोस्तों का पुराना कर्जा चुका दीजिए..
अपने दोस्तों का पुराना कर्ज आप 500-1000 के नोटों में चुका सकते हैं. अब दोस्ती में तो सब चलता है. आप नहीं तो आपका दोस्त ही बैंक लाइन में खड़ा हो जाएगा. इसके अलावा, किसी फैमिली फंक्शन में लिफाफा भी दे सकते हैं. अब नेग तो देना ही पड़ेगा ना.
सांकेतिक फोटो |
- अरविंद केजरीवाल की पार्टी को चंदा दे दीजिए (भले ही इसके लिए आपका जमीर गवाही ना दे)
मान लीजिए आपका जमीर इसकी इजाजत नहीं दे रहा है फिर भी अपने घर में पड़े हुए कुछ लाख रुपए आप पार्टी चंदे के रूप में दे सकते हैं. अब देखिए केजरीवाल जी को बड़ा दुख है लोगों को लाइन में लगा देखकर तो आपकी मदद भी...
काले धन के खिलाफ जब से नोटबंदी हुई है भइया कसम से देश में जो कुछ भी हो रहा है ना वो इसके पहले तो देखा नहीं. अब आप ही बताइए जनाब आप कितनी बार एटीएम की लाइन में खड़े हुए हैं? जिनके पास कालाधन है वो तो बस कोशिश में लगे हैं कि कैसे काला धन सफेद हो जाए. अब देखिए नोटबंदी शुरू होने के तीन दिन के अंदर एपल आईफोन के प्रीमियम वर्जन की सेल बढ़ गई. लोगों ने तीन दिनों में एक लाख से ऊपर के आईफोन्स खरीद लिए. इंडिया है भाई, यहां तो लोग हमेशा जुगाड़ के अपना काम निकालते हैं. तो अगर कुछ देसी नुस्खे देखे जाएं तो वो क्या होंगे? चलिए देखते हैं...
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- दोस्तों का पुराना कर्जा चुका दीजिए..
अपने दोस्तों का पुराना कर्ज आप 500-1000 के नोटों में चुका सकते हैं. अब दोस्ती में तो सब चलता है. आप नहीं तो आपका दोस्त ही बैंक लाइन में खड़ा हो जाएगा. इसके अलावा, किसी फैमिली फंक्शन में लिफाफा भी दे सकते हैं. अब नेग तो देना ही पड़ेगा ना.
सांकेतिक फोटो |
- अरविंद केजरीवाल की पार्टी को चंदा दे दीजिए (भले ही इसके लिए आपका जमीर गवाही ना दे)
मान लीजिए आपका जमीर इसकी इजाजत नहीं दे रहा है फिर भी अपने घर में पड़े हुए कुछ लाख रुपए आप पार्टी चंदे के रूप में दे सकते हैं. अब देखिए केजरीवाल जी को बड़ा दुख है लोगों को लाइन में लगा देखकर तो आपकी मदद भी करेंगे वो. पुराने नोटों के रूप में शायद चंदा ले लें. ऐसे में लाइन में खड़ा होना और एक्स्ट्रा टैक्स देने का फंडा खत्म हो जाएगा.
- जय गंगा मइया बोलकर प्रवाहित कर दीजिए
हमारे देश में ये माना जाता है कि गंगा मइया हर तरह का पाप धो देती हैं तो काला धन भला क्यों ना गंगा मइया ही मिटा दें. जब पूजा, हवन सामग्री, इंडस्ट्री का कचरा, कपड़े धोने वाला साबुन, खुद का मैल सब गंगा मइया में डालकर उसे प्रदूषित करते ही हैं तो फिर कालाधन डालने में क्या हर्ज है.
जय गंगा मइया |
- कर्मचारियों को बोनस दे दीजिए
अगर आप मालिक हैं तब इसकी उम्मीद बहुत ज्यादा है कि आपके पास कालाधन बहुतायत में होगा. कुछ लाख तो शायद घर में ही पड़े हों. ऐसे में कर्मचारियों को बोनस दे दीजिए. सरप्राइज बोनस से कर्मचारी भी खुश हो जाएंगे. अपने पैसे के लिए वो बैंक लाइन में लग ही जाएंगे और आपका कालाधन भी ठिकाने लग जाएगा.
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- गरीबों को दान दे दीजिए
दान-धरम करने की प्रथा बहुत पुरानी है हमारे देश में. अब जब कालाधन है ही, इतना कमाया है तो थोड़ा सा दान देने में क्या दिक्कत है. गरीबों को, मंदिरों की दान पेटी में या किसी आश्रम में दान दे दीजिए.
कालाधन दान- महा दान |
- किसी की शादी में नोट उछाल दीजिए
शादियों का सीजन है तो मोदी जी की नोटबंदी का असर भी थोड़ा कम किया जा सकता है. किसी बारात में नाचते हुए नोट उछाल दीजिए. बैंड वाले नोट उठा ही लेंगे. थोड़ा उनका भी भला हो जाएगा. उनके लिए तो ये सफेद धन ही होगा जिसे बैंक में जाकर बदलवा लिया जाएगा.
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- मन में बोलिए अच्छे दिन और स्वाहा कर दीजिए अपना काला धन
अब अगर ऊपर दिए गए किसी भी काम को नहीं करना है तो साहब मन में बोलिए अच्छे दिन आ गए हैं और अपना काला धन जला दीजिए. अब यही है आपके लिए अच्छे दिन. अगर ये भी नहीं करना तो साहब बैंक जाइए अपने कालेधन पर निश्चित टैक्स चुकाइए और जमा करवा दीजिए. अगर आपका कुछ भला ना हो पाया तो देश का ही कर दें.
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कुल मिलाकर साहब अगर आप कालाधन धारक हैं तो थोड़ा सूझबूझ से काम लें और टैक्स दे दें. कई बार देश के हित के लिए अपना हित पीछे रखना अच्छा होता है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.