किसी से दुश्मनी निकालने के लिए कोई किस हद तक जा सकता है? शायद इसका जवाब ठीक-ठीक कोई न दे पाए, लेकिन इंसान कई बार नफरत में कुछ ऐसा कर जाता है जिसकी कल्पना भी नहीं की गई हो ये तो जरूर कहा जा सकता है. तकनीक के विकसित होने के साथ-साथ बदला लेने की तकनीक भी बदल गई है या यूं कहें कि इसका मॉर्डनाइजेशन हो गया है और अब अपने दुश्मन को चारों खाने चित्त करने के तरीके ऑनलाइन ही मिल जाएंगे. ऐसा ही एक तरीका वेबसाइट poopsenders.com ने निकाला है.
नाम देखकर चौंकिए मत, इस वेबसाइट का काम सुनेंगे तो और भी ज्यादा अचंभा हो सकता है. ये वेबसाइट उन लोगों के काम आ सकती है जो अपने दुश्मनों को बिना नाम बताए कुछ गंदा और बदबूदार भेजना चाहते हैं.
बदला लेने का सुकून कुछ अलग ही होता है और इसका ये तरीका हास्यास्पद ही नहीं बल्कि निर्दयी भी है. जरा सोचिए क्रिसमस गिफ्ट में किसी के जानवर का मल पहुंचे तो क्या होगा. वेबसाइट सिर्फ यही नहीं करती बल्कि अपने कस्टमर्स को चुनने का अलग-अलग जानवरों के मल को चुनने का मौका भी देती है. और भी कि उन्हें किस प्रकार का पार्सल भेजना है. इस वेबसाइट के होम पेज पर लिखा है स्वीट रिवेंज (Sweet revenge) इसे मीठ बदला न समझे इससे वेबसाइट का तातपर्य है सुखद बदला.
पूपसेंडर्स वेबसाइट की एक और खास बात है. ये गंदगी सिर्फ जानवरों की ही होती है. इंसानों की नहीं. और साथ ही साथ ये वेबसाइट दावा भी करती है कि पार्सल फ्रेश ही भेजा जाएगा. यानी...
किसी से दुश्मनी निकालने के लिए कोई किस हद तक जा सकता है? शायद इसका जवाब ठीक-ठीक कोई न दे पाए, लेकिन इंसान कई बार नफरत में कुछ ऐसा कर जाता है जिसकी कल्पना भी नहीं की गई हो ये तो जरूर कहा जा सकता है. तकनीक के विकसित होने के साथ-साथ बदला लेने की तकनीक भी बदल गई है या यूं कहें कि इसका मॉर्डनाइजेशन हो गया है और अब अपने दुश्मन को चारों खाने चित्त करने के तरीके ऑनलाइन ही मिल जाएंगे. ऐसा ही एक तरीका वेबसाइट poopsenders.com ने निकाला है.
नाम देखकर चौंकिए मत, इस वेबसाइट का काम सुनेंगे तो और भी ज्यादा अचंभा हो सकता है. ये वेबसाइट उन लोगों के काम आ सकती है जो अपने दुश्मनों को बिना नाम बताए कुछ गंदा और बदबूदार भेजना चाहते हैं.
बदला लेने का सुकून कुछ अलग ही होता है और इसका ये तरीका हास्यास्पद ही नहीं बल्कि निर्दयी भी है. जरा सोचिए क्रिसमस गिफ्ट में किसी के जानवर का मल पहुंचे तो क्या होगा. वेबसाइट सिर्फ यही नहीं करती बल्कि अपने कस्टमर्स को चुनने का अलग-अलग जानवरों के मल को चुनने का मौका भी देती है. और भी कि उन्हें किस प्रकार का पार्सल भेजना है. इस वेबसाइट के होम पेज पर लिखा है स्वीट रिवेंज (Sweet revenge) इसे मीठ बदला न समझे इससे वेबसाइट का तातपर्य है सुखद बदला.
पूपसेंडर्स वेबसाइट की एक और खास बात है. ये गंदगी सिर्फ जानवरों की ही होती है. इंसानों की नहीं. और साथ ही साथ ये वेबसाइट दावा भी करती है कि पार्सल फ्रेश ही भेजा जाएगा. यानी जैसे ही जानवरों ने अनलोडिंग की, वैसे ही कंपनी पार्सल कर देगी.
अगर किसी को लग रहा है कि ये मजाक है तो कंपनी के FAQ (फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन) पेज में जाकर देखा जा सकता है कि ये वेबसाइट पूरी तरह से लीगल है और नोटिस भी लगाया हुआ है. मुद्दा सिर्फ इतना है कि ये वबेसाइट सिर्फ और सिर्फ अमेरिका में ही अपनी सर्विसेज देती है.
पूपसेंडर्स में पेमेंट कई तरह से किया जा सकता है, पहले ये सिर्फ कार्ड में ही पेमेंट लेती थी अब कैश पेमेंट भी स्वीकार होने लगी है. वेबसाइट के इंट्रो में लिखा गया है कि पार्सल यूजर अपने दोस्त या दुश्मन किसी को भी भेज सकता है. ये किसी तरह के मजाक के तौर पर भी भेजी जा सकती है.
एक और खास बात. भेजी सिर्फ शिट नहीं जाएगी बल्कि एक बेइज्जती करने वाला बिजनेस कार्ड भी भेजा जाएगा जिसे देखकर शायद इसे पाने वाले का और खून खौल उठे. और अगर ये ही न समझ आए कि किसे ऐसा गिफ्ट भेजना है तो ये वेबसाइट एक लिस्ट भी देती है जिसमें 10 ऐसे लोग हैं जिनपर अक्सर गुस्सा आ ही जाता है.
मतलब बदले का ऐसा नायाब तरीका तो शायद ही किसी ने खोजा हो. वेबसाइट दावा करती है कि जो भी Shit आती है वो चिडि़याघर से लाई जाती है इसलिए फैशन के इस दौर में क्वालिटी की चिंता करने की भी जरूरत नहीं. भई वाह, इसे कहते हैं क्रिएटिविटी. मतलब जिसे भी ये पार्सल मिले उसे बेइज्जत होने की जो फीलिंग आएगी वो बेहद अनमोल होगी.
इस बिजनेस मॉडल को देखकर आप समझ गए होंगे कि आमिर खान की फिल्म 'जो जीता वही सिकंदर' का वो दृश्य किसी ने तो गंभीरता से ले ही लिया है, जिसमें दीपक तिजोरी से बदला लेने के लिए आमिर उसके ऊपर भैंस का गोबर उड़ेल देते हैं. यह सीन देखिए, और आनंद लीजिए:
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