जीवन में तमाम मौके आते हैं जब हम William Shakespeare के उस कथन को दोहराते हैं जिसमें विलियम शेक्सपियर ने गुलाब और उसकी सुंदरता के मद्देनजर कहा था What's in a name. हो सकता है विदेशी इसे न मानते हों मगर भइया हम ठहरे ठेठ देसी. भले ही गंगाधर ही शक्तिमान हो लेकिन हमारे में नाम का महत्व है और ऐसा वैसा नहीं बहुत खतरनाक वाला. मतलब जो हमारे यहां कल्लू है वो कल्लन नहीं हो सकता जो मुन्नी है वो मानसी नहीं हो सकती. यही हाल मैडोना (Madonna) और माराडोना (Maradona) का है. ये दो अलग नाम हैं. एक दूसरे से बिल्कुल जुदा लोग हैं. सवाल होगा कि मैडोना और माराडोना को लेकर हम बात कर ही क्यों रहे हैं? जवाब है ट्विटर. बता दें कि वर्ल्ड फ़ुटबॉल के ख़ुदा माराडोना हमारे बीच नहीं हैं. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ है (Diego Maradona Death). माराडोना की मौत के बाद फुटबॉल प्रेमियों का एक वो वर्ग भी सामने आया है जिसका मानना है कि इस मौत से एक खेल के रूप में फुटबॉल को बड़ा नुकसान हुआ है. जैसे ही ये ख़बर आई कि माराडोना ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. तमाम लोग थे, जिन्होंने अपने दुख का इज़हार ट्विटर पर किया. लोगों को जल्दबाजी कुछ इस हद तक थी कि उन्होंने बजाए माराडोना के मैडोना की आत्मा (RIP Madonna Trending On Twitter) की शांति के लिए दुआएं करनी शुरू कर दीं और ट्विटर पर RIP Madonna की शुरुआत हुई.
कहने सुनने को हमारे पास बहुत कुछ है लेकिन उससे पहले ये बताना बहुत ज़रूरी है कि पॉप सेंसेशन मैडोना भली चंगी हैं और चूंकि विदेश में भी सर्दी ने दस्तक दे दी है शायद वो मिशिगन स्थित अपने घर पर कंबल में हों और नचोस या पॉपकॉर्न खाते हुए नेटफ्लिक्स पर अपनी कोई पसंदीदा फ़िल्म देख रही हों.
माराडोना की मौत को...
जीवन में तमाम मौके आते हैं जब हम William Shakespeare के उस कथन को दोहराते हैं जिसमें विलियम शेक्सपियर ने गुलाब और उसकी सुंदरता के मद्देनजर कहा था What's in a name. हो सकता है विदेशी इसे न मानते हों मगर भइया हम ठहरे ठेठ देसी. भले ही गंगाधर ही शक्तिमान हो लेकिन हमारे में नाम का महत्व है और ऐसा वैसा नहीं बहुत खतरनाक वाला. मतलब जो हमारे यहां कल्लू है वो कल्लन नहीं हो सकता जो मुन्नी है वो मानसी नहीं हो सकती. यही हाल मैडोना (Madonna) और माराडोना (Maradona) का है. ये दो अलग नाम हैं. एक दूसरे से बिल्कुल जुदा लोग हैं. सवाल होगा कि मैडोना और माराडोना को लेकर हम बात कर ही क्यों रहे हैं? जवाब है ट्विटर. बता दें कि वर्ल्ड फ़ुटबॉल के ख़ुदा माराडोना हमारे बीच नहीं हैं. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ है (Diego Maradona Death). माराडोना की मौत के बाद फुटबॉल प्रेमियों का एक वो वर्ग भी सामने आया है जिसका मानना है कि इस मौत से एक खेल के रूप में फुटबॉल को बड़ा नुकसान हुआ है. जैसे ही ये ख़बर आई कि माराडोना ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. तमाम लोग थे, जिन्होंने अपने दुख का इज़हार ट्विटर पर किया. लोगों को जल्दबाजी कुछ इस हद तक थी कि उन्होंने बजाए माराडोना के मैडोना की आत्मा (RIP Madonna Trending On Twitter) की शांति के लिए दुआएं करनी शुरू कर दीं और ट्विटर पर RIP Madonna की शुरुआत हुई.
कहने सुनने को हमारे पास बहुत कुछ है लेकिन उससे पहले ये बताना बहुत ज़रूरी है कि पॉप सेंसेशन मैडोना भली चंगी हैं और चूंकि विदेश में भी सर्दी ने दस्तक दे दी है शायद वो मिशिगन स्थित अपने घर पर कंबल में हों और नचोस या पॉपकॉर्न खाते हुए नेटफ्लिक्स पर अपनी कोई पसंदीदा फ़िल्म देख रही हों.
माराडोना की मौत को मैडोना की मौत बताना गुनाह है. दो गुना है. तीन गुना है.
आश्चर्य होता है कि कोई इस हद तक मूर्ख कैसे हो सकता है? मतलब खुद सोचिए मौत माराडोना की हुई है और अगर कोई मैडोना के लिए 'रिप' कहे तो डंके की चोट पर इसे न केवल मूर्खता की पराकाष्ठा कहा जाएगा बल्कि ये अपने आप सिद्ध हो जाएगा कि फैशन के इस निर्मोही दौर में वाक़ई गारंटी की इच्छा नहीं करनी चाहिए. बिल्कुल नहीं करनी चाहिए.
लोगों ने मडोना को रिप कह दिया है और बात इंटरनेट पर आई गई हो गयी है लेकिन यही काम अगर हमारे आस पास या ये कहें कि यूपी बिहार में हुआ होता तो भइया गोली बम चल जाता. थाना पुलिस होता नौबत कचहरी जाने की आ जाती.
कल्पना कीजिये कि यूपी के किसी मुहल्ले में कोई 'श्याम' नाम का आदमी अपने पड़ोसी घनश्याम के साथ रहता हो और डेंगू के चलते उसके प्लेटलेट्स कम हो गए हों और उसकी जान चली गयी हो. ऐसे में दूसरे मुहल्ले का विनोद ये अफवाह उड़ा दे कि मौत श्याम की नहीं बल्कि घनश्याम की हुई है तो यकीन मानिए यदि घनश्याम की मां जिंदा हुईं तो उस बगल के मुहल्ले में वो चढ़ाई करेंगी कि इस दास्तां को जमाना सदियों तक याद रखता.
देखो भाई बात एकदम शीशे की तरह साफ है. बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और चौराहे-चौराहे भी लिखा होता है कि दुर्घटना से भली देर है. ऐसे में जब हम इस मामले को देखते हैं तो साफ है कि अगर ट्विटर यूजर माफी मांग भी लें तो भी एक बड़ा ब्लंडर हो चुका है. इंटरनेट का जमाना है. आदमी की थाली में खाना भले ही न हो लेकिन हर हाथ मोबाइल है. जाहिर है मैडोना जैसी सेलेब के घर वाले या दोस्त-रिश्तेदार-नातेदार ट्विटर पर होंगे. सोचिए जब उन्होंने मैडोनाका रेस्ट इन पीस होते देखा होगा तो उनका दिल टूटकर पीस-पीस हो गया होगा.
सच में यार बात जब जज्बातों की होती है तो आदमी लाज शर्म भूल जाता है और देखा जाए तो इस मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ है.
हो सकता है विदेशियों के नाम कन्फ्यूजिंग हों लेकिन कन्फ्यूजन का ये मतलब हरगिज़ नहीं है कि आदमी ऐसी गलती कर दे जिसके कम्पनसेशन की कोई गुंजाइश न रहे. बहरहाल अब जबकि माराडोना के चक्कर में मैडोना के साथ खेल हो ही गया है तो हमारी ईश्वर से यही कामना है कि वो इन मूर्खों को माफ करे ये बेचारे ख़ुद नहीं जानते इन्होंने क्या कर दिया और क्या से क्या हो गया देखते-देखते.
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