जैसे हर पीली चीज सोना नहीं होती वैसे ही हर एक्सेल, सर्फ एक्सेल नहीं है. सर्फ एक्सेल के हालिया ऐड पर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. लोगों में गुस्सा इस हद तक है कि उन्होंने सर्फ एक्सेल को सबक सिखाने के लिए अपने अपने स्तर पर पूरी प्लानिंग कर ली है. विरोध का आलम कुछ ऐसा है कि जो बेचारे खुद एक्सेल या फिर डबल और ट्रिपल एक्सेल शर्ट पहनते हैं उन तक ने ठान लिया है कि इस दुनिया से एक्सेल का नामो निशान मिटा देंगे.
ऐड बनाया हिंदुस्तान यूनिलीवर ने था उसका खामियाजा माइक्रोसॉफ्ट को भुगतना पड़ रहा है. जिस तरह लोग सर्फ एक्सेल के चलते गूगल प्ले स्टोर पर एमएस एक्सेल को रेट कर रहे हैं साफ है कि खाना तो किसी और ने खाया बिल कोई और चुका रहा है. अब इसे मूर्खता कहें या कुछ और लोग जिस तरह भावना में बहकर एमएस एक्सेल का विरोध कर रहे हैं साफ दर्शाता है कि हम भारतीय कितने और किस सीमा तक भोले हैं.
कुछ और बताने से पहले आइये इस ऐड पर चर्चा कर लें. यदि इस ऐड का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि डिटर्जेंट बनाने वाली कम्पनी Surf Excel ने अपने इस विज्ञापन में, होली के दिन एक लड़की को अपने एक मुस्लिम दोस्त को मस्जिद तक पहुंचाने की कहानी को बड़े ही खूबसूरत अंदाज में दर्शाया है.
लोग जहां एक तरफइस ऐड की तारीफ कर रहे हैं वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जिसे ये ऐड बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा. ऐसे लोगों को Surf Excel द्वारा की गई ये हरकत इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने गूगल प्ले स्टोर पर माइक्रोसॉफ्ट Excel को नेगेटिव प्वाइंट से रेट कर दिया.
आइये नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही कमेंट्स पर जिन्हें पढ़कर माइक्रोसॉफ्ट वाले भी शायद एक बार सोच में पड़ गए होंगे और एक आम भारतीय के...
जैसे हर पीली चीज सोना नहीं होती वैसे ही हर एक्सेल, सर्फ एक्सेल नहीं है. सर्फ एक्सेल के हालिया ऐड पर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. लोगों में गुस्सा इस हद तक है कि उन्होंने सर्फ एक्सेल को सबक सिखाने के लिए अपने अपने स्तर पर पूरी प्लानिंग कर ली है. विरोध का आलम कुछ ऐसा है कि जो बेचारे खुद एक्सेल या फिर डबल और ट्रिपल एक्सेल शर्ट पहनते हैं उन तक ने ठान लिया है कि इस दुनिया से एक्सेल का नामो निशान मिटा देंगे.
ऐड बनाया हिंदुस्तान यूनिलीवर ने था उसका खामियाजा माइक्रोसॉफ्ट को भुगतना पड़ रहा है. जिस तरह लोग सर्फ एक्सेल के चलते गूगल प्ले स्टोर पर एमएस एक्सेल को रेट कर रहे हैं साफ है कि खाना तो किसी और ने खाया बिल कोई और चुका रहा है. अब इसे मूर्खता कहें या कुछ और लोग जिस तरह भावना में बहकर एमएस एक्सेल का विरोध कर रहे हैं साफ दर्शाता है कि हम भारतीय कितने और किस सीमा तक भोले हैं.
कुछ और बताने से पहले आइये इस ऐड पर चर्चा कर लें. यदि इस ऐड का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि डिटर्जेंट बनाने वाली कम्पनी Surf Excel ने अपने इस विज्ञापन में, होली के दिन एक लड़की को अपने एक मुस्लिम दोस्त को मस्जिद तक पहुंचाने की कहानी को बड़े ही खूबसूरत अंदाज में दर्शाया है.
लोग जहां एक तरफइस ऐड की तारीफ कर रहे हैं वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जिसे ये ऐड बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा. ऐसे लोगों को Surf Excel द्वारा की गई ये हरकत इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने गूगल प्ले स्टोर पर माइक्रोसॉफ्ट Excel को नेगेटिव प्वाइंट से रेट कर दिया.
आइये नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही कमेंट्स पर जिन्हें पढ़कर माइक्रोसॉफ्ट वाले भी शायद एक बार सोच में पड़ गए होंगे और एक आम भारतीय के भोलेपन पर हंस रहे होंगे.
इस देश का आम आदमी सर्फ एक्सेल से किस हद तक नाराज है यदि इसे समझना हो तो हम निलेशकुमार सोराठिया का वो कमेन्ट देख सकते हैं जो उन्होंने 1 स्टार देते हुए प्ले स्टोर पर लिखा है. सोराठिया का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल और सर्फ एक्सेल दोनों बराबर हैं. साथ ही उन्होंने सवाल किया है कि सर्फ एक्सेल का होली वाला विज्ञापन इतना बुरा क्यों है.
वहीं अब्राहम साइमंस नाम के यूजर ने इसे बैलेंसिंग एक्ट बताया है और व्यंग्य करते हुए कहा है कि लोगों को साबुन और स्प्रेडशीट में अंतर ही पता नहीं है.
वहीं एक अन्य यूजर हैं संदीप उन्होंने आम भारतीय लोगों के आईक्यू पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि क्या वाकई लोग माइक्रोसॉफ्ट को इसलिए एक स्टार दे रहे हैं क्योंकि उसके नाम में एक्सेल है. अपनी बात स्पष्ट करते हुए संदीप ने लिखा है कि माइक्रोसॉफ्ट एक अमेरिकन कम्पनी है जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर पूर्णतः भारतीय है.
इस विरोध पर हर्षित वार्ष्णेय के तर्क बड़े दिलचस्प हैं. हर्षित ने नसीहत देते हुए माइक्रोसॉफ्ट से कहा है कि वह अपने नाम से एक्सेल हटा ले. ऐसा इसलिए क्योंकि ये हिंदुत्व के खिलाफ है.
अमल प्रकाश नाम के यूजर ने देश के तमाम हिन्दुओं से आग्रह किया है वो आगे आएं और सर्फ एक्सेल कंपनी की इस एप को अन इंस्टाल करें.
वहीं इस मामले पर एक अन्य यूजर के तर्क बड़े दिलचस्प हैं. mercedes benz CLA user नाम के इस व्यक्ति ने लिखा है कि एक्सेल का ऐड बहुत बुरा है. एक तरफ जहां हमारे जवान सीमा पर शहीद हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं जो ऐसे ऐड बनाकर पैसे कमा रहे हैं.इन्होंने ये भी लिखा है कि एक्सेल को अपने इस ऐड के लिए पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
सर्फ एक्सेल के इस ऐड से सबसे ज्यादा आहत आदित्य भंडारी हैं. आदित्य ने लिखा है कि इस एंटीनेशनल एप को भारत से बाहर फेंक देना चाहिए. आदित्य के कमेन्ट से साफ है कि वो इस मामले पर सर्फ एक्सेल के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल से भी बहुत ज्यादा नाराज हैं.'
स्नैपडील से अच्छा कौन समझेगा माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल का दर्द!
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल के टारगेट होने के बाद स्नैपडील के सीईओ कुनाल बहल ने एक मीम पोस्ट किया है. मीम में दो लोग गले लगे दिख रहे हैं, जिनमें से एक को माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल और दूसरे को स्नैपडील बनाया गया है. ऊपर लिखा है- 'मैं समझता हूं ये बुरा लगता है'. आपको बता दें कि जब स्नैपचैट को लेकर जब विरोध चला था तो कुछ लोगों ने कंफ्यूज होकर स्नैपडील पर निशाना साधना शुरू कर दिया था.
खैर ये कोई पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है कि करा किसी और ने है और भर कोई और रहा है. ऐसा ही कुछ हम साल 2017 में भी देख चुके थे जहां Snapchat के सीईओ ने भारतीय लोगों पर आपत्तिजनक कमेंट किया था जिसपर नाराज होकर यूजर्स ने Snapdeal तक को नेगेटिव रेटिंग दे दी थी.
बहरहाल इस रेटिंग का असर माइक्रोसॉफ्ट पर कितना होता है उसपर अभी कुछ कहना जल्दबाजी है.मगर जिस तरफ सर्फ एक्सेल के ऐड का खामियाजा माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल को भुगतना पड़ रहा है साफ है कि हम एक भेड़ चाल का हिस्सा हैं. हमारा उद्देश्य विरोध करना है. हमें इससे मतलब नहीं कि किसका विरोध हो रहा है मुद्दा विरोध हैं वो होते रहना चाहिए.
ये भी पढ़ें -
होली से पहले विवाद सर्फ एक्सेल के साथ!
Youtube में सबसे बेहतर कौन की रेस ने एक दिलचस्प मोड़ ले लिया है
5 महिलाएं, जो सालभर में क्रांति की मशाल बन गईं
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.