अरेंज मैरिज में क्योंकि सब कुछ घर वाले और रिश्तेदार डिसाइड करते हैं, इसलिए समय लगता है. वरना आदमी ने लव किया हो और उसी से जिसके प्यार में वो रहा हो, शादी हो जाए तो शादी के पहले दिन से लेकर मृत्यु शैया पर लेटने तक. दिन भर में कई बार ऐसे मूमेंट्स आते हैं, जब अच्छा भला इंसान अपनी वास्तविक योनि छोड़ ऐसा बहुत कुछ बन जाता है जिसे देखकर जमाना हंसता है. और ऐसे पुरुष को जो बीवी के इशारों पर नाचता हो, जोरू का गुलाम से लेकर बंदर भालू तक सब की संज्ञा देता है. नहीं मतलब सच में, चाहे अरेंज हो या फिर लव बीवी का टेरर होता बड़ा खरतनाक है. आप भोर में या दिन में किसी भी पहर चाय मांग लें और बीवी सो रही हो और मना कर दे तो कोई बात नहीं लेकिन अगर आप थके हारे ऑफिस से आ रहे हैं. मेट्रो/ बस के धक्के खा खाकर आपका बदन टूट के चूर हो रहा हो. ट्रैफिक के धुंए के कारण आंख जल रही हो और बीवी आपको 5 रुपए की हरी धनिया के लिए बाजार दौड़ा दे तो आपको क्या शायद ही किसी और को भी हैरत हो. इस कंडीशन में यदि पति किसी कारणवश बाजार जाने से मना कर दे तो जो उसकी दुर्गति पत्नी द्वारा होती है न हमें कहने की जरूरत है न ही किसी को बहुत ज्यादा कुछ समझने की. चाहे हम हों या आप पत्नी के मामले में सब कुछ क्लियर्ली अंडरस्टुड है.
बीवी के विषय में आप किसी पुराने या ये कहें कि किसी तजुर्बेकार व्यक्ति से बात कीजिये. आप जब ऐसे व्यक्ति से बात करेंगे तो कई मिथक ख़ुद ब ख़ुद दूर हो जाएंगे और आपका जीवन सुगमता और खुशहाली से कटेगा. तजुर्बेकार व्यक्ति बीवी के मद्देनजर आपसे यही कहेगा कि यदि बीवी कहे कि दिन है तो मान लीजिए दिन है. बीवी कह दे रात है तो सौ टका गारंटेड रात है. वाक़ई जो इंसान इस रूल को या ये कहें कि इस रूलबुक को फॉलो करेगा तो मुसीबत...
अरेंज मैरिज में क्योंकि सब कुछ घर वाले और रिश्तेदार डिसाइड करते हैं, इसलिए समय लगता है. वरना आदमी ने लव किया हो और उसी से जिसके प्यार में वो रहा हो, शादी हो जाए तो शादी के पहले दिन से लेकर मृत्यु शैया पर लेटने तक. दिन भर में कई बार ऐसे मूमेंट्स आते हैं, जब अच्छा भला इंसान अपनी वास्तविक योनि छोड़ ऐसा बहुत कुछ बन जाता है जिसे देखकर जमाना हंसता है. और ऐसे पुरुष को जो बीवी के इशारों पर नाचता हो, जोरू का गुलाम से लेकर बंदर भालू तक सब की संज्ञा देता है. नहीं मतलब सच में, चाहे अरेंज हो या फिर लव बीवी का टेरर होता बड़ा खरतनाक है. आप भोर में या दिन में किसी भी पहर चाय मांग लें और बीवी सो रही हो और मना कर दे तो कोई बात नहीं लेकिन अगर आप थके हारे ऑफिस से आ रहे हैं. मेट्रो/ बस के धक्के खा खाकर आपका बदन टूट के चूर हो रहा हो. ट्रैफिक के धुंए के कारण आंख जल रही हो और बीवी आपको 5 रुपए की हरी धनिया के लिए बाजार दौड़ा दे तो आपको क्या शायद ही किसी और को भी हैरत हो. इस कंडीशन में यदि पति किसी कारणवश बाजार जाने से मना कर दे तो जो उसकी दुर्गति पत्नी द्वारा होती है न हमें कहने की जरूरत है न ही किसी को बहुत ज्यादा कुछ समझने की. चाहे हम हों या आप पत्नी के मामले में सब कुछ क्लियर्ली अंडरस्टुड है.
बीवी के विषय में आप किसी पुराने या ये कहें कि किसी तजुर्बेकार व्यक्ति से बात कीजिये. आप जब ऐसे व्यक्ति से बात करेंगे तो कई मिथक ख़ुद ब ख़ुद दूर हो जाएंगे और आपका जीवन सुगमता और खुशहाली से कटेगा. तजुर्बेकार व्यक्ति बीवी के मद्देनजर आपसे यही कहेगा कि यदि बीवी कहे कि दिन है तो मान लीजिए दिन है. बीवी कह दे रात है तो सौ टका गारंटेड रात है. वाक़ई जो इंसान इस रूल को या ये कहें कि इस रूलबुक को फॉलो करेगा तो मुसीबत उसका शायद ही बाल बांका कर पाए.
देखिये आदमी या खुद महिलाएं हमारी बातों को ग़लत न समझें. इसलिए जनता विशेषकर महिलाओं को ये बताना बहुत जरूरी है कि पत्नी ही जीवन का आधार है और बिना उसके जीवन शून्य है. लेकिन एक सच ये भी है कि पत्नी के पास ही वो अदा है जिसके दमपर वो अपने पति को बंदर भालू की तरह नचा सकती है. और हां आगे बढ़ने से पहले ये बताना भी बहुत जरूरी है कि भारत जैसे देश में जहां 'शादी गुड्डे गुड़ियों का खेल न होकर जन्म जन्मांतर का बंधन है. आदमी यही सोचता है कि दस पंद्रह मिनट अगर बीवी के इशारों पर नाचना भी पड़े तो क्या दिक्कत कम से कम जीवन में शांति रहेगी.
जिंदगी चाहे आपकी हो या हमारी शांति सच में जरूरी है लेकिन क्या विदेशों के हालात भी ऐसे ही हैं? इस सवाल पर होने को तो घंटों बहस हो सकती है लेकिन जब हम ब्राजील की लुआना कजाकि और उसके पति आर्थर ओउर्सो को देखते हैं तो मिलता है कि विदेश का हिसाब किताब थोड़ा अलग है. हम भारतीयों के विपरीत विदेशियों के लिए जितनी जरूरी शांति है उतनी ही इंपॉर्टेंस वो सेक्स को भी देते हैं और उसके लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं.
दरअसल हम भारतीय जो बीवी के मोह में अपनी अपनी लाइफ में गधे से लेकर बन्दर भालू तक बने, उन्हें आर्थर को देखकर तरस भी आना चाहिए और जलना भी चाहिए. आर्थर बीवी मोह में कुत्ता बने हैं लेकिन उनके कुत्ता बनने की एक बहुत बड़ी वजह सेक्स है.
खबर अंग्रेजी वेबसाइट डेली स्टार के हवाले से है. ब्राजील की लुआना कजाकि नाम की महिला ने अपने पति परमेश्वर को न केवल कुत्ते की ड्रेस पहनाई बल्कि उसके गले में पट्टा बांधकर भीड़ भरे स्टेशन पर ले गई. महिला काफी देर तक अपने पति आर्थर के साथ वैसे ही घूमी जैसे कोई इंसान अपने साथ अपने कुत्ते को टहलाने ले जाता है. कपल को ये आईडिया क्यों आया ? दावा हैरत में डाल देगा. कपल का कहना है कि इस तरह से डॉग बनकर सार्वजनिक स्थान पर जाने से कामवासना बढ़ती है.
जैसा कि तस्वीरों में देखा जा सकता है आर्थर की ड्रेस लेदर से बनी हुई थी और उसमें चेन भी लगी हुई थी. इस दौरान स्टेशन पर कपल ने फोटोशूट भी कराया. एक फोटो में लुआना पति आर्थर के गले में बंधी चेन खींचती हुई दिख रही हैं. बताया ये भी जा रहा है कि जिस जिसने भी कपल को इस तरह स्टेशन पर देखा वो हैरत में पड़ गया.
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि पत्नी मोह में कुत्ता बनकर आर्थर को कोई पछतावा है. आर्थर एक्साइटेड हैं और अपने कुत्ता बनने पर उन्होंने तर्क दिया है कि, 'लोग मेरी कास्ट्यूम देखकर आश्चर्य में आ गए. उनके लिए ये एकदम नया अनुभव था’. ऑर्थर का दावा है कि यह एक अलग तरह का रोमांच है. इससे उनकी कामवासना बढ़ती है. उन्होंने कहा, ‘दूसरे लोगों को भले ही ये अजीब लगे, लेकिन हमारी सेक्स लाइफ इससे बेहतर होती है’.
तो भइया बात सीधी और एकदम साफ़ है. हर इंसान का जीवन जब अलग है तो जाहिर है उसकी चुनौतियां भी अलग होंगी और जीवन जीने का तरीका भी. आर्थर ने जो कुछ भी किया है या बहुत सीधे कहें तो जिस तरह वो कुत्ता बने हैं वो उन्होंने बोरिंग ज़िन्दगी को मसाला देने और सेक्स लाइफ बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया है वहीं जब बात हमारी, हम भारतीयों की हो तो हमारे लिए जिंदगी में सेक्स नहीं शांति जरूरी है और शांति के लिए गधा बनने से लेकर बंदर भालू बनने तक तमाम छोटी बड़ी कीमतें चुकाई जा सकती हैं.
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