प्रेम! बड़ी रूमानी अनुभूति है. वहीं जब ये एक स्त्री और पुरूष के बीच हो तो फिर कहने ही क्या. प्रायः ये देखा गया है कि माशूका के मन में आई बात की पूर्ति के लिए महबूब चांद तारे तक तोड़ लाने की बात कह देता है. प्रेमियों के होंगे अपने अलग तरह के नाटक मगर अपना कॉन्सेट बहुत सीधा है. अपन का मानना वही है जो आयरलैंड के मशहूर नाटककार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने कहा. शॉ ने बरसों पहले ये कहकर कलम तोड़ दी थी कि There is no sincerer love than the love of food. तो भइया अपन प्रेम में चांद तारे तो नहीं तोड़ सकते हां लेकिन शहर से 100 किलोमीटर दूर कहीं किसी ढाबे पर बढ़िया शाही पनीर और बटर नान मिले या कहीं अच्छा मोमो ही मिल जाए तो उसे खाने के लिए कैब करके वहां जा सकते हैं. खाने का तो अपने लिए ऐसा है कि कॉलेज के दिनों में कई बार अच्छे समोसे के लिए मिलों साईकल भी चलाई है. भटूरे के लिए शर्तें लगीं और उन शर्तों को मैंने जीता. लेकिन मुहब्बत आसान नहीं होती. प्यार में कुर्बानियां दी जातीं हैं मैंने भी दीं और नतीजा निकला बढ़ा हुआ पेट.
मुझे शर्ट मीडियम से डबल फिर ट्रिपल एक्स एल लगने लगी. जीन्स जो कभी 32 थी कब 38 पहुंची मुझे पता ही नहीं चला. बढ़िया प्रिंट की टीशर्ट तो मेरे साइज में मिलती ही नहीं. धीरे धीरे मेरी परेशानियां बढ़ी और बढ़ती गयीं. मैं अपने बढ़े हुए वजन से परेशान था.
डॉक्टर्स की तो छोड़िए पीपल तले, तलैया के किनारे लगे बोर्ड को पढ़कर या कभी सार्वजनिक शौचालय में लगे पैम्पलेट को देखकर हकीमों और आयुर्वेदाचार्यों को दिखाया. सबने यही कहा कि नहीं बच्चा नाउम्मीद मत हो. लाइफ स्टाइल चेंज करो और जम के कसरत करो. तुम्हारे भी अच्छे दिन...
प्रेम! बड़ी रूमानी अनुभूति है. वहीं जब ये एक स्त्री और पुरूष के बीच हो तो फिर कहने ही क्या. प्रायः ये देखा गया है कि माशूका के मन में आई बात की पूर्ति के लिए महबूब चांद तारे तक तोड़ लाने की बात कह देता है. प्रेमियों के होंगे अपने अलग तरह के नाटक मगर अपना कॉन्सेट बहुत सीधा है. अपन का मानना वही है जो आयरलैंड के मशहूर नाटककार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने कहा. शॉ ने बरसों पहले ये कहकर कलम तोड़ दी थी कि There is no sincerer love than the love of food. तो भइया अपन प्रेम में चांद तारे तो नहीं तोड़ सकते हां लेकिन शहर से 100 किलोमीटर दूर कहीं किसी ढाबे पर बढ़िया शाही पनीर और बटर नान मिले या कहीं अच्छा मोमो ही मिल जाए तो उसे खाने के लिए कैब करके वहां जा सकते हैं. खाने का तो अपने लिए ऐसा है कि कॉलेज के दिनों में कई बार अच्छे समोसे के लिए मिलों साईकल भी चलाई है. भटूरे के लिए शर्तें लगीं और उन शर्तों को मैंने जीता. लेकिन मुहब्बत आसान नहीं होती. प्यार में कुर्बानियां दी जातीं हैं मैंने भी दीं और नतीजा निकला बढ़ा हुआ पेट.
मुझे शर्ट मीडियम से डबल फिर ट्रिपल एक्स एल लगने लगी. जीन्स जो कभी 32 थी कब 38 पहुंची मुझे पता ही नहीं चला. बढ़िया प्रिंट की टीशर्ट तो मेरे साइज में मिलती ही नहीं. धीरे धीरे मेरी परेशानियां बढ़ी और बढ़ती गयीं. मैं अपने बढ़े हुए वजन से परेशान था.
डॉक्टर्स की तो छोड़िए पीपल तले, तलैया के किनारे लगे बोर्ड को पढ़कर या कभी सार्वजनिक शौचालय में लगे पैम्पलेट को देखकर हकीमों और आयुर्वेदाचार्यों को दिखाया. सबने यही कहा कि नहीं बच्चा नाउम्मीद मत हो. लाइफ स्टाइल चेंज करो और जम के कसरत करो. तुम्हारे भी अच्छे दिन आएंगे.
सच बताऊं तो मेरे पास सब करने का वक़्त है बस कसरत नहीं. मैंने फ़ेसबुक पर ऐड डाला कि कोई हो तो आए और मेरे बदले कसरत करे. लेकिन हाय ये निर्मोही दुनिया कोई नहीं था जो मदद के लिए सामने आता. मैं आज भी इसी उम्मीद में हूं कि कोई तो होगा इस दुनिया में जो मुझसे पैसे लेकर मेरे बदले की कसरत करेगा. पत्तागोभी, पालक, गाजर,मूली, ब्रोंकली और ग्रीन टी समेत तमाम तरह की आयुर्वेदिक और हर्बल चाय मेरे बदले में पियेगा.
मैं इन बातों को या ये कहूं कि इस आप बीती को लिखना नहीं चाह रहा था लेकिन मुझे मजबूर किया गया है. जिसने मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर किया वो कोई और नहीं बल्कि अपनी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग से लोगों को हंसाकर लोट पोट करने वाली कॉमेडियन भारती सिंह हैं. भारती वेट लॉस कर रही हैं और अपने इस वेट लॉस प्रोग्राम के कारण सुर्खियों में हैं. हालिया दिनों में भारती के जो भी शो आ रहे हैं उनमें उनका ट्रांसफॉर्मेशन हैरान करने वाला है.
भारती ने तो बस कमाल कर दिया है!
शायद आपको जानकर हैरत हो कि भारती ने 1 साल में लगभग 15 किलो वजन कम किया है. अपने इस ट्रांसफॉर्मेशन पर भारती ने कहा है कि ‘हां मैं 91 से अब 76 किलो की हो गई हूं. हालांकि मैं भी हैरान हूं कि मैंने इतना वजन कम किया है पर मैं उतना ही खुश हूं क्योंकि मैं स्वस्थ और फिट महसूस करती हूं. अभी सांस नहीं फूलती और हल्का हल्का फील होता है. इसके अलावा भारती ने ये भी बताया है कि उन्हें अब डायबिटीज और दमा से भी राहत है.
तो क्या थी इस ट्रांसफॉर्मेशन के लिए भारती की डाइट
अपनी इस उपलब्धि के मद्देनजर भारती ने बताया कि अब वो इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करती हैं. भारती के अनुसार ‘मैं शाम 7 बजे से 12 बजे के बीच कुछ नहीं खाती लेकिन मैं दोपहर 12 बजे के बाद खाने पर हमला करती हूं. मेरा शरीर अब शाम 7 बजे के बाद रात का खाना स्वीकार नहीं करता है. भारती कहती हैं कि मैंने 30-32 साल खूब खाना खाया है लेकिन लॉकडाउन के दौरान मैंने जो डाइट फॉलो की तो उसे अब मेरे शरीर ने भी स्वीकार कर लिया है.
भारती ने कर लिया और अपन सिर्फ सोचते ही रहे
बात एकदम क्लियर है. जहां चाह है वहीं राह है. भारती अपने बढ़े हुए वजन को लेकर सीरियस थीं सो उन्होंने वेट लॉस कर लिया. वहीं एक हम हैं जो वजन को लेकर अब तक शायद सीरियस ही नहीं हो पाएं हैं. उम्मीद है भारती की देखा देखी एक दिन हम भी पतले और छरहरे होंगे. हमारे भी अच्छे दिन आएंगे और हम 30 कमर की जींस और स्लिम फिट शर्ट और टीशर्ट पहन पाएंगे.
फैट से फिट होकर कॉमेडियन भारती सिंह ने दुनिया के तमाम मोटों को बड़ी सीख दी है और बताया है कि करत करत अभ्यास के... बाकी भारती की इस तस्वीर के बाद अब वो वक़्त आ गया है जब हमें भी लाइफ़स्टाइल बदल लेनी चाहिए और जिम से पहले सही डाइट का रुख कर लेना चाहिए. अंत में बात फिर वही है.
डाइटिंग खेल नहीं है चंद दिनों का ऐ मेरे दोस्त
एक सदी चाहिए, कमरे को कमर होने तक.
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