सोशल मीडिया (Social Media) वाक़ई कमाल की चीज है. किसी को बेवकूफ़ कैसे बनाते हैं? गर जो ये सीखना हो तो सोशल मीडिया से बेहतर कोई चीज इंसान ने शायद ही बनाई हो. चंद लाइक्स, कमेंट्स के लिए इंसान ऐसा बहुत कुछ कर जा रहा है जिसके लिए शायद ही कभी भगवान, आज के इस इंसान को माफ करे. मजे की बात ये है कि सोशल मीडिया की बदौलत लोग मूर्ख बन तो रहे हैं लेकिन अपनी बेग़ैरती और बेशर्मी छुपाने के नाम पर खुश भी हो रहे हैं. कितनी अजीब या ये कहें कि विचलित करने वाली बात है जिस इंसान को अपनी रोजी रोटी और बेहतर जीवन के लिए ख़ुद को चैलेंज देना चाहिए वो औरों को खुश करने के लिए चैलेंज ले रहा है और ये मुआ 'कपल चैलेंज' (Couple Challenge) उसी फेक पॉपुलैरिटी वाले प्रोपोगेंडा का हिस्सा है. सोशल मीडिया का रुख करें तो आज जिस तादाद में लोग 'कपल चैलेंज' वाली क्रांति में अपने अपने साथी के साथ फोटो डालकर क्रांति की आग को ईंधन मुहैया करा रहे हैं वो सच में हैरत में डालने वाला है. चाहे फेसबुक (Facebook) हो या फिर ट्विटर (Twitter) और इंस्टाग्राम (Instagram) आप जैसे जैसे न्यूज़ फीड स्क्रॉल करेंगे आज के इंसान की इस नादानी पर गुस्सा कम हंसी ज्यादा आएगी. अरे भइया अपनी ख़ुद की बीवी के गले में हाथ डालकर फ़ोटो क्लिक कराने और उसे फेसबुक या ट्वीटर पर डालने में कौन सी बहादुरी? समझ नहीं आता कि ये सब करके इंसान कौन सा कद्दू में तीर मारने को आतुर है. देश में करोड़ों घर हैं. उन करोड़ों घरों में करोड़ों शादीशुदा रहते हैं. जिनमें से ज्यादातर आपस में कुत्ते बिल्लियों की तरह लड़ते हैं. जरा सा मिजाज इधर से उधर हो जाए तो मुंह फुला लेते हैं और तो और हफ्तों महीनों तक आपस में बातचीत बन्द कर देते हैं. इंसाफ से बताइये क्या ऐसे लोगों को हक़ है कि वो कपल चैलेंज लें और अपने साथी के कंधे पर हाथ रखकर फ़ोटो क्लिक कराएं.
Couple Challenge VS Single Challenge VS Kids Challenge: फेसबुक के चैलेंज मतलब जीवन में पुदीना
सोशल मीडिया (Social Media) वाक़ई कमाल की चीज है. किसी को बेवकूफ़ कैसे बनाते हैं? गर जो ये सीखना हो तो सोशल मीडिया से बेहतर कोई चीज इंसान ने शायद ही बनाई हो. चंद लाइक्स, कमेंट्स के लिए इंसान ऐसा बहुत कुछ कर जा रहा है जिसके लिए शायद ही कभी भगवान, आज के इस इंसान को माफ करे. मजे की बात ये है कि सोशल मीडिया की बदौलत लोग मूर्ख बन तो रहे हैं लेकिन अपनी बेग़ैरती और बेशर्मी छुपाने के नाम पर खुश भी हो रहे हैं. कितनी अजीब या ये कहें कि विचलित करने वाली बात है जिस इंसान को अपनी रोजी रोटी और बेहतर जीवन के लिए ख़ुद को चैलेंज देना चाहिए वो औरों को खुश करने के लिए चैलेंज ले रहा है और ये मुआ 'कपल चैलेंज' (Couple Challenge) उसी फेक पॉपुलैरिटी वाले प्रोपोगेंडा का हिस्सा है. सोशल मीडिया का रुख करें तो आज जिस तादाद में लोग 'कपल चैलेंज' वाली क्रांति में अपने अपने साथी के साथ फोटो डालकर क्रांति की आग को ईंधन मुहैया करा रहे हैं वो सच में हैरत में डालने वाला है. चाहे फेसबुक (Facebook) हो या फिर ट्विटर (Twitter) और इंस्टाग्राम (Instagram) आप जैसे जैसे न्यूज़ फीड स्क्रॉल करेंगे आज के इंसान की इस नादानी पर गुस्सा कम हंसी ज्यादा आएगी. अरे भइया अपनी ख़ुद की बीवी के गले में हाथ डालकर फ़ोटो क्लिक कराने और उसे फेसबुक या ट्वीटर पर डालने में कौन सी बहादुरी? समझ नहीं आता कि ये सब करके इंसान कौन सा कद्दू में तीर मारने को आतुर है. देश में करोड़ों घर हैं. उन करोड़ों घरों में करोड़ों शादीशुदा रहते हैं. जिनमें से ज्यादातर आपस में कुत्ते बिल्लियों की तरह लड़ते हैं. जरा सा मिजाज इधर से उधर हो जाए तो मुंह फुला लेते हैं और तो और हफ्तों महीनों तक आपस में बातचीत बन्द कर देते हैं. इंसाफ से बताइये क्या ऐसे लोगों को हक़ है कि वो कपल चैलेंज लें और अपने साथी के कंधे पर हाथ रखकर फ़ोटो क्लिक कराएं.
फेसबुक पर अभी कपल चैलेंज ख़त्म भी नहीं हुआ सिंगल और किड्स चैलेंज की शुरुआत हो चुकी है
मैं किसी और की क्या कहूं. मेरे अपने ही एक मित्र हैं. जब से लॉक डाउन लगा है और वर्क फ्रॉम होम चल रहा है. तब से बीवी से लड़ाई हो रही है और अब नौबत तलाक की आ गयी है. लेकिन मेरे उस भाई को कपल चैलेंज लेना था. ले लिया. भाभी के साथ एक खूब प्यारी फ़ोटो फेसबुक पर डाली है और लाइक कमेंट्स की बाढ़ आ गयी है. अभी दो दिन पहले ही मुझसे मिले थे और खूब खुश थे. भाई की मासूमियत देखकर मेरा गला भर आया आंखों से स्वतः आंसू जारो कतार बहने लग गए.
अच्छा इन 'कपल चैलेंज वालों' को तो फिर भी झेल लिया जाए इस चैलेंज के बाद एक नई चरस सोशल मीडिया पर आई है जिसे जमाना 'सिंगल चैलेंज' (Single Challenge) और 'किड्स चैलेंज' (Kids Challenge) के नाम से जान रहा है. इन दोनों ही बिरादरियों ने जीवन में एक अलग ही तरह का पुदीना कर रखा है.
'सिंगल चैलेंज' जैसा कि नाम से जगजाहिर है उनके लिए हैं जो या तो कुंवारे हैं या फिर घर में अच्छी भली हट्टी कट्टी बीवी होने के बाद फेसबुक और ट्विटर पर खुद को कुंवारा या ये कहें कि सिंगल दिखाने का स्वांग रच रहे हैं. ये बेचारे खुद की फ़ोटो ऐसे फेसबुक पर डाल रहे हैं जैसे कल ही चीन से लड़ने गलवान घाटी जाना हो.
इसके बाद जिन्होंने सबसे ज्यादा पुदीना इन दिनों जीवन में किया है वो हैं 'किड्स चैलेंज' वाले नमूने. इस बिरादरी के बच्चे हो गए हैं ये बीवी को पीछे छोड़ उन बच्चों की क्यूटनेस के सहारे मैदान फतेह करने निकले हैं इन लोगों को लगता है कि सामने से दो मीटर बढ़ी हुई तोंद लेकर ये अगर बच्चों को हथियार बनाएं तो ये पॉपुलैरिटी का ये मैदान बड़ी ही आसानी के साथ जीत सकते हैं.
अच्छा मजे की बात ये है कि इन खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा त्रस्त उन लोगों को कर रखा है जिनकी शादी को एक दो साल हुए हैं और जिनके बच्चे नहीं हैं. 1000 - 2000 किलोमीटर दूर जो रिश्तेदार रह रहे हैं वो भी ऐसे चैलेंज देखकर इनको फ़ोन कर रहे हैं कि अरे बताओ तुम्हारे बच्चा कब हो रहा है. सच में बड़ी आफत है.
जैसा कि हम बता चुके हैं सोशल मीडिया पर अलग अलग चैलेंज का दौर है तो वाक़ई आदमी के इस खालीपन और सोशल मीडिया पर लाइक कमेंट पाने की जददोजहद देखकर हैरत होती है. मन विचलित हो जाता है. सवाल उठता है कि आखिर कोई इतना और इस हद तक मूर्ख कैसे हो सकता है? साथ ही एक सवाल ये भी रहता है कि ऐसे बेवकूफी भरे चैलेंज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर आजका इंसान साबित क्या करना चाहता है?
देखो भइया बात एकदम सीधी और साफ है अगर चैलेंज लेना हो तो कुछ ऐसा चैलेंज लो जिसमें मेहनत मजदूरी या लगन की बदौलत चार पैसा कमा लो ये क्याबात हुई कि तरह तरह की अतरंगी फ़ोटो फेसबुक पर डालो और उससे दूसरे को आतंकित करो.
बहरहाल इस चैलेंज-चैलेंज के खेल में कोई व्यथित हो या न हो मैं ज़रूर हूं. सच बता रहा हूं मैं अभी तक कपल चैलेंज की बेवकूफी नहीं झेल पा रहा था ऐसे में अब जबकि सिंगल चैलेंज, किड्स चैलेंज, ये चैलेंज-वो चैलेंज देखा है तो मन कर रहा है खुद की सारी सोशल मीडिया प्रोफाइल डी एक्टिवेट कर दूं और उन्हें तब तक बन्द रखूं जब तक ये पूरा रायता सिमट न जाए.
बाक़ी कहने बताने को मेरे पास एक हज़ार चीजें हैं . मैं कितना कहूंगा आप कितना सुनेंगे. बस ये कहकर अपनी बातों को विराम दूंगा कि बीवी बच्चों से लेकर आपके सिंगल होने तक जो कुछ है आपका है. वो पर्सनल स्पेस है तो बेहतर है कि आप उसे पर्सनल रखें. इस तरह जो आप पब्लिक प्लेटफॉर्म पर उसका प्रदर्शन कर रहे हैं तमाम लोग हैं जिन्हें वो चीज ठीक नहीं लग रही. तो इसलिए प्लीज मानवता के नाम पर ही सही दूसरों की ख़ुशी के लिए ही सही बाज आ जाइये और खुद को इन चीजों से दूर रखिये.
ख़ैर! चलता हूं बात कहीं भी ठीक लगे तो अपनी दुआओं में याद रखियेगा वरना आज भी आप चैलेंज ले रहे हैं. भविष्य में भी लेंगे लोगों का काम है परेशान होना वो आज भी परेशान हैं और शायद भविष्य में भी होंगे.
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