दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजे (Delhi election 2020 results) आ रहे हैं. कुछ देर बाद फैसला हो जाएगा कि मुख्यमंत्री (Delhi Chief Minister) कौन होगा? अच्छा इस देश में सबसे अच्छी बात ये है कि यहां खाली बैठे लोगों के पास मुद्दा राजनीति है तो सैलून से लेकर चाय की दुकानों तक बिजली- पानी फ्री (Free electricity and water) और स्वास्थ्य के अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi Government Schools) पर चर्चा हो रही है. मसला जब नई सरकार के चयन का हो तो सटोरियों (Satta Bazar) का भी अपना ग्लैमर है. सटोरियों की एक टोली ऐसी है जिसका कहना है कि चाहे कितने भी आरोप प्रत्यारोप लगें. ईवीएम (EVM) को कितना ही क्यों न छेड़ लिया जाए- 'आएगा तो केजरीवाल ही!' दिल्ली चुनावों के मद्देनजर सटोरियों की चांदी कैसे और कितनी है इसे हम उन रेट्स से भी समझ सकते हैं जिन्होंने मार्केट में चर्चा को नए आयाम दे दिए हैं. सट्टा बाजार में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का भाव चल रहा है 70 पैसे. जबकि भाजपा (BJP) के लिए बाजार ने 85 पैसे निर्धारित किये हैं. वहीं जो कांग्रेस (Congress) धरातल पर धाराशाही है सट्टा बाजार में 5 रुपए के साथ मामला बहुत क्रांतिकारी किये हुए हैं. कितनी दिलचस्प बात है अब देश में सट्टे का धंधा चलाने वाले भी मासूम जनता के साथ मजाक करने लग गए हैं और वो भी इतना सीरियस. सटोरियों के इस ग्रुप ने जो रेट रखे हों सो हों मगर आम आदमी पार्टी के लिए इनका कॉन्फिडेंस देखते वाला है.
जिक्र कॉन्फिडेंस का हुआ है तो हमें सटोरियों के एक दूसरे ग्रुप फलौदी सट्टा बाजार का भी जिक्र करना चाहिए. एक ऐसे वक़्त में जब दिल्ली चुनावों के बाद मनोज तिवारी का 48 सीटों वाला ट्वीट चर्चा में हो और जिसे लेकर मनोज...
दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजे (Delhi election 2020 results) आ रहे हैं. कुछ देर बाद फैसला हो जाएगा कि मुख्यमंत्री (Delhi Chief Minister) कौन होगा? अच्छा इस देश में सबसे अच्छी बात ये है कि यहां खाली बैठे लोगों के पास मुद्दा राजनीति है तो सैलून से लेकर चाय की दुकानों तक बिजली- पानी फ्री (Free electricity and water) और स्वास्थ्य के अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi Government Schools) पर चर्चा हो रही है. मसला जब नई सरकार के चयन का हो तो सटोरियों (Satta Bazar) का भी अपना ग्लैमर है. सटोरियों की एक टोली ऐसी है जिसका कहना है कि चाहे कितने भी आरोप प्रत्यारोप लगें. ईवीएम (EVM) को कितना ही क्यों न छेड़ लिया जाए- 'आएगा तो केजरीवाल ही!' दिल्ली चुनावों के मद्देनजर सटोरियों की चांदी कैसे और कितनी है इसे हम उन रेट्स से भी समझ सकते हैं जिन्होंने मार्केट में चर्चा को नए आयाम दे दिए हैं. सट्टा बाजार में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का भाव चल रहा है 70 पैसे. जबकि भाजपा (BJP) के लिए बाजार ने 85 पैसे निर्धारित किये हैं. वहीं जो कांग्रेस (Congress) धरातल पर धाराशाही है सट्टा बाजार में 5 रुपए के साथ मामला बहुत क्रांतिकारी किये हुए हैं. कितनी दिलचस्प बात है अब देश में सट्टे का धंधा चलाने वाले भी मासूम जनता के साथ मजाक करने लग गए हैं और वो भी इतना सीरियस. सटोरियों के इस ग्रुप ने जो रेट रखे हों सो हों मगर आम आदमी पार्टी के लिए इनका कॉन्फिडेंस देखते वाला है.
जिक्र कॉन्फिडेंस का हुआ है तो हमें सटोरियों के एक दूसरे ग्रुप फलौदी सट्टा बाजार का भी जिक्र करना चाहिए. एक ऐसे वक़्त में जब दिल्ली चुनावों के बाद मनोज तिवारी का 48 सीटों वाला ट्वीट चर्चा में हो और जिसे लेकर मनोज तिवारी की आलोचना हो रही हो ये सिर्फ फौलादी सत्ता बाजार ही है जो मनोज तिवारी के साथ आया है और उनकी बातों को वजन दे रहा है.
अपने कॉम्पिटीटर के इतर फलौदी सत्ता बाजार प्रो बीजेपी हो गया है और जो दावे उसने किये हैं उसे सुनकर संजय सिंह और प्रशांत भूषण की तो छोड़िये खुद अरविंद केजरीवाल ने भी चाय में संतरा डुबा के खाया है. फलौदी सट्टा बाजार ने दावा किया है कि दिल्ली में भाजपा को 45, आम आदमी पार्टी को 22 और कांग्रेस को 3 सीटें मिलेंगी.
मामले में मजेदार बात ये है किफलौदी सट्टा बाजार के सट्टेबाज उन इलाकों में भी भाजपा को सीटें दिला रहे हैं जिनको लेकर खुद अमित शाह शायद ही कभी यकीन कर पाएं. इस बात को एक उदाहरण के जरिये समझिये. फलौदी सट्टा बाजार का कहना है कि दिल्ली की मुस्तफाबाद, बाबरपुर, सीलमपुर, ओखला, बदरपुर, बल्लीमारन जैसी सीटें भाजपा के पाले में आएंगी जो कि अपने आप में धोखा है, झूठ है, फरेब है.
बात सीधी और एकदम साफ़ है हमारी भाजपा से कोई पर्सनल वाली रंजिश नहीं है. हम ऐसा सिर्फ इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये सभी सीटें मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों की है.बाकी सीएए और एनआरसी को लेकर जैसा इन सीटों का हिसाब किताब है वो हमारे सामने हैं. इन जगहों पर नए बने कानून का विरोध भी खूब हो रहा है और स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी भी खूब भांजनी पड़ी.
जब परिस्थितियां ऐसी हों तो सवाल ये उठता है कि आखिर किस आधार पर फलौदी सट्टा बाजार वाले लोग इन स्थानों से भाजपा की प्रचंड जीत का दावा कर रहे हैं? हो सकता है कि फलौदी सट्टा बाजार के इस दावे के बाद लोग यही कहें कि ये लोग मजाक कर रहे हैं. तो प्यारे मित्रों जैसे हर पीली चीज सोना नहीं होती. वैसे ही हर बात अफवाह भी नहीं होती.
इनके दावे को इसलिए भी गंभीरता से लिया जा सकता है क्योंकि ये फलौदी सट्टा बाजार के ही लोग थे जिन्होंने लोकसभा चुनाव में भी दावे किये थे और हैरान करने वाली बात ये थी कि वो दावे सही साबित हुए थे.
अब जब बात ऐसी हो तो इस पाले के सटोरियों के कॉन्फिडेंस पर शक तो किया ही नहीं जा सकता. या ये कहें कि इन्होंने शक करने की कोई गुंजाइश छोड़ी भी नहीं है ये लोग पहले ऐसा बहुत कुछ बता चुके हैं कि आज इनका कहा झूठ भी सच है.
बहरहाल इस खबर के बाद की दिल्ली में भाजपा इतिहास रच रही है कोई इनसे खुश हो न हो मनोज तिवारी जरूर होंगे. ऐसा इसलिए भी क्योंकि मनोज तिवारी के लिए उनके ही मन की बात की है. अगर दिल्ली में करिश्मा हो गया तो इतना तो निश्चित है कि कोई फलौदी सट्टा बाजार के लिए आए न आए. मनोज तिवारी खुद इन्हें अपने हाथों से बाटी चोखा बनाकर खिलाएंगे और जीत की ट्रीट देंगे.
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