कई सौ साल पहले आदमी पढ़ाई लिखाई करने या ज्ञान के टंटे में फंसकर जंगल झाड़ियों, नदी नालियों में भटकता था. बात उसी समय की है. एक बार देवदार के घने जंगलों में चीड़ के पेड़ के पास एक सिद्ध मुनि ने अपने चेले से कहा था कि, 'कलयुग में प्रलय आएगी!'
चेले ने कारण पूछे थे. गुरु जी ने चुप्पी साध ली थी. गुरु जी ट्रांस में चले गए थे.
उस घटना को लंबा वक्त बीत चुका है. तब गुरु जी क्यों शांत रहे जवाब आज मिला है. दिल्ली से मिला है. मसाला डोसा आइस क्रीम रोल को देखकर मिला है. 'मसाला डोसा आइस क्रीम रोल' सुनकर हैरत हो रही है? मत करो. ऐसा होगा. इसे बरसों पहले ही लिख दिया गया था वो अलग बात है कि हम इसे आज 2022 के इस जाड़े वाले मौसम में देख रहे हैं.
मैटर सीधा है. फ्यूजन के नाम पर फ़ूड की हत्या दुनिया का सबसे आसान शगल है. दिग्भ्रमित जनता को रिझाने और अपनी दुकान में लाइनें लगवाने के लिए आदमी कुछ भी कर सकता है. दिल्ली के एक फ़ूड जॉइंट ने भी किया और वीडियो वायरल हो गया. तो भइया अब जबकि वीडियो हमारे सामने आ गया है तो सवाल ये उठता है कि क्या इस गलती की माफी मिलेगी. क्या मुआवजा ले देकर मामला रफा दफा किया जा सकता है.
वीडियो जिसने देखा. इंसान ने देखा. चिड़िया, बंदर, देव, दानवों कुत्ते, बिल्ली, चूहे , कॉकरोचों ने तीन लोकों में जिसने जिसने देखा वो हैरान कम परेशान ज्यादा है. सवाल उठ रहा है कि जहां दो मिनट में मैगी बनाने में आदमी को छींकें आ जाएं वहां कोई कैसे इतना बड़ा ब्लंडर कर सकता...
कई सौ साल पहले आदमी पढ़ाई लिखाई करने या ज्ञान के टंटे में फंसकर जंगल झाड़ियों, नदी नालियों में भटकता था. बात उसी समय की है. एक बार देवदार के घने जंगलों में चीड़ के पेड़ के पास एक सिद्ध मुनि ने अपने चेले से कहा था कि, 'कलयुग में प्रलय आएगी!'
चेले ने कारण पूछे थे. गुरु जी ने चुप्पी साध ली थी. गुरु जी ट्रांस में चले गए थे.
उस घटना को लंबा वक्त बीत चुका है. तब गुरु जी क्यों शांत रहे जवाब आज मिला है. दिल्ली से मिला है. मसाला डोसा आइस क्रीम रोल को देखकर मिला है. 'मसाला डोसा आइस क्रीम रोल' सुनकर हैरत हो रही है? मत करो. ऐसा होगा. इसे बरसों पहले ही लिख दिया गया था वो अलग बात है कि हम इसे आज 2022 के इस जाड़े वाले मौसम में देख रहे हैं.
मैटर सीधा है. फ्यूजन के नाम पर फ़ूड की हत्या दुनिया का सबसे आसान शगल है. दिग्भ्रमित जनता को रिझाने और अपनी दुकान में लाइनें लगवाने के लिए आदमी कुछ भी कर सकता है. दिल्ली के एक फ़ूड जॉइंट ने भी किया और वीडियो वायरल हो गया. तो भइया अब जबकि वीडियो हमारे सामने आ गया है तो सवाल ये उठता है कि क्या इस गलती की माफी मिलेगी. क्या मुआवजा ले देकर मामला रफा दफा किया जा सकता है.
वीडियो जिसने देखा. इंसान ने देखा. चिड़िया, बंदर, देव, दानवों कुत्ते, बिल्ली, चूहे , कॉकरोचों ने तीन लोकों में जिसने जिसने देखा वो हैरान कम परेशान ज्यादा है. सवाल उठ रहा है कि जहां दो मिनट में मैगी बनाने में आदमी को छींकें आ जाएं वहां कोई कैसे इतना बड़ा ब्लंडर कर सकता है?
जैसा कि वीडियो में दिख रहा है गर्म तवे पर मसाला डोसा को क्रश किया गया उसमें शायद वनीला आइस क्रीम के दो स्कूप मिलाए गए. धीमी आंच पर उसे पकाया गया. बाद में इस बैटर को तवे पर फैलाकर इसका रोल बनाया गया और इसपर ट्रेडिशनल मसाला डोसा चटनी छिड़क कर सर्व किया गया.
उपरोक्त बातों को जितनी आसानी से हमने लिखा उतनी ही आसानी से आपने पढ़ा. तो क्या मान लिया जाए कि मुद्दा इतना ही था? बात इतने पर ही खत्म हो गई. यदि इन सवालों पर आपका जवाब हां है तो यकीन जानिए अंतरात्मा मर चुकी है आपकी. आप एक ऐसे जॉम्बी बन गए हैं जो वाहियात से वाहियात चीज न केवल बनाएगा बल्कि एक्सपेरिमेंट और फ्यूजन का नाम देकर चटखारे मार मारकर उसे खाएगा.
नहीं सच में, हैरत तो उस दिमाग पर होती है जिसे ये आईडिया आया कि मसाला डोसा जैसी चीज में आइस क्रीम मिलाई जाए फिर उसे सेंककर उसका मसाला डोसा आइस क्रीम रोल बनाया जाए. देखिए बात साफ है. यहां केवल एक आइटम के साथ ज्यादती नहीं हुई. मसाला डोसा का तिरस्कार किया गया. आइस क्रीम लवर्स की भावनाओं को आहत किया गया.
मामले में जो बात सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है वो ये कि न केवल ये डिश बनी बल्कि इसे मंजर ए आम में परोसा गया और इसका वीडियो बनकर इतिहास के लिए संजो कर रख दिया गया. यह जिस किसी का भी ये आइडिया है. कहने बताने को उसे एक हजार बात कह और कोसकर अपने को होश में किया जा सकता है लेकिन ये बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है.
ये मुद्दा यहां पर खत्म नहीं होगा इस गलती की कोई माफी नहीं है. वैसे देखा जाए तो ये गलती भी नहीं है. शुद्ध सात्विक भाषा में इसे मूर्खता कहते है और मूर्खता भी ऐसी जो जान बूझकर की गई है. अपने निजी फायदे के लिए की गई है.
बहरहाल हम लोगों में से ऐसे लोग कम ही होंगे जिन्होंने अपने अलावा किसी और धर्म के धर्मग्रंथ पढ़े होंगे. लेकिन जो भी धर्मग्रंथ हैं सब में प्रलय या कयामत का जिक्र है. ये भी बताया गया है कि यदि प्रलय आई तो कारण पाप होगा. अब खुद बताइए क्या ये मसाला डोसा आइस क्रीम रोल खुदमें किसी पाप से कम है क्या? जैसे ही ये मसाला डोसा आइस क्रीम रोल तैयार हुआ, क्यों नहीं फटी धरती? आखिर क्यों नहीं उसमें समा गए हम लोग?
अंत में सवाल यही है कि क्या ईश्वर भी यही चाहता है कि मनुष्य अपनी एकदम पर्सनल आंखों से ऐसे पाप होते देखे और वो भी पूरी बेबसी से? यदि ऐसा है तो साफ है ईश्वर हमारे पाप हमें मसाला डोसा आइस क्रीम रोल की सूरत में दिखा रहा है और चाहता यही है कि हम वक्त रहते संभल जाएं. सुधर जाएं.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.