ज़िंदगी की सारी खुशियां और नेमतें एक तरफ़ मैगी (Maggi) एक तरफ़. मेरी छोड़ो यार मुझ जैसे बहुतेरे हैं, जिनकी सुबह का आगाज़ मैगी से होता है फिर जब शाम होती है तो गुड नाईट का सहारा भी यही बेचारी मैगी है. मैटर बहुत सीधा है. इधर- उधर की बात ही नहीं करनी. भगवान ने दुनिया बनाई. दुनिया ने मैगी बनाई और फिर इस मैगी ने बैचलर्स से लेकर उन शादीशुदाओं की जिंदगी बनाई जिनकी बीवियां मायके गयीं होती है. मैगी के मामले में जो एक बात मुझे बहुत जचती है वो ये कि इसे खाने का कोई वक़्त नहीं होता. सुबह खाना चाहो सुबह खा लो. शाम हुई तब खा लो, दिन दोपहर खा लो. सोने से पहले खा लो, उतने के बाद खा लो. और एक बात और ऐसा नहीं है कि मैगी सिर्फ उबाल के खाई जाती है. इसकी भेलपुरी बनती है और कई लोग तो इसे कच्चा ही खाते हैं. यानी पैकेट को क्रश करो, उसे खोलो और गप- गप कच्चा ही खा लो.
मैगी को लेकर सब कुछ बहुत सिंपल है. क्यों? यही लग रहा है न ? नहीं मेरे दोस्त जिस तरह मित्थुन की हर पिक्चर की हैप्पी एंडिंग नहीं होती वैसा ही कुछ मामला मैगी का भी है. जैसे सावधानी हटने पर दुर्घटना घट जाती है वैसे ही ज्यादा एक्सपेरिमेंट जो किया तो मैगी की लंका लग जाती है.
कल्पना कीजिये आदमी मैगी के साथ क्या क्या कर सकता है? आपने बहुत सोचा तो ज्यादा से ज्यादा आपके दिमाग में आएगा कि आदमी मैगी में शिमला मिर्च और अजीनोमोटो डालकर उसका चाउमीनिकरण कर सकता है और गर जो कोई ज्यादा ही बड़ा दीवाना हुआ तो वो मसाला अलग करके उसमें दूध चीनी डाल देगा और उसे एक कॉन्टिनेंटल डेजर्ट में कन्वर्ट कर सकता है.
बात एक्सपेरिमेंट की चल रही है तो कल्पना के चाहे जितने भी घोड़े दौड़ा लीजिए मैगी के केस में एक्सपेरिमेंट के कोई बहुत...
ज़िंदगी की सारी खुशियां और नेमतें एक तरफ़ मैगी (Maggi) एक तरफ़. मेरी छोड़ो यार मुझ जैसे बहुतेरे हैं, जिनकी सुबह का आगाज़ मैगी से होता है फिर जब शाम होती है तो गुड नाईट का सहारा भी यही बेचारी मैगी है. मैटर बहुत सीधा है. इधर- उधर की बात ही नहीं करनी. भगवान ने दुनिया बनाई. दुनिया ने मैगी बनाई और फिर इस मैगी ने बैचलर्स से लेकर उन शादीशुदाओं की जिंदगी बनाई जिनकी बीवियां मायके गयीं होती है. मैगी के मामले में जो एक बात मुझे बहुत जचती है वो ये कि इसे खाने का कोई वक़्त नहीं होता. सुबह खाना चाहो सुबह खा लो. शाम हुई तब खा लो, दिन दोपहर खा लो. सोने से पहले खा लो, उतने के बाद खा लो. और एक बात और ऐसा नहीं है कि मैगी सिर्फ उबाल के खाई जाती है. इसकी भेलपुरी बनती है और कई लोग तो इसे कच्चा ही खाते हैं. यानी पैकेट को क्रश करो, उसे खोलो और गप- गप कच्चा ही खा लो.
मैगी को लेकर सब कुछ बहुत सिंपल है. क्यों? यही लग रहा है न ? नहीं मेरे दोस्त जिस तरह मित्थुन की हर पिक्चर की हैप्पी एंडिंग नहीं होती वैसा ही कुछ मामला मैगी का भी है. जैसे सावधानी हटने पर दुर्घटना घट जाती है वैसे ही ज्यादा एक्सपेरिमेंट जो किया तो मैगी की लंका लग जाती है.
कल्पना कीजिये आदमी मैगी के साथ क्या क्या कर सकता है? आपने बहुत सोचा तो ज्यादा से ज्यादा आपके दिमाग में आएगा कि आदमी मैगी में शिमला मिर्च और अजीनोमोटो डालकर उसका चाउमीनिकरण कर सकता है और गर जो कोई ज्यादा ही बड़ा दीवाना हुआ तो वो मसाला अलग करके उसमें दूध चीनी डाल देगा और उसे एक कॉन्टिनेंटल डेजर्ट में कन्वर्ट कर सकता है.
बात एक्सपेरिमेंट की चल रही है तो कल्पना के चाहे जितने भी घोड़े दौड़ा लीजिए मैगी के केस में एक्सपेरिमेंट के कोई बहुत ज्यादा ऑप्शन्स नहीं हैं.
तो गुरु अब दिल थाम लो. अच्छे से अच्छे शरीफ से शरीफ इंसान से गुनाह हो जाते हैं मगर तब क्या जब कोई बेहतरीन गरमा गरम मैगी बनाए और उसपर दही की कटोरी डाल दे. क्या कहोगे उसे? अच्छा हुआ इस युग में ईसा मसीह नहीं हैं. सच बता रहा हूं भाईसाहब ये वो गुनाह ए अज़ीम है जिसका प्रायश्चित करने के लिए येशू दोबारा सलीब पर चढ़ जाते.
मैगी में दही डालने की बात तफरीह, मजाक, जोक, लग रही होगी। लेकिन मेरे भाई ऐसा हुआ है. हां यहीं इसी दुनिया में ऐसे महानुभाव भी हैं जिन्होंने न केवल मैगी में दही डालने की बदचलनी की बल्कि बेशर्मी का परिचय देते हुए फ़ोटो सोशल मीडिया पर भी डाली. जो जानते हैं ठीक है जो नहीं जानते हैं वो जान लें कि मामला जुड़ा है @acnymph नाम की यूजर से.
बहन मैगी खा रही थी ठीक था मगर कयामत तब हुई जब इसमें उस मैगी में दही डाल दी. इस दृश्य को जिस जिस ने देखा उसकी सांसें थम गईं. जो जहां था वहीं रुक गया. चिड़ियों ने चहचहाना बंद कर दिया. हवा ने सरसराना बंद कर दिया. ये ब्लंडर हुआ है. ये ब्लंडर हो चुका है.
कुल मिलाकर बात बस इतनी है मैगी में दही... ये गुनाह है. दो गुना है. तीन गुना है. ये नहीं होना चाहिए था. बिल्कुल नहीं होना चाहिए था. मगर अब जबकि ये हो चुका है मैं ईश्वर से बस इतना ही कहूंगा कि हे ईश्वर उस मैगी में दही डालने वाली लड़की को माफ करना वो नहीं जानती कि उसने क्या किया और क्यों किया.
मैं किसी को लेकर ओपिनियन नहीं बनाता और अपनी ही बात कहने और करने में यकीन रखता हूं. तो भइया बात ये है कि मैंने जीवन में एक से एक प्रयोग किये. एक से एक बेवकूफाना हरकतें की. अपनी शरारतों के चलते पाइप, बेलन डंडे से मार तक खाई लेकिन मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं किया. मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि कोई मेरी दो मिनट वाली मैगी के साथ इस तरह का बुरा व्यवहार करेगा.
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