हां तो भइया आदमी 'पइसा' चाहे जितना पीट ले बड़ी बात है 'टाइम (Time ).' यूं जान लो कि अगर तुमने टाइम मैनेज कर लिया तो समझो जग जीत लिया. बड़े बड़े संत महात्मा अक्सर अपने प्रवचनों में कहते पाए जाते हैं कि अगर पैसा आदमी को आर्थिक स्वतंत्रता देता है तो वहीं बात जब टाइम की आती है तो इसी से मानसिक संतुष्टि मिलती है. बात इंसानों और उसकी जिंदगी में टाइम मैनेजमेंट पर चल रही है तो दिलचस्प बात यही है कि आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में टाइम ही बताता है कि इंसान किसी दूसरे इंसान को कितना प्यार करता है? उसकी कितनी फिक्र करता है. टाइम देना एक इंसान के लिए कितना जरूरी है इस सवाल का जवाब कुंवारों से बेहतर शादीशुदा या वो भी दे पाएंगे जिनकी गर्ल फ्रेंड हो. टाइम दिया तो अच्छी बात. न दिया तो प्रेमिका या पत्नी 'रिंकू भाभी' बन ज़िंदगी भर यही सुनाती है कि 'जिंदगी बर्बाद हो गिया...मेरे हस्बैंड मुझसे प्यार नहीं करते.' तो मित्रों यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो तत्काल प्रभाव से इसके प्रति गंभीर हो जाइए. वरना आपकी हालत वाराणसी (Varanasi) के उस शख्स जैसी हो जाएगी जिसकी बीवी(Wife) मिस कॉल (Missed Call) के बाद प्यार की गिरफ्त में कुछ इस तरह आई कि पति और बच्चों को छोड़ प्रेमी संग फरार हो गयी और अब लाख समझाने के बावजूद लौटने का नाम नहीं ले रही है.
बता दें कि वाराणसी के रहने वाले एक युवक और इंदौर की महिला को फाेन पर बात करते-करते प्यार हो गया. महिला पर प्यार ने कुछ ऐसा रंग छोड़ा की वह अपने पति और बच्चों को छोड़कर इंदौर से प्रेमी के पास बनारस पहुंच गई. तमाम खोजबीन के बाद जैसे तैसे इस बात की जानकारी महिला के परिजनों को हुई तो वे फौरन ही पुलिस की क्षरण में आए. महिला को...
हां तो भइया आदमी 'पइसा' चाहे जितना पीट ले बड़ी बात है 'टाइम (Time ).' यूं जान लो कि अगर तुमने टाइम मैनेज कर लिया तो समझो जग जीत लिया. बड़े बड़े संत महात्मा अक्सर अपने प्रवचनों में कहते पाए जाते हैं कि अगर पैसा आदमी को आर्थिक स्वतंत्रता देता है तो वहीं बात जब टाइम की आती है तो इसी से मानसिक संतुष्टि मिलती है. बात इंसानों और उसकी जिंदगी में टाइम मैनेजमेंट पर चल रही है तो दिलचस्प बात यही है कि आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में टाइम ही बताता है कि इंसान किसी दूसरे इंसान को कितना प्यार करता है? उसकी कितनी फिक्र करता है. टाइम देना एक इंसान के लिए कितना जरूरी है इस सवाल का जवाब कुंवारों से बेहतर शादीशुदा या वो भी दे पाएंगे जिनकी गर्ल फ्रेंड हो. टाइम दिया तो अच्छी बात. न दिया तो प्रेमिका या पत्नी 'रिंकू भाभी' बन ज़िंदगी भर यही सुनाती है कि 'जिंदगी बर्बाद हो गिया...मेरे हस्बैंड मुझसे प्यार नहीं करते.' तो मित्रों यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो तत्काल प्रभाव से इसके प्रति गंभीर हो जाइए. वरना आपकी हालत वाराणसी (Varanasi) के उस शख्स जैसी हो जाएगी जिसकी बीवी(Wife) मिस कॉल (Missed Call) के बाद प्यार की गिरफ्त में कुछ इस तरह आई कि पति और बच्चों को छोड़ प्रेमी संग फरार हो गयी और अब लाख समझाने के बावजूद लौटने का नाम नहीं ले रही है.
बता दें कि वाराणसी के रहने वाले एक युवक और इंदौर की महिला को फाेन पर बात करते-करते प्यार हो गया. महिला पर प्यार ने कुछ ऐसा रंग छोड़ा की वह अपने पति और बच्चों को छोड़कर इंदौर से प्रेमी के पास बनारस पहुंच गई. तमाम खोजबीन के बाद जैसे तैसे इस बात की जानकारी महिला के परिजनों को हुई तो वे फौरन ही पुलिस की क्षरण में आए. महिला को बरामद करने के बाद पुलिस ने उसकी काउंसलिंग की. तमाम इधर उधर की बातों के बाद पुलिस मुद्दे पर आई लेकिन महिला किसी भी सूरत में अपने प्रेमी को छोड़कर वापस पति के घर जाने को राजी न हुई.
महिला की फरारी के बाद जो जानकारी पुलिस से मिली है वो खासी दिलचस्प है. पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला के मोबाइल पर एक मिस कॉल आई. जब महिला ने पलट के कॉल किया तो उधर एक युवक था और फिर दोनों में बातें होने लगीं.शायद शुरुआत दोस्ती से हुई हो और ये दोस्ती कब प्यार में बदली न तो इसकी जानकारी महिला को लगी और न ही पुरुष को. कई महीनों तक दाेनों के बीच फोन पर ही प्यार भरी मीठी मीठी बातें हुईं. प्यार जब अपने चरम पर आया तो महिला अचानक ही घर छोड़कर अपने प्रेमी के यहां वाराणसी पहुंच गई.
पति और महिला के परिजनों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन कोई सुराग उनके हाथ न लगा. इसी बीच उन्हें जानकारी मिली कि महिला को बनारस के एक युवक से प्यार हो गया था. इसी बात को आधार मानकर महिला का पति और उसके परिजन वाराणसी पहुंचे और उन्होंने पुलिस की मदद ली. काफी मशक्कत के बाद पुलिस महिला और उसके आशिक को खोजने में कामयाब हुई.
महिला ने वापस जाने से मना कर दिया तो पुलिस ने भी इस उम्मीद के साथ महिला को नारी निकेतन भेज दिया कि शायद स्थिति संभले और महिला ठीक हो जाए लेकिन महिला फिर नहीं मानी और वापस अपने प्रेमी के पास लौट गई.
मामले के मद्देनजर परिजनों ने हार नहीं मानी और एक बार फिर पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचे. महिला को थाने बुलाया गया. तमाम प्रयास के बाद भी प्रेमिका प्रेमी को छोड़ने को तैयार नहीं हुई. महिला पर प्यार किस हद तक अपना असर दिखा रहा है इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि महिला को प्रेमी के आगे अपने बच्चों तक कि परवाह नहीं है वो प्रेमी के साथ वाराणसी रहने की जिद पर अड़ी रही.
महिला क्यों भागी इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं लेकिन जिस तरह उसे फोन पर प्यार हुआ और जैसे उसने इतना बड़ा फैसला लेने की ठानी साफ पता चल रहा है कि उसका पति उसे टाइम नहीं देता था. गर जो टाइम दिया होता तो मजाल थी कि यूं टेलीफोन पर महिला को प्यार हो जाता और वो भाग जाती.खैर जिस तरह का ये ब्लंडर हुआ है घटना उन तमाम लोगों के लिए सबक तो है जो बीवी की ख्वाइशों और जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं.
ऐसे लोग संभल जाएं वरना हर चौक हर चौराहे पर बोर्ड होता है 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी.' बात चूंकि मिस कॉल के फेर में महिला के फरार होने की चल रही है तो हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि महिला के पति ने तब ट्रेन पकड़ने की कोशिश की जब वो स्टेशन छोड़ चुकी थी. और ऐसी कंडीशन पर संत महात्मा पहले ही कह चुके है 'अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत.
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