एक बिहारी सब पर भारी... कहावत है और यूं ही नहीं है इसके पीछे माकूल वजहें हैं. चाहे सिविल का एग्जाम उठा लीजिए या फिर नकल बात एकदम सीधी है बिहारियों का हाथ शायद ही कोई पकड़ पाए. बिहार के लोग जहां एक तरफ मेहनती हैं तो वहीं जब बात दिमाग की आती है तो ये कौम दिमाग के मामले में भी वाक़ई ज़हीन है. ये बातें आलोचना नहीं हैं न ही एक राज्य विशेष के लोगों पर किसी तरह का व्यंग्य किया जा रहा है. हम बिहार के लोगों की तारीफ़ कर रहे हैं और दंडवत होकर इनके जज्बे को सलाम करते हैं. ऐसा क्यों? वजह है इंटरनेट पर वायरल कुछ तस्वीरें. जैसा कि देश की जनता को पता है शराब के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एजेंडा क्लियर है. नीतीश पहले ही कह चुके हैं 'न पियूंगा न पीने दूंगा.' लेकिन फिर बात वही है 'बिहारी दिमाग' बिहार के लोगों ने शराब की तस्करी के एक से एक नायाब फॉर्मूले निकाले हैं. ये जुआड़ कुछ ऐसा है कि जो भी इसे देखेगा हैरत में आकर दांतों तले अंगुली दबा लेगा.
किसी और चीज पर बात करने से बेहतर है कि पहले बात तस्वीर पर ही क्यों न कर ली जाए. इंटरनेट पर जो तस्वीर वायरल हुई है वो बिहार पुलिस के 'गुड वर्क' की है. भले ही शराब तस्करों को पकड़कर पुलिस उसे 'गुड वर्क' की संज्ञा दे रही हो. लेकिन जब इस तस्वीर पर गौर करें तो असली गुड वर्क तो गुरु इन शराब तस्करों का है. जिन्होंने शरीर के उन हिस्सों पर शराब को पेस्ट किया है जहां मोटे और हट्टे कट्टे लोगों की चर्बी होती है. कह सकते हैं कि वो तो इनका बैडलक खराब था वरना इन्हें शायद ही कोई पकड़ पाता.मतलब ये कि जब ये तस्कर इस अंदाज में रोड पर निकलते तो लोग इन्हें खाए पिये घर का समझते.
बात बिहार की चली है और बिहार में शराब तस्करी की चली है. तो ये तस्करी का कोई अनूठा...
एक बिहारी सब पर भारी... कहावत है और यूं ही नहीं है इसके पीछे माकूल वजहें हैं. चाहे सिविल का एग्जाम उठा लीजिए या फिर नकल बात एकदम सीधी है बिहारियों का हाथ शायद ही कोई पकड़ पाए. बिहार के लोग जहां एक तरफ मेहनती हैं तो वहीं जब बात दिमाग की आती है तो ये कौम दिमाग के मामले में भी वाक़ई ज़हीन है. ये बातें आलोचना नहीं हैं न ही एक राज्य विशेष के लोगों पर किसी तरह का व्यंग्य किया जा रहा है. हम बिहार के लोगों की तारीफ़ कर रहे हैं और दंडवत होकर इनके जज्बे को सलाम करते हैं. ऐसा क्यों? वजह है इंटरनेट पर वायरल कुछ तस्वीरें. जैसा कि देश की जनता को पता है शराब के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एजेंडा क्लियर है. नीतीश पहले ही कह चुके हैं 'न पियूंगा न पीने दूंगा.' लेकिन फिर बात वही है 'बिहारी दिमाग' बिहार के लोगों ने शराब की तस्करी के एक से एक नायाब फॉर्मूले निकाले हैं. ये जुआड़ कुछ ऐसा है कि जो भी इसे देखेगा हैरत में आकर दांतों तले अंगुली दबा लेगा.
किसी और चीज पर बात करने से बेहतर है कि पहले बात तस्वीर पर ही क्यों न कर ली जाए. इंटरनेट पर जो तस्वीर वायरल हुई है वो बिहार पुलिस के 'गुड वर्क' की है. भले ही शराब तस्करों को पकड़कर पुलिस उसे 'गुड वर्क' की संज्ञा दे रही हो. लेकिन जब इस तस्वीर पर गौर करें तो असली गुड वर्क तो गुरु इन शराब तस्करों का है. जिन्होंने शरीर के उन हिस्सों पर शराब को पेस्ट किया है जहां मोटे और हट्टे कट्टे लोगों की चर्बी होती है. कह सकते हैं कि वो तो इनका बैडलक खराब था वरना इन्हें शायद ही कोई पकड़ पाता.मतलब ये कि जब ये तस्कर इस अंदाज में रोड पर निकलते तो लोग इन्हें खाए पिये घर का समझते.
बात बिहार की चली है और बिहार में शराब तस्करी की चली है. तो ये तस्करी का कोई अनूठा अंदाज नहीं है. पूर्व में भी एक से बढ़कर एक मामले आए हैं जिन्हें देखकर कठोर से कठोर आदमी शराब तस्करों की तारीफ़ से खुद को नहीं रोक पाएगा. कहा जाता है कि इंसान उस चीज की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है जिसके लिए उसे रोका जाता है ऐसा ही हाल कुछ बिहार में शराबियों का है. अंगूर की बेटी अपने चाहने वालों पर कृपा बनाए रहे लोगों ने जी जान एक कर दी है. अभी कुछ साल पहले ही खबर आई थी कि बिहार उत्पाद विभाग ने नवादा से कुछ ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने गैस सिलेंडर के पेंदे को काट कर शराब छिपाई थी. बता दें कि तब उत्पाद विभाग ने कच्ची दारू के 145 पैकेट उस सिलेंडर से बरामद किए थे.
ऐसे ही एक तस्कर की अरेस्टिंग और हुई थी. मामला पूर्णिया का था. इस मामले में एसएसबी एक्टिव हुई थी जिसने एक ऐसे युवक को धर दबोचा था जो नेपाल के रास्ते शराब लाता था. इस भाई का भी आईडिया बेहद यूनीक था इस युवक ने शरीर में पहले शराब चिपकाई फिर कपड़ा लपेट लिया. युवक के इस आईडिया के पीछे का उद्देश्य ये था कि जब कोई उसे देखे तो वो एक ऐसा व्यक्ति नजर आए जो गंभीर रूप से घायल हो.
बिहार में शराब को लेकर तस्कर न सिर्फ एक्टिव हैं. बल्कि बहुत गंभीर भी हैं. शायद उनका एजेंडा एकदम स्पष्ट हो. वो चाहते हो कि लोगों को उनकी पसंद की चीज मिलती रहे. चाहे वो बाइक की दिग्गी हो या फिर ट्रक का गुप्त चैंबर, बिहार में कच्चे नारियल जिसे डाब कहा जाता है उस तक में शराब की तस्करी हुई है. बिहार में शराब की तस्करी करने वाले तस्कर किस हद तक शातिर है गर जो इस बात को समझना हो तो कहीं और क्या जाना सर्फ ट्विटर पर जाइये और सही की-वर्ड डालकर सर्च मारिये आप ऐसा बहुत कुछ पाएंगे जिसको देखने मात्र से आपके मुंह से निकल पड़ेगा अरी बाप रे.
बहरहाल जैसे फ़िल्म धमाल में एक डायलॉग था कि हर बाप का एक बाप होता है, जिसे हम दादाजी कहते हैं. इन तस्करों का भी मामला बिल्कुल ऐसा ही है. इनका दादा और कोई नहीं बल्कि बिहार पुलिस है. साफ है कि यदि ये तस्कर खुद को सेर समझते हैं. तो अपनी बिहार पुलिस भी सवा सेर है. अगर तस्कर डाल डाल हैं. तो बिहार पुलिस और अलग अलग विभाग पात-पात. जैसे हालात हैं अच्छी बात ये है कि अब इन्होंने वहां से सोचना शुरू कर दिया है जहां से तस्करों की सोच खत्म होती है.
अंत में बस इतना ही कि भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एजेंडा न पीयूंगा न पीने दूंगा वाला हो. मगर मन से मुलायम इन तस्करों के भी इरादे लोहा हैं. इन्होंने समय समय पर सरकार को चैलेंज देते हुए बताया है कि ये पीएंगे भी और लोगों को पिलाएंगे भी.
ये भी पढ़ें -
Shehla Rashid को Anti National बताने वाले अब्बू सुन लें, अब कुछ नहीं हो सकता चचा!
Sana Khan Anas Saiyed video: नज़र ना लगे इंस्टाग्राम वाले इस रूहानी जोड़े को!
'हिंदुस्तान' बनाम 'भारत' का बवाल मचाने वाले AIMIM विधायक का निशाना तो राष्ट्रवाद था
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.