महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई बगावत हर बदलते दिन के साथ और मजबूत होती जा रही है. जिसके चलते सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर लगे ग्रहण ने शिवसेना की लाइन-लेंथ बिगाड़ दी है. इसका सबसे ज्यादा असर शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत पर नजर आ रहा है. महाविकास आघाड़ी सरकार पर लटकती तलवार ने संजय राउत के बोल इस कदर बिगाड़ दिए हैं कि उनके बयान सभी सीमाओं को तोड़ते हुए अब धमकियों में बदल गए हैं. हालांकि, शिवसेना समर्थक संजय राउत के बयानों की तुलना बालासाहेब ठाकरे से करते नजर आते हैं. इनका मानना है कि संजय राउत की धमकियों में भी बालासाहेब ठाकरे की तरह ही तीखापन और बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहने का मुजाहिरा ही हैं. लेकिन, बालासाहेब ठाकरे कभी भी अपने बयानों में संयम खोते नजर नहीं आते थे. जबकि, संजय राउत के बिगड़े बोलों पर हालात ऐसे हो गए हैं कि एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों से नाराजगी दिखाने वाले संजय राउत को बाद में अपने ही बयानों पर सफाई देनी पड़ रही है.
ये ठीक उसी तरह है कि जैसे बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को 'हरामखोर' कहने के बाद संजय राउत सफाई देते हुए इसे 'नॉटी' में तब्दील करना पड़ा था. दरअसल, संजय राउत को शिवसेना का बेलगाम घोड़ा माना जाता है. राउत की भाषा में कहें तो वे अपने 'हलकट' बयानों की वजह से शिवसेना की राहों में भी रोड़े बिछाने से नहीं चूकते हैं. यहां तक कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी भाजपा के साथ अपने पुराने संबंधों का ख्याल रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ हमलावर नहीं नजर आते हैं. लेकिन, संजय राउत इस मामले में भी शिवसेना के कथित 'प्रोटोकॉल' को तोड़ने से नहीं हिचकिचाते हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो...
महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई बगावत हर बदलते दिन के साथ और मजबूत होती जा रही है. जिसके चलते सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर लगे ग्रहण ने शिवसेना की लाइन-लेंथ बिगाड़ दी है. इसका सबसे ज्यादा असर शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत पर नजर आ रहा है. महाविकास आघाड़ी सरकार पर लटकती तलवार ने संजय राउत के बोल इस कदर बिगाड़ दिए हैं कि उनके बयान सभी सीमाओं को तोड़ते हुए अब धमकियों में बदल गए हैं. हालांकि, शिवसेना समर्थक संजय राउत के बयानों की तुलना बालासाहेब ठाकरे से करते नजर आते हैं. इनका मानना है कि संजय राउत की धमकियों में भी बालासाहेब ठाकरे की तरह ही तीखापन और बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहने का मुजाहिरा ही हैं. लेकिन, बालासाहेब ठाकरे कभी भी अपने बयानों में संयम खोते नजर नहीं आते थे. जबकि, संजय राउत के बिगड़े बोलों पर हालात ऐसे हो गए हैं कि एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों से नाराजगी दिखाने वाले संजय राउत को बाद में अपने ही बयानों पर सफाई देनी पड़ रही है.
ये ठीक उसी तरह है कि जैसे बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को 'हरामखोर' कहने के बाद संजय राउत सफाई देते हुए इसे 'नॉटी' में तब्दील करना पड़ा था. दरअसल, संजय राउत को शिवसेना का बेलगाम घोड़ा माना जाता है. राउत की भाषा में कहें तो वे अपने 'हलकट' बयानों की वजह से शिवसेना की राहों में भी रोड़े बिछाने से नहीं चूकते हैं. यहां तक कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी भाजपा के साथ अपने पुराने संबंधों का ख्याल रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ हमलावर नहीं नजर आते हैं. लेकिन, संजय राउत इस मामले में भी शिवसेना के कथित 'प्रोटोकॉल' को तोड़ने से नहीं हिचकिचाते हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के विवादित बयान उनके साथ ही शिवसेना के लिए भी असमंजस की स्थिति पैदा करते रहते हैं. आइए नजर डालते हैं संजय राउत के ऐसे ही 5 'हलकट' बयानों पर जो नॉटी तो बिल्कुल नहीं कहे जा सकते हैं.
ये हैं वो 5 'हलकट' बयान
'असम से 40 विधायकों की लाश आएगी' : गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायकों ने फिलहाल डेरा जमाया हुआ है. जिसके बाद हाल ही में शिवसेना नेता संजय राउत ने बागियों को धमकी देते हुए कहा था कि 'गुवाहाटी से 40 विधायकों की लाशें आएंगी. और, सभी के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज देंगे.' हालांकि, बाद में संजय राउत ने अपने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने सिर्फ यही कहा है कि आपका (बागी विधायक) जमीर मर चुका है और आप एक जिंदा लाश की तरह हैं. जबकि, राउत के इस बयान के बाद एकनाथ शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने पलटवार करते हुए कहा था कि 'अगर बालासाहेब ठाकरे होते, तो राउत को पार्टी से निकाल बाहर करते. संजय राउत हमारे ही बलबूते पर राज्यसभा पहुंचे हैं. हमारा नहीं बल्कि संजय राउत का जमीर मर चुका है.'
'अपने बाप के नाम पर मांगो वोट' : शिवसेना में बागी विधायकों के खिलाफ संजय राउत का गुस्सा लगातार सीमा लांघ रहा है. इसी दौरान संजय राउत ने पार्टी के बागी विधायकों के लिए कहा था कि 'जो लोग छोड़कर गए हैं, वे अपने बाप के नाम पर वोट मांगें. वे हमारे बाप, शिवसेना के बाप, बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट नहीं मांगे. अगर उनमें हिम्मत है, तो अपने बाप के नाम पर वोट मांगें.' इस बयान पर विवाद होने के बाद संजय राउत ने सफाई पेश करते हुए कहा कि 'मैंने गुलाबराव पाटिल की स्पीच का वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें वह बाप बदलने वाली बात कर रहे थे. मेरा ट्वीट गुवाहाटी में बैठे लोगों के लिए है. पाटिल ने कहा था कि लोग खाते, पीते और पार्टी एन्जॉय करते हैं और फिर बाप बदल लेते हैं. हम उनकी तरह नहीं हैं.'
'एक इशारे पर लग जाएगी आग' : संजय राउत ने 25 जून को बागी विधायकों को धमकी देते हुए कहा था कि 'अब भी समय है, बागी विधायक होश में आ जाएं. शिवसैनिकों ने अब तक संयम रखा हुआ है. वो हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं. अगर वो भड़क गए, तो महाराष्ट्र में आग लग जाएगी.' बता दें कि संजय राउत के इस बयान के बाद ही बागी विधायकों के घरों और ऑफिसों पर शिवसैनिकों के पथराव और तोड़-फोड़ की खबरें सामने आई थीं. बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे के बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के ऑफिस में भी तोड़-फोड़ को अंजाम दिया गया था.
'अंडरवर्ल्ड डॉन से मिलती थीं इंदिरा गांधी' : शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था. हालांकि, महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस के बयान पर विरोध और बवाल करने पर संजय राउत ने इस बयान को वापस ले लिया था. संजय राउत ने कहा था कि 'पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अक्सर अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से दक्षिण मुंबई मिलती थीं.' जिसके बाद कांग्रेस ने शिवसेना नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. विरोध बढ़ने के बाद संजय राउत ने बयान वापस लेते हुए कहा था कि 'अगर मेरे बयान से इंदिरा गांधी जी की छवि खराब होती है या किसी की भावनाएं आहत होती हैं, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं.'
'हरामखोर लड़की है कंगना रनौत' : सुशांत सिंह राजपूत और उनकी मैनेजर दिशा की आत्महत्या मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने ठाकरे परिवार को जमकर निशाने पर लिया था. जिससे भड़के संजय राउत ने कंगना रनौत के खिलाफ तमाम हदें पार करते हुए आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किया था. संजय राउत ने एक इंटरव्यू के दौरान कंगना रनौत को हरामखोर लड़की बोला था. हालांकि, इस बयान पर विवाद होने के बाद संजय राउत ने बॉम्बे हाईकोर्ट तक में इसे लेकर सफाई देते हुए कहा था कि इस शब्द से उनका मतलब 'नॉटी' था.
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