डॉक्टर्स कहते हैं हंसना सेहत के लिए अच्छा है. लेकिन निर्मोही डॉक्टर्स कभी ये नहीं बताते कि तब क्या? जब आप ख़ुद यानी एकदम पर्सनल हंसी के पात्र बन जाएं और लोग आपको खिलौना बन आपके साथ खेलें. तो ये कैसा है? बात ये है रमेश बाबू कि, महंगाई के इस दौर में करना पड़ता है व्यर्थ के खर्चों पर काबू! ये बात पिता जी ने कही. लेकिन इतिहास गवाह है किस औलाद ने पिता का सुना है. अपना केस भी ऐसा ही है. जेब में दो-दो ठीक ठाक फ़ोन होने के बावजूद चुल के कीड़े काटे और अमेज़न (Amazon) पर अच्छा ऑफर देखकर One Plus 8T 5G बुक कर लिया. आगे कुछ बात हो इससे पहले पब्लिक जान ले फ़ोन की कीमत करीब 46000 रुपए के आस पास थी. अभी फोन बुक कर कार्ड ढंग से पर्स डाला भी नहीं था कि दाएं कान की तरफ़ से मां, बाएं से पिता की गालियां भरपूर पड़ने लगीं. लेकिन मन ही मन मैं ख़ुश था. खुश इसलिए कि सही डील के तहत बढ़िया कॉन्फ़िगरेशन का फोन घर आने वाला है. घटना 3 नवंबर की है. 3 नवंबर ही वो दिन था जब अमेजन पर फोन बुक किया गया था. इंतेजार था डिलीवरी का. जैसे जैसे डिलीवरी की ड्यू डेट सामने आ रही थी हर दिन साल लग रहा था. आखिरकार वो दिन आ गया जब डिलीवरी हुई. दिल उस वक़्त बल्लियों उंछला जब अमेज़न से कॉल आई कि तैयार रहें आपके अच्छे दिन आने वाले हैं. फोन डिलीवर होने वाला है.
ये घटना तड़के सुबह की है. नींद वींद सब गायब थीं. आखिरकार सुबह 9 बजे अमेजन का एग्जीक्यूटिव नजरों के सामने था. हाथ में प्रोडक्ट. मुझे लगा अब बस कुछ देर और कल जब इतिहास लिखा जाएगा वन प्लस के फ्लैगशिप मालिकों में मेरा भी नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा होगा. प्रोडक्ट मेरे हाथ में था मगर चूंकि फैशन के दौर में गारंटी की इच्छा नहीं करते, मुझे कुछ डाउट...
डॉक्टर्स कहते हैं हंसना सेहत के लिए अच्छा है. लेकिन निर्मोही डॉक्टर्स कभी ये नहीं बताते कि तब क्या? जब आप ख़ुद यानी एकदम पर्सनल हंसी के पात्र बन जाएं और लोग आपको खिलौना बन आपके साथ खेलें. तो ये कैसा है? बात ये है रमेश बाबू कि, महंगाई के इस दौर में करना पड़ता है व्यर्थ के खर्चों पर काबू! ये बात पिता जी ने कही. लेकिन इतिहास गवाह है किस औलाद ने पिता का सुना है. अपना केस भी ऐसा ही है. जेब में दो-दो ठीक ठाक फ़ोन होने के बावजूद चुल के कीड़े काटे और अमेज़न (Amazon) पर अच्छा ऑफर देखकर One Plus 8T 5G बुक कर लिया. आगे कुछ बात हो इससे पहले पब्लिक जान ले फ़ोन की कीमत करीब 46000 रुपए के आस पास थी. अभी फोन बुक कर कार्ड ढंग से पर्स डाला भी नहीं था कि दाएं कान की तरफ़ से मां, बाएं से पिता की गालियां भरपूर पड़ने लगीं. लेकिन मन ही मन मैं ख़ुश था. खुश इसलिए कि सही डील के तहत बढ़िया कॉन्फ़िगरेशन का फोन घर आने वाला है. घटना 3 नवंबर की है. 3 नवंबर ही वो दिन था जब अमेजन पर फोन बुक किया गया था. इंतेजार था डिलीवरी का. जैसे जैसे डिलीवरी की ड्यू डेट सामने आ रही थी हर दिन साल लग रहा था. आखिरकार वो दिन आ गया जब डिलीवरी हुई. दिल उस वक़्त बल्लियों उंछला जब अमेज़न से कॉल आई कि तैयार रहें आपके अच्छे दिन आने वाले हैं. फोन डिलीवर होने वाला है.
ये घटना तड़के सुबह की है. नींद वींद सब गायब थीं. आखिरकार सुबह 9 बजे अमेजन का एग्जीक्यूटिव नजरों के सामने था. हाथ में प्रोडक्ट. मुझे लगा अब बस कुछ देर और कल जब इतिहास लिखा जाएगा वन प्लस के फ्लैगशिप मालिकों में मेरा भी नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा होगा. प्रोडक्ट मेरे हाथ में था मगर चूंकि फैशन के दौर में गारंटी की इच्छा नहीं करते, मुझे कुछ डाउट हुआ.
मैंने अमेज़न एग्जीक्यूटिव से कहा कि प्रभु आप ये काम अब ख़ुद के मुबारक हाथों से करें. अमेज़न एग्जीक्यूटिव हमउम्र था और प्रोडक्ट को लेकर शक उसे भी था तो उसने खुद ही प्रोडक्ट खोला. मगर ये क्या खोदा पहाड़ निकली चुहिया. जिस पैकेट में फोन होना चाहिए उस पैकेट में Himalaya का extra moisturizing baby wash था. मेरी स्थिति कांटो तो खून नहीं वाली थी. मेरे फोन पर मॉस्चराइजर बेबी मल चुका था.
आगे कुछ कहूं इससे पहले ये समझ लीजिए कि निश्चित तौर पर आपके लिए ये हंसी मजाक की बात होगी मगर उस आदमी की स्थिति सोचिए जिसके साथ ये हादसा हुआ. नहीं मतलब आप खुद तस्वीरें देखिए और दर्द को फील करिये. मुद्दा न तो फोन है न ही उसकी जगह पर मिला प्रोडक्ट. मुद्दा वो धोखा है जो एक ट्रस्टेड कस्टमर के रूप में मैंने अमेजन से खाया.
ये सेलर की गलती है या अमेजन की गलती है या फिर ये डिलीवरी बॉय की गलती है, इसपर मुझे कोई बात नहीं करनी. जिस विषय पर बात करनी है वो ये कि एक ऐसे वक्त में जब हर तरफ जागो ग्राहक जागो का डंका बज रहा हो अमेजन की तरफ से हुई ये चूक माफी के काबिल तो हरगिज़ नहीं है.
कुछ समय पहले की बात है मैंने न सिर्फ सुना बल्कि 5 के, 10 के, 20 के और तो और 50 और 100 के नोट में भी देखा कि 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है अब जब आने वाले वक्त में मैं कभी इतिहास लिखने के काबिल हुआ तो ये ज़रूर लिखूंगा कि 'अमेजन बेवफा है.' गुस्सा तो इतना है भाईसाहब कि अगर हिंदुस्तान में टैटू बनवाना महंगा शौक न होता तो क्या हाथ की कलाई क्या पैर के पंजे मैं गुदवा लेता ' अमेजन चोर है.'
46 हज़ार का झटका लगा है. दिल के साथ साथ और भी कई चीजें हैं जो टूटी हैं और टूटा है वो भरोसा जो ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर मुझे था. भले ही इस ऑनलाइन ठगी के लिए अमेजन ने मुझसे माफी मांग ली हो और पैसे रिफंड करने का वादा कर लिया हो लेकिन अब जब दिल ही टूट गया तो फिर जी के क्या करेंगे.
अफसोस तो ये है कि अमेजन कोई नेता नहीं है जिससे मैं इस्तीफा मांग लेता हां एक ऐसे वक्त में जब बॉयकॉट - बॉयकॉट खेला जा रहा हो, मैंने अपने पुराने फोन से अमेजन की एप डिलीट करके 'Boycott Amazon' की शुरुआत कर दी है. जो आए उसका स्वागत. जो न आए उसका भी स्वागत अपने तो यूं भी दिल के अरमां आंसुओं में बह गए.
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