यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्,
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्, धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे.
अर्थात् : 'मैं अवतार लेता हूं. मैं प्रकट होता हूं. जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं. जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं.'
प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों के लिए यह वाक्य हूबहू चरितार्थ होता है, अपने नेता के संदर्भ में. उनके लिए मोदी का 'अवतार' देश, खासकर धर्म की रक्षा के लिए ही हुआ है. वरना पहले के शासनकाल में तो बेड़ा गर्क ही होता चला आया है. प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक असुरों को ठिकाने लगाते चले जा रहे हैं. उनके 71वें जन्मदिन पर कामना की जा रही है कि वे दीर्घायु हों, और अपने काज में हमेशा सफल रहें. मोदी के जन्मदिन को स्पेशल बनाने के लिए कोरोना महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को आज नई ऊंचाई दी गई. यह खबर लिखे जाने तक करीब सवा दो करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका था. यानी मान लीजिये कि एक ही दिन में पूरे श्रीलंका के बराबर आबादी को टीका लगाया गया. प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व और उनके नेतृत्व को कई बातें खास बनाती हैं. उनकी हर बात स्पेशल है. तभी तो उनके समर्थक मानते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है.
वैसे तो पीएम मोदी को पसंद करने वालों की कमी नहीं है, ऐसी ही थोड़ी दुनियां के नंबर 1 लोकप्रिय नेता बने बैठे हैं....
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्,
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्, धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे.
अर्थात् : 'मैं अवतार लेता हूं. मैं प्रकट होता हूं. जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं. जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं.'
प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों के लिए यह वाक्य हूबहू चरितार्थ होता है, अपने नेता के संदर्भ में. उनके लिए मोदी का 'अवतार' देश, खासकर धर्म की रक्षा के लिए ही हुआ है. वरना पहले के शासनकाल में तो बेड़ा गर्क ही होता चला आया है. प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक असुरों को ठिकाने लगाते चले जा रहे हैं. उनके 71वें जन्मदिन पर कामना की जा रही है कि वे दीर्घायु हों, और अपने काज में हमेशा सफल रहें. मोदी के जन्मदिन को स्पेशल बनाने के लिए कोरोना महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को आज नई ऊंचाई दी गई. यह खबर लिखे जाने तक करीब सवा दो करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका था. यानी मान लीजिये कि एक ही दिन में पूरे श्रीलंका के बराबर आबादी को टीका लगाया गया. प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व और उनके नेतृत्व को कई बातें खास बनाती हैं. उनकी हर बात स्पेशल है. तभी तो उनके समर्थक मानते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है.
वैसे तो पीएम मोदी को पसंद करने वालों की कमी नहीं है, ऐसी ही थोड़ी दुनियां के नंबर 1 लोकप्रिय नेता बने बैठे हैं. जो लोग इस 'भगवान' की माला जपते हैं वे थोड़ा बहुत इनके बारे में भी जान लें, इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि इस भगवान को मशरूम के अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें पसंद हैं. अब भक्त प्रहलाद बनना इतना आसान नहीं है इसलिए एक बार यह लिस्ट जरूर देख लें. भगवान मोदी की खास बात यह है कि पक्ष के साथ ही साथ विरोधी भी इनकी मेहनत के कायल हैं.
चलिए जानते हैं कि इस नए जमाने के भगवान में ऐसी क्या खास बात है, इन्हें क्या-क्या पसंद है. वरना आप भी मोहल्ले की मस्टराइन की तरह बस इस मशरूम के पीछे पड़े रहेंगे कि मोदी जी को देखो यही खा-खाकर कितने गोरे और लाल हो गए हैं. एक मास्टर जी हैं, कितना मशरूम हजम कर गए लेकिन कौनो फर्क नहीं पड़ा…
अब मस्टराइन के साथ हमें भी भगवान मोदी की सभी बातें जान ही लेनी चाहिए, ताकि जब ट्रेन में यात्रा कर रहे लोग मोदी जी को कोसकर टाइम पास कर रहे हों तो दो-चार बातें आप भी गिना सकें. हां तो अगर आप चाहते हैं कि भगवान एकदम गरीब दिखें, अच्छा खाए ना, अच्छा पहनें ना तो फिर आप गलत जमाने में हैं. मां कसम आपको तो फिर इंटरनेट का त्याग ही कर देना चाहिए. पीएम मोदी तो बहुत स्टाइलिश हैं, कुर्ते के साथ सूट पहनकर विदेशों में रौब जमाते हैं. भाई भारत का प्रधानमंत्री उपर से भगवान अब अंदाज तो निराला ही होगा...
1- मोदी भगवान को भोग लगाने वाले जान लें, वे खाने में लाल मशरूम के अलावा बहुत कुछ खाना पसंद करते हैं. जिसमें पोहा, खिचड़ी, दही, कढ़ी, उपमा, खाकरा आदि गुजराती व्यंजन पसंद करते हैं. हां इस भगवान को एक लत भी है, वो है अदरक वाली चाय की.
वही चाय जिसके बिना आपके दिन की शुरुआत नहीं होती. इतना भौचक्क मत होइए आगे-आगे जानिए और होता है क्या? सब जानने के बाद आपको अगर यह लगे कि यह सब तो हम भी करते हैं. यह तो एक आम इंसान की चाहत होती है तो हम पहले ही बता दें, इसमें हमारी कोई गलती नहीं है. अब जो है वो आपको बता रहे हैं बस.
2- मोदी को आम पसंद है, नहीं हम आम आदमी पार्टी की बात नहीं रहे बल्कि फलों के राजा कहे जाने वाले आम की बात कर रहे हैं. इस बारे में वो अक्षय कुमार को सविस्तार बता चुके हैं. तो अगली बार आम के सीजन में आप मोदी जी वाला आम खाकर सेल्फी डाल सकते हैं. दो-चार लाइक तो मिल ही जाएगा. अरे लेकिन ये क्या भगवान होकर भी मोदी बचपन में हमारी-आपकी तरह पेड़ से तोड़कर आम खाते थे.
3- नहीं…ये क्या मोदी भगवान किताबें भी पढ़ते हैं? जी हां बचपन मोदी जी का स्वभाव किताबें पढ़ना था. वे बड़े बड़े लोगों के जीवन पढ़ते थे और आज खुद कितने बड़े बन गए. जब भगवान को ज्ञान के लिए पढ़ना पड़ता है तो फिर हम क्या चीज हैं?
4- अब अगर हमारी बातों से आपको गुस्सा आ रहा है तो कृपया शांत हो जाइए क्योंकि मोदी भगवान को गुस्सा दिखाना पसंद नहीं है. आपको जानकर खुशी हो सकती है कि मोदी भगवान को लोगों पर गुस्सा महसूस नहीं होता है. अब अगर गुस्से वाली फोटो दिख जाए तो वह पक्का उस कैमरामैन की गलती है. अब हमने तो भगवान को गुस्से में श्राप देते भी देखा है!
5- भगवान मोदी को अनुशासित रहना पसंद है. वे कम सोते हैं लेकिन खाते बहुत हैं...ओह हमारा मतलब समय से उठ जाते हैं. योग से उनके दिन की शुरुआत होती है. माफ कीजिए हम पूरी दिनचर्या नहीं बता सकते, भगवान बुरा मान जाएंगे. वैसे भी हम भगवान के बारे में सबकुछ कहां जान पाते हैं, उनकी लीला अपरंपार है.
6- इस बार दिवाली में मैं मोदी स्टाइल कुर्ता पहनूंगा...भगवान मोदी जी का कुर्ता, सूट और जैकट के चर्चे पूरी दुनियां में मशहूर हैं. उपर से उनकी शॉल, गमछा, पगड़ी और मफ्फलर...माशाअल्लाह, स्टाइल हो तो ऐसा. खुद ही कपड़ा पसंद करते हैं और सिलवाते हैं. कोई कभी अगर सूट का भोग लगा देता है तो चढ़ावे को स्वीकार कर बाद में नीलामी कर प्रसाद के रूप में बांट भी देते हैं. चार करोड़ वाला सूट भूले तो नहीं हो ना? वही जो पीएम मोदी ने ओबामा के साथ दौरे पर पहना था.
मोदी भगवान के लिए ममता दीदी अपनी श्रद्धा के साथ साल में दो कुर्ता भेजती हैं, आप इनकी राजनीतिक लड़ाइयों पर मत जाइए. राजनीति अपनी जगह है और रिश्ता अपनी जगह. भगवान मोदी के कपड़े बिपिन और जीतेंद्र चौहान टेलर की दुकान पर सिले जाते हैं, अरे दुकान माने अहमदाबाद में जेड ब्लू नाम की डेढ़ सौ करोड़ की बड़ी सी कंपनी भइया.
7- मेरे पास धन है, दौलत है, शोहरत है, तुम्हारे पास क्या है? भगवान मोदी के पास प्यारी मां है. आपको पता है भगवान मोदी अपनी मां को पैसा नहीं भेजते बल्कि मां ही आज भी उन्हें सवा रूपया पैसा देती हैं. भगवान मोदी भी मां के सामने एकदम बच्चे बन जाते हैं. वे मां का आशीर्वाद लेने उनसे मिलने जाते रहते हैं. उनके हाथों से खाते हैं, उनसे बातें करते हैं. उनका मां से लगाव बहुत ज्यादा है.
8- अब भगवान का वक्त किमती है तो घड़ी कीमती होनी ही है. जी हां पीएम की कलाई पर हमेशा स्विस कंपनी मोवाडो की घड़ियां होती हैं. पीएम को ब्लैक पट्टी वाली घड़ियां बेहद पसंद हैं. जो करीब 60 से 70 हजार के बीच में आती है. वाह रे काला रंग, ये तो आपका भी फेवरेट होगा! अब चिंटू के पापा की तरह अपनी घड़ी के ब्रांड में सोचना बंद कीजिए और आगे की जानकारी पढ़िए.
9- भगवान मोदी लिखते भी हैं वो भी मो ब्लां ब्रांड के पेन से (Mont Blanc pens). दाम में क्या रखा है यार, चलो बता देते हैं वरना आपको गूगल करना पड़ेगा. क्या है कि जिज्ञासा बड़ी चीज है. असल में पीएम की बायोग्राफी में बताया गया है कि इस पेन से भगवान को काफी लगाव है और इसकी कीमत 1.30 लाख है. वैसे लगाव की कोई कीमत नहीं होती, वाह क्या बढ़िया लाइन कही है. वैसे पीएम मोदी को काले रंग का चश्मा भी पसंद है, वहीं मैनु काला चश्मा जचदा माफिक टाइप.
10- सेल्फी यार, पाउट वाली ना सही स्माइल वाली ही सही. सेल्फी लेना भगवान मोदी को भी पसंद है. देखा होगा आपने भी उन्हें आईफोन से सेल्फी लेते हुए. वे तुरंत अपलोड भी कर देते हैं. सोचिए कितना सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. खुद को टेक्नोलॉजी में आगे रखते हैं सीखते हैं, सिखाते हैं तभी तो आज के भगवान हैं. ये अपना पर्सनल ट्वीटर खुद संभालते हैं, मोबाइल भी ऑफिस ने नहीं लिया, खुद का ही है. आईफोन लेने के लिए आप किडनी बेच सकते हैं, भगवान नहीं. आखिरी बार भगवान के हाथ में आईफोन 6s देखा गया था जो अब 4G तो हो ही गया होगा.
11- जानकार हैरान मत होइए, मोदी भगवान की भी सुरक्षा करनी पड़ती है. अब भगवान हैं तो राक्षस भी तो होंगे. आतंकवादी रूपी राक्षस. इसलिए भगवान मोदी एसपीजी के साथ भारत की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज 760 एलआई सिक्युरिटी एडिशन कार में चलते हैं.
12- भगवान मोदी भी अराधना करते हैं. उन्हें व्रत रहना पसंद है. वे नौ दिन नवरात्र का व्रत रहते हैं वो भी सिर्फ नींबू पानी पीकर. हमारी तरह व्रत वाले फलाहार के चटकारे लेकर नहीं. हम तो सिंघाड़े के आटे की पूरा, सेंधा नमक की आलू-टमाटर की सब्जी, हलवा, आलू टीक्की, साबुदाना खिचड़ी, दही...मुंह में पानी आ गया होगा ना...बस-बस नवरात्र आने ही वाले हैं.
13- पीएम मोदी को छुट्टी लेना पसंद नहीं है. अपने कार्यकाल में इन्होंने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली. अरे आप गिल्ट में मत जाइए, ये तो भगवान है. हम और आप ठहरे इंसान तो हमें तो छुट्टी लेनी पड़ेगी. वरना अगले दिन काम कैसे करेंगे. वैसे भी आपकी कंपनी ने आपको अवकाश लेने का अधिकार दिया है, ना तो आपको कोई भगवान बनाएगा ना ही आपकी मूर्ति बनेगी. इसलिए काम कीजिए, खाइए और छुट्टी वाले दिन जमकर सोइए.
14- भगवान का निर्णय अडिग है. इन्हें अपने काम में दखल अंदाजी पसंद नहीं है. आपको नोटबंदी और जीएसटी का फैसला तो याद ही होगा. यह हम नहीं इनका हस्ताक्षर कहता है. यह बात विशेषज्ञों ने बताया है. अब बस प्रभु की कृपा बनी रहें, तीसरी आंख न खुले वरना क्या पता रात 12 बजे क्या फैसला आ जाए? माने बता रहे हैं, डरा नहीं रहे हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.