तो गुरु मैटर ये है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शादी कर ली है. पंजाब को अपनी प्राथमिकता बताने वाले मान की असली प्राथमिकता क्या थी उन्होंने समझा हो न समझा हो घरवालों ने समझने में देर नहीं लगाई. यूं भी जब आदमी कामयाब हो जाए या फिर अपना मन चाहा हासिल कर ले तो हम भारतीयों की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो 'शादी राम घरजोड़े' बन उसकी शादी कराने को आतुर रहती है. ऐसे लोगों का, उस कामयाब आदमी को लेकर मानना प्रायः यही रहता है कि अब जब 'रुतबा' अगले के पास आ ही गया है तो ऐसा कोई होना चाहिए जो उसे संभाल पाए. हमारे समाज का ये एक आम थॉट (विचार) है. देखा जाए तो इसमें कोई बुराई इसलिए भी नहीं है क्योंकि इंसान चाहे कैसा भी हो. उसके जीवन में एक पल वो आता है जब उसे ऐसा कोई चाहिए जिससे वो हंस बोल ले. दुःख दुःख बांट ले और अगर ये भी न हो पाए तो लड़ झगड़ ले. जिक्र भगवंत मान का हुआ है तो बता दें कि भगवंत मान बिलकुल इसी वाले फेज में थे.
भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. रुपया-पैसा, नाम-शोहरत-रुतबा सब है. मगर तलाकशुदा होने के कारण जीवन में जो खालीपन था अब वो भी दूर हो गया है. मां और बहन ने मिलकर लड़की खोजी और उसमें भी तुर्रा ये कि लड़की डाक्टरनी है. ध्यान रहे कि 48 साल के भगवंत मान ने जिनसे दूसरी शादी की है उनका नाम डॉ गुरप्रीत कौर है.
भगवंत मान कितने अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर हैं इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन जो बात है मान स्वभाव से मस्त आदमी हैं. ऐसे में हमें इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि मान के राजनैतिक जीवन में यह पहला मौका है जब वो पहली लाइन में थे. ऐसा बिलकुल नहीं हुआ कि केजरीवाल आगे हों और मान पीछे हों. न ही ऐसा कुछ हुआ कि उन्हें गाड़ी की रेलिंग पकड़ कर खड़े होना...
तो गुरु मैटर ये है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शादी कर ली है. पंजाब को अपनी प्राथमिकता बताने वाले मान की असली प्राथमिकता क्या थी उन्होंने समझा हो न समझा हो घरवालों ने समझने में देर नहीं लगाई. यूं भी जब आदमी कामयाब हो जाए या फिर अपना मन चाहा हासिल कर ले तो हम भारतीयों की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो 'शादी राम घरजोड़े' बन उसकी शादी कराने को आतुर रहती है. ऐसे लोगों का, उस कामयाब आदमी को लेकर मानना प्रायः यही रहता है कि अब जब 'रुतबा' अगले के पास आ ही गया है तो ऐसा कोई होना चाहिए जो उसे संभाल पाए. हमारे समाज का ये एक आम थॉट (विचार) है. देखा जाए तो इसमें कोई बुराई इसलिए भी नहीं है क्योंकि इंसान चाहे कैसा भी हो. उसके जीवन में एक पल वो आता है जब उसे ऐसा कोई चाहिए जिससे वो हंस बोल ले. दुःख दुःख बांट ले और अगर ये भी न हो पाए तो लड़ झगड़ ले. जिक्र भगवंत मान का हुआ है तो बता दें कि भगवंत मान बिलकुल इसी वाले फेज में थे.
भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. रुपया-पैसा, नाम-शोहरत-रुतबा सब है. मगर तलाकशुदा होने के कारण जीवन में जो खालीपन था अब वो भी दूर हो गया है. मां और बहन ने मिलकर लड़की खोजी और उसमें भी तुर्रा ये कि लड़की डाक्टरनी है. ध्यान रहे कि 48 साल के भगवंत मान ने जिनसे दूसरी शादी की है उनका नाम डॉ गुरप्रीत कौर है.
भगवंत मान कितने अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर हैं इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन जो बात है मान स्वभाव से मस्त आदमी हैं. ऐसे में हमें इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि मान के राजनैतिक जीवन में यह पहला मौका है जब वो पहली लाइन में थे. ऐसा बिलकुल नहीं हुआ कि केजरीवाल आगे हों और मान पीछे हों. न ही ऐसा कुछ हुआ कि उन्हें गाड़ी की रेलिंग पकड़ कर खड़े होना पड़े.
मान की शादी में केजरीवाल रहेंगे या नहीं इसपर सस्पेंस था. कुछ लोग थे जिनका मानना था कि हिमाचल और गुजरात जैसे राज्यों में चुनाव हैं तो केजरीवाल बीजी हैं और अपने को इस इवेंट से दूर रखेंगे. तो वहीं एक बड़ी आबादी वो भी थी जिसको ये विश्वास था कि शादी में कोई बाहरी आए न आए केजरीवाल जरूर इस शादी में शिरकत करेंगे और चंडीगढ़ आकर दूल्हा दुल्हन पर फूल बरसाएंगे और उन्हें आशीर्वाद देंगे.
ऐसे लोगों की उम्मीदों पर केजरीवाल खरे उतरे और उन्होंने राघव चड्ढा के साथ मान की शादी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. बतौर केजरीवाल के फैन अब हम अख़बारों में वो तस्वीरें देखने को बेक़रार हैं जिनमें मान की शादी में केजरीवाल संगी साथियों संग बैक टू बैक गोल गप्पे और आलू टिक्की खा रहे हों. नागिन डांस कर रहे हों गुलाब जामुन में वनीला आइस क्रीम मिलाने के बाद खुश हों.
अच्छा हां आगे कुछ और बात करने से पहले ये बताना जरूरी है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का 2015 में अपनी पहली पत्नी इंदरप्रीत कौर से तलाक हो गया था. उनके दो बच्चे हैं, जो भगवंत मान की पहली पत्नी के साथ अमेरिका में रहते हैं. बताया जा रहा है कि मान की मां को मान का ये अकेलापन देखा नहीं जा रहा था और ये उनकी ही इच्छा थी कि मान दोबारा सिर पर सेहरा बांध भांगड़ा करें.
क्योंकि मान की शादी एक प्राइवेट अफेयर था/. इसलिए गुरप्रीत कौर संग उनकी शादी घर पर ही हुई जिसमें गिने चुने लोग ही शामिल हुए. कह सकते हैं कि शादी के बाद मान की ज़िन्दगी अब पूर्ण हो गयी है.
खुद सोचिये. सोच के देखिये एक कामयाब इंसान को अपनी ज़िन्दगी में क्या चाहिए? और जिक्र क्योंकि मान का हुआ है तो जिस तरह उनका सिर कड़ाई में और पांचों अंगुलियां घी में है डॉक्टर गुरप्रीत कौर के लिए उनसे अच्छा रिश्ता हो ही नहीं सकता था? क्योंकि इस शादी के फायदे ही फायदे हैं. तो क्या पता मान की वो आदतें भी शादी के बाद सुधर जाएं जिनके लिए अक्सर ही वो पब्लिक फोरम पर ट्रोल्स के तीखे हमलों का सामना कर घायल होते हैं.
क्योंकि मान की शादी हो गयी है तो ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति न होगा कि यदि इस देश में किसी के अच्छे दिन आए हैं तो वो और कोई नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ भगवंत मान हैं.
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