राजनीति एक दिलफरेब चीज है, राहुल गांधी बेहद मासूम और उनके समर्थक बिल्कुल भोले. राहुल गांधी ने जिस दिन शेव कराई हो उस दिन बस आप उन्हें हंसते हुए देख लें. आह! कितनी मासूमियत है उस चेहरे पर. ये शायद राहुल गांधी की मासूमियत ही है कि आजकल सारे हिंदू देवी देवता, येशु, खुदा, बुद्ध और साईं जैसा फ़कीर सब उनके पंडित बनने पर मोहित हो गए हैं और उन्होंने राहुल पर अपने आशीर्वादों की बारिश कर दी है. ये ऐसी बारिश है जिससे सारा कांग्रेस पार्टी मुख्यालय सराबोर है और मेंढक से लेकर बरसाती कीड़ों के बीच जेर-ए-बहस मुद्दा ये है कि आखिर एक कट्टर हिन्दू "राहुल गांधी" पर एक साथ सभी धर्मों के भगवानों की कृपा कैसे है?
न, हम राहुल गांधी की आलोचना बिल्कुल नहीं कर रहे. हम बस वो बता रहे हैं जो कांग्रेस के दफ्तर के बाहर दिख रहा है. गुजरात चुनाव नजदीक हैं, सूबे में कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने के लिए राहुल दौरे पर दौरे और मंदिरों में दर्शन पर दर्शन कर रहे हैं. इतना होने के बाद राहुल गांधी का चर्चा में रहना लाजमी है. कह सकते हैं कि गुजरात चुनाव ने राजनीतिक सरगर्मी इतनी तेज कर दी है कि राहुल गांधी कब पंडित राहुल गांधी बन गए न इस देश को पता चला न खुद राहुल गांधी को.
हो सकता है इतना पढ़कर आप कन्फ्यूज हो गए हों. तो आपकी उलझन को दूर करते हुए बता दें कि, असहिष्णुता के इस दौर में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए नामांकन भरने की खानापूर्ति के बाद, राहुल समर्थकों ने दिल्ली स्थित कांग्रेस हेडक्वार्टर के सामने बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगवा दिए हैं. इन पोस्टर्स में राहुल गांधी के नाम के पीछे पंडित लिखा हुआ है और तमाम देवी देवता स्वर्ग से उन्हें विजय होने के लिए आशीर्वाद दे रहे हैं.
भीषण...
राजनीति एक दिलफरेब चीज है, राहुल गांधी बेहद मासूम और उनके समर्थक बिल्कुल भोले. राहुल गांधी ने जिस दिन शेव कराई हो उस दिन बस आप उन्हें हंसते हुए देख लें. आह! कितनी मासूमियत है उस चेहरे पर. ये शायद राहुल गांधी की मासूमियत ही है कि आजकल सारे हिंदू देवी देवता, येशु, खुदा, बुद्ध और साईं जैसा फ़कीर सब उनके पंडित बनने पर मोहित हो गए हैं और उन्होंने राहुल पर अपने आशीर्वादों की बारिश कर दी है. ये ऐसी बारिश है जिससे सारा कांग्रेस पार्टी मुख्यालय सराबोर है और मेंढक से लेकर बरसाती कीड़ों के बीच जेर-ए-बहस मुद्दा ये है कि आखिर एक कट्टर हिन्दू "राहुल गांधी" पर एक साथ सभी धर्मों के भगवानों की कृपा कैसे है?
न, हम राहुल गांधी की आलोचना बिल्कुल नहीं कर रहे. हम बस वो बता रहे हैं जो कांग्रेस के दफ्तर के बाहर दिख रहा है. गुजरात चुनाव नजदीक हैं, सूबे में कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने के लिए राहुल दौरे पर दौरे और मंदिरों में दर्शन पर दर्शन कर रहे हैं. इतना होने के बाद राहुल गांधी का चर्चा में रहना लाजमी है. कह सकते हैं कि गुजरात चुनाव ने राजनीतिक सरगर्मी इतनी तेज कर दी है कि राहुल गांधी कब पंडित राहुल गांधी बन गए न इस देश को पता चला न खुद राहुल गांधी को.
हो सकता है इतना पढ़कर आप कन्फ्यूज हो गए हों. तो आपकी उलझन को दूर करते हुए बता दें कि, असहिष्णुता के इस दौर में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए नामांकन भरने की खानापूर्ति के बाद, राहुल समर्थकों ने दिल्ली स्थित कांग्रेस हेडक्वार्टर के सामने बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगवा दिए हैं. इन पोस्टर्स में राहुल गांधी के नाम के पीछे पंडित लिखा हुआ है और तमाम देवी देवता स्वर्ग से उन्हें विजय होने के लिए आशीर्वाद दे रहे हैं.
भीषण हिंदूवादी राजनीति के इस जटिल दौर में जो बात "पंडित" राहुल गांधी वाले इस पोस्टर को खास बना रही है वो ये कि जहां इस पोस्टर में हिन्दू देवी देवता हैं तो वहीं इस पोस्टर में ईसा मसीह, बुद्ध. ईदगाह और साईं बाबा को जोड़कर इस पोस्टर द्वारा राहुल गांधी की छवि को पूर्णतः सेक्युलर दिखाने का प्रयास किया गया है. पहली नजर में इस पोस्टर को देखने पर पता चल रहा है कि, समर्थकों द्वारा इस पोस्टर में राहुल के व्यक्तित्व को विराट दिखाया गया है और वो एक प्रखर छवि के हिन्दू वादी नेता हैं.
वहीं जब इस पोस्टर पर गौर करें तो मिल रहा है कि इसमें कांग्रेस की उसी स्ट्रेटर्जी पर बल दिया गया है जिसके दम पर उसने इस देश में दशकों तक शासन किया है. जी हां सही सुन रहे हैं आप. एक तरफ जहां इस पोस्टर में हनुमान, श्रीराम, भगवान शिव देवी पार्वती संग भगवान शिव हैं तो वहीं इसमें गुरु नानक देव, बुद्ध और साईं बाबा भी हैं. जिनको दिखाकर कांग्रेस के इस पोस्टर के जरिये ये बताने का प्रयास किया गया है कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसने हमेशा सब के 'कल्याण' पर बल दिया और सबको साथ लेकर चली.
इस पोस्टर के विषय पर राहुल गांधी के आलोचकों का मत है कि इसमें इसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह और ईदगाह दिखाकर ये साफ बता दिया गया है कि इन्होंने इन दो समुदायों को एक ऐसा माध्यम माना है जिससे इन्हें केवल और केवल वोट प्राप्त करना है और अपनी सीटें पक्की करनी हैं.
बहरहाल पोस्टर में ईसा मसीह और ईदगाह को देखकर लग रहा ही कि कहीं न कहीं इस पोस्टर के बन जाने के बाद राहुल समर्थकों को ये महसूस हुआ कि हमने राहुल को कट्टर हिन्दू तो बना दिया अब यदि इसमें ईसा मसीह और ईदगाह को न एडजस्ट किया तो फिर मामला गंभीर हो जाएगा और अच्छा बनने के चक्कर में ज्यादा ही बुरे बन जाएंगे.
खैर इस पोस्टर प्रकरण के बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट ट्विटर पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देकर इस देश की जानता ये ये साफ कर दिया है कि उन्हें राहुल समर्थकों का ये अंदाज बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है और इसके माध्यम से राहुल समर्थकों ने राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस पार्टी ने अपनी दोहरी मानसिकता का परिचय दिया है.
ये तो कुछ उदाहरण थे. ट्विटर पर लगातार आ रही प्रतिक्रियाओं को देखकर महसूस हो रहा है कि यदि राहुल ने अपने समर्थकों की नकेल नहीं कसी तो वो दिन दूर नहीं जब राहुल का राजनीतिक भविष्य इन्हीं समर्थकों के चलते तबाह और बर्बाद हो जाएगा. कहा जा सकता है कि अब वो वक़्त आ गया है जब राहुल गांधी से पंडित राहुल गांधी बने राहुल गांधी को अपने समर्थकों से बात करके उन्हें समझाना चाहिए.
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