कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक वीडियो वायरल होता है, जिसमें वह नेपाल (Nepal) के एक नाइटक्लब (Nightclub) में पार्टी करते हुए नजर आते हैं. और, इस वीडियो को देखते ही समझ में आ जाता है कि आखिर प्रशांत किशोर की एंट्री कांग्रेस में क्यों नहीं हो सकी थी. इन दोनों घटनाओं का एक-दूसरे से क्या लेना-देना है, ये सोच अटपटी लग सकती है. लेकिन, बीते दिनों कांग्रेस के रिवाइवल प्लान से जुड़ी सैकड़ों स्लाइड्स दिखाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी से पार्टी की ओर ध्यान देने को कहा था. जिसके बाद राहुल गांधी नेपाल के एक नाइटक्लब में पार्टी करते हुए स्पॉट हो जाते हैं. तो, प्रशांत किशोर की कांग्रेस में नो एंट्री की वजह यही मानी जाएगी कि राहुल गांधी को 'पार्टी' की जगह पार्टी पर ध्यान देने की सलाह पर काम करना पड़ता. वैसे, भी राहुल गांधी राजनीति को लेकर किस कदर गंभीर हैं, ये किसी से छिपा थोड़े है.
लेकिन, हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को कांग्रेस आलाकमान की ओर से डैमेज कंट्रोल करने के लिए आगे कर दिया गया है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद राहुल गांधी के बचाव में उतरे कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कह रहे हैं कि किसी दोस्त की शादी में शामिल होना कोई गुनाह नहीं है. लेकिन, रणदीप सुरजेवाला का ये बयान ठीक उसी तरह है. जैसे कोई राहुल गांधी समर्थक कह दे कि अपने खाली समय में भी कांग्रेस सांसद राष्ट्रीय मुद्दों पर मोदी को सलाह देने के लिए ट्वीट कर रहे हैं. क्योंकि, इस एक अन्य वीडियो में राहुल गांधी अपना मोबाइल चलाते देखे जा सकते हैं.
वैसे, नाइटक्लब में पार्टी करने वाले ही दिन राहुल गांधी ने पूरी शिद्दत से ट्वीट करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा था. राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट में बिजली संकट, नौकरियों के संकट, किसानों के संकट, मुद्रास्फीति...
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक वीडियो वायरल होता है, जिसमें वह नेपाल (Nepal) के एक नाइटक्लब (Nightclub) में पार्टी करते हुए नजर आते हैं. और, इस वीडियो को देखते ही समझ में आ जाता है कि आखिर प्रशांत किशोर की एंट्री कांग्रेस में क्यों नहीं हो सकी थी. इन दोनों घटनाओं का एक-दूसरे से क्या लेना-देना है, ये सोच अटपटी लग सकती है. लेकिन, बीते दिनों कांग्रेस के रिवाइवल प्लान से जुड़ी सैकड़ों स्लाइड्स दिखाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी से पार्टी की ओर ध्यान देने को कहा था. जिसके बाद राहुल गांधी नेपाल के एक नाइटक्लब में पार्टी करते हुए स्पॉट हो जाते हैं. तो, प्रशांत किशोर की कांग्रेस में नो एंट्री की वजह यही मानी जाएगी कि राहुल गांधी को 'पार्टी' की जगह पार्टी पर ध्यान देने की सलाह पर काम करना पड़ता. वैसे, भी राहुल गांधी राजनीति को लेकर किस कदर गंभीर हैं, ये किसी से छिपा थोड़े है.
लेकिन, हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को कांग्रेस आलाकमान की ओर से डैमेज कंट्रोल करने के लिए आगे कर दिया गया है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद राहुल गांधी के बचाव में उतरे कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कह रहे हैं कि किसी दोस्त की शादी में शामिल होना कोई गुनाह नहीं है. लेकिन, रणदीप सुरजेवाला का ये बयान ठीक उसी तरह है. जैसे कोई राहुल गांधी समर्थक कह दे कि अपने खाली समय में भी कांग्रेस सांसद राष्ट्रीय मुद्दों पर मोदी को सलाह देने के लिए ट्वीट कर रहे हैं. क्योंकि, इस एक अन्य वीडियो में राहुल गांधी अपना मोबाइल चलाते देखे जा सकते हैं.
वैसे, नाइटक्लब में पार्टी करने वाले ही दिन राहुल गांधी ने पूरी शिद्दत से ट्वीट करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा था. राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट में बिजली संकट, नौकरियों के संकट, किसानों के संकट, मुद्रास्फीति संकट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराते हुए अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की केस स्टडी बताया था. लेकिन, इसी बीच राहुल गांधी नेपाल के नाइटक्लब में स्पॉट हो जाते हैं. और, सारी मेहनत और किये-कराये पर कुछ ही मिनटों में पानी फिर जाता है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो राहुल गांधी की ओर से ट्विटर पर की जाने वाली सारी क्रांति की मिट्टी पलीद हो जाती है. हालांकि, राहुल गांधी किसी को भी ऐसा सोचने का मौका ही नहीं देते हैं कि वह राजनीति को लेकर गंभीर नहीं है.
राहुल गांधी के इस वीडियो के वायरल होने के पीछे कांग्रेस समर्थक एक थ्योरी ये भी बता रहे हैं कि राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब भाजपा नेताओं को नहीं सूझा, तो उन्हें निशाना बनाने के लिए नेपाल के नाइटक्लब वाला वीडियो वायरल कर दिया. खैर, भला हो रणदीप सुरजेवाला का कि उन्होंने राहुल गांधी के बचाव में ये नहीं कह दिया कि वह उस नाइटक्लब में थे ही नहीं. वरना इससे पहले राहुल गांधी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान कहां जाते थे और क्या करते थे, किसी को पता भी नहीं चलता था. हालांकि, भाजपा नेताओं को तब भी इसकी पूरी जानकारी रहती थी. क्योंकि, राहुल गांधी का नेपाल के नाइटक्लब वाला वीडियो शेयर करते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने बताया है कि मुंबई हमलों के दौरान भी राहुल गांधी विदेश में एक नाइटक्लब में थे. वैसे, राहुल गांधी को किसी भी हाल में एक पार्ट टाइम नेता नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि, अपनी इस भूमिका को वह बिना किसी लाग-लपेट के लंबे समय से लगातार निभाते चले आ रहे हैं.
वैसे, राहुल गांधी के नाइटक्लब में पार्टी करने वाले वीडियो को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए. क्योंकि, जिस तरह से किसी भी एमएनसी या बड़े ऑफिसों में काम करने वाले लोग बेसब्री के साथ वीकएंड या हॉलीडे का इंतजार करते हैं. और, वीकएंड पर इन लोगों के अंदर पब में जाकर पार्टी करने जैसी चीजों की 'चुल्ल' मची ही रहती है. तो, राहुल गांधी के लिए भी एक जबरदस्ती के नेता बनने की भूमिका थकाऊ हो जाती होगी. और, उन्हें भी नाइटक्लब या पब में जाने का मन करता ही होगा. वैसे भी राहुल गांधी को इस तरह के मौके हर वीकएंड पर नहीं मिलते हैं. कभी-कभार किसी दोस्त की शादी वगैरह के मौके पर ही उन्हें ये मौका मिलता होगा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो राहुल गांधी अपने निजी जीवन में क्या करते हैं, ये एक सामान्य सी बात है. लेकिन, यहां सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि राहुल गांधी की क्या सारी क्रांति ट्विटर तक ही सीमित है?
राहुल गांधी एक तरफ राष्ट्रीय मुद्दों से लेकर अंतरराष्ट्रीय मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की आलोचना करते हैं. कांग्रेस की ओर से ट्विटर पर कह दिया जाता है कि देश में संकट छाया है, मगर साहेब को विदेश भाया है. जबकि, राहुल गांधी अपनी जिस दोस्त की शादी में गए हैं, वह नेपाल की ओर भारत के हिस्सों को अपना बताए जाने का समर्थन करने वाली है. वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी अपनी ही पार्टी के शासित प्रदेश राजस्थान में लगी सांप्रदायिक आग को नजरअंदाज कर विदेश यात्रा पर निकल जाते हैं. कांग्रेस जब बुरी तरह से संकटों में घिरी हुई नजर आती है, कोई नेता कैसा नाइटक्लब में पार्टी कर सकता है. लिखी सी बात है कि जब तक राहुल गांधी राजनीति को गंभीरता से नहीं लेंगे, उन पर इस तरह के आरोप लगते ही रहेंगे. और, राहुल गांधी की 'ट्विटर क्रांति' को सुकून नाइटक्लब में ही मिलता है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.