किस किस किस किसको प्यार करूं
कैसे प्यार करो किसको प्यार करूं
कैसे प्यार करो
तू भी है ये भी है ये भी है वो भी है
किसको प्यार करूं?
गाना 1969 में आई फ़िल्म 'तुमसे अच्छा कौन है' का है. गीत को लिखा था हसरत जयपुरी ने जिसे आवाज़ दी थी सदी के महानतम सिंगर्स में से एक मोहम्मद रफी ने गाने को फिल्माया गया था शम्मी कपूर और बबीता पर. 69 में हसरत जयपुरी जब ये गीत लिख रहे थे तब शायद ही उन्हें इस बात का अंदाजा रहा होगा कि ये गीत कभी जीवंत रूप ले पाएगा. अब होनी पर किसका जोर. शायद ही इसे कोई टाल सकता है. नहीं पता था कि जो कुछ उस दौर में कहा गया था उसे हकीकत में आते हुए हम साल 2021 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में देखेंगे. यूपी के रामपुर में एक जवान लड़की भागी है. यूं भी जवान लड़कियों का घर से भागना कोई नई बात नहीं है रोज़ हजारों मामले होते हैं लेकिन रामपुर के इस मामले में जो रॉजक बात है वो ये कि लड़की एक नहीं, दो नहीं चार चार लड़कों के साथ भागी है. लड़की इस वक़्त परेशान हैं. न न परेशानी का कारण लड़की या उन चारों लड़कों के मम्मी डैडी नहीं है. लड़की को चिंता इस बात की है कि वो शादी करे तो इन चारों में से किस्से करे?
जी हां इन बातों को पढ़कर हैरत में आने की कोई ज़रूरत नहीं है. जो बताया गया है एकदम 16 आने सच है. ध्यान रहे कि कलयुग के इस स्वयंवर के तार जुड़े हैं उत्तर प्रदेश के रामपुर से जहां चार युवकों के साथ एक लड़की भागी और कंफ्यूज हो गई. लड़की इस बात का निर्धारण नहीं कर पा रही थी कि अगर उसे इन चारों में से किसी एक के साथ शादी करनी हुई तो वो भाग्यशाली एक कौन होगा. बाद में...
किस किस किस किसको प्यार करूं
कैसे प्यार करो किसको प्यार करूं
कैसे प्यार करो
तू भी है ये भी है ये भी है वो भी है
किसको प्यार करूं?
गाना 1969 में आई फ़िल्म 'तुमसे अच्छा कौन है' का है. गीत को लिखा था हसरत जयपुरी ने जिसे आवाज़ दी थी सदी के महानतम सिंगर्स में से एक मोहम्मद रफी ने गाने को फिल्माया गया था शम्मी कपूर और बबीता पर. 69 में हसरत जयपुरी जब ये गीत लिख रहे थे तब शायद ही उन्हें इस बात का अंदाजा रहा होगा कि ये गीत कभी जीवंत रूप ले पाएगा. अब होनी पर किसका जोर. शायद ही इसे कोई टाल सकता है. नहीं पता था कि जो कुछ उस दौर में कहा गया था उसे हकीकत में आते हुए हम साल 2021 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में देखेंगे. यूपी के रामपुर में एक जवान लड़की भागी है. यूं भी जवान लड़कियों का घर से भागना कोई नई बात नहीं है रोज़ हजारों मामले होते हैं लेकिन रामपुर के इस मामले में जो रॉजक बात है वो ये कि लड़की एक नहीं, दो नहीं चार चार लड़कों के साथ भागी है. लड़की इस वक़्त परेशान हैं. न न परेशानी का कारण लड़की या उन चारों लड़कों के मम्मी डैडी नहीं है. लड़की को चिंता इस बात की है कि वो शादी करे तो इन चारों में से किस्से करे?
जी हां इन बातों को पढ़कर हैरत में आने की कोई ज़रूरत नहीं है. जो बताया गया है एकदम 16 आने सच है. ध्यान रहे कि कलयुग के इस स्वयंवर के तार जुड़े हैं उत्तर प्रदेश के रामपुर से जहां चार युवकों के साथ एक लड़की भागी और कंफ्यूज हो गई. लड़की इस बात का निर्धारण नहीं कर पा रही थी कि अगर उसे इन चारों में से किसी एक के साथ शादी करनी हुई तो वो भाग्यशाली एक कौन होगा. बाद में मामला पंचायत में आया जहां पंचों ने किसी चीज में पर्ची डालकर फैसला किया.
बात तो सही है अगर कोई लड़की चार लड़कों के साथ भागे तो टेंशन का होना स्वाभाविक है. नहीं मतलब किसी का लुक अच्छा होगा तो किसी की हाइट या हेयर स्टाइल. कुछ न हुआ तो ये भी हो सकता है कि लड़का भले ही गरीब घर का हो लेकिन दिल के लिहाज से एकदम हीरा आदमी हो. ये लड़की क्या कोई भी होगा आप और हम भी होंगे तो ऐसा ही करेंगे. ध्यान रहे हम वो लोग हैं जो उत्पाद से ज्यादा फ्री मिलने वाले आइटम पर फोकस करते हैं.
ऑफर के नाम पर हम लोग कुछ इस हद तक एक्साइटेड हो जाते हैं कि अगर कहीं ये कह दिया जाए कि कहीं 7000 रुपए का राशन खरीदने पर 100 ग्राम बादाम या काजू सिर्फ दो रुपए में मिलेगा. तो उस दो रुपए में 100 ग्राम बादाम या काजू के लिए हम 7000 रुपए खर्च करने से भी नहीं चूकते. ये हमारी फितरत है और फिर ये रामपुर की लड़की भी कौन सा मंगल ग्रह से आई थी जो अपनी फितरत बदल पाती. यानी ये कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं है कि कंफ्यूज होकर लड़की ने 4 लड़कों वाले ऑफर की कीमत चुकाई है.
जिक्र रामपुर में हैरत में डालने वाले इस मामले का हुआ है तो बताना बहुत ज़रूरी है कि बीते दिनों भागी इस लड़की को लड़कों ने अपने रिश्तेदारों के घर छिपाए रखा मगर क्यों कि मामला लड़की से जुड़ा था इसलिए लड़के पकड़े गए और बाद में मामला पंचायत के हवाले हो गया और पंचायत ने लड़की के समक्ष शादी का प्रस्ताव रख दिया. मामले में सबसे मजेदार काम इस लड़की ने किया जब लड़की से पूछा गया तो वो इस बात का निर्धारण ही नहीं कर पाई कि यदि वो पति चुने तो किसे चुने.
मामले में लड़की के कन्फ्यूजन ने पांचों की भी परेशानी बढ़ा दी. वहीं बात लड़कों की हो तो वो भी उससे शादी करने को राजी नहीं थे लेकिन जब बाद में पंचायत ने पर्ची डाली तो लड़की और लड़कों सभी को पंचायत का फैसला मानना पड़ा. दिलचस्प बात ये भी है कि इस फैसले को सुनाने के लिए पांचों ने 3 दिन का समय लिया और सारा राय मशवरा एक बंद कमरे में किया.
गौरतलब है कि इस बेहद पेचीदा मसले को सुलझाने के लिए पंचों ने चारों लड़कों का नाम लिखी पर्ची एक कटोरी में डाली और एक छोटे बच्चे को पर्ची उठाने के लिए निर्देशित किया. पर्ची में जिस लड़के का नाम आया लड़की को शादी उसी लड़के से करनी पड़ी.
लड़की को तो अपना जीवनसाथी मिल गया मगर हमारी सहानुभूति उन लड़कों के साथ है जो बैरंग अपने घर वापस लौटे. कितना भी हो जब बात लॉटरी की आती है तो व्यक्ति कितना बड़ा भी पनौती क्यों न रहे चाहता यही है कि भाग्य उसपर मेहरबान रहे और वही सिकंदर बन बाहर निकले.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.