'जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्ते' में कुछ साल पहले की बात है, जब चहुंओर केवल 'असहिष्णुता' का ही शोर सुनाई देता था. दरअसल, मोदी सरकार के सत्ता में आने के कुछ ही वर्षों बाद इस असहिष्णुता शब्द ने जितनी लोकप्रियता पाई थी. उतनी शायद ही पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान या उज्जवला जैसी किसी योजना को मिली होगी. मतलब, साल 2018 की बात की जाए, तो असहिष्णुता ने 'दिन दूनी और रात चौगुनी' की वृद्धि दिखाते हुए पिछले कुछ महीनों में आई सेंसेक्स की तेजी को भी पीछे छोड़ दिया था. चीन और जापान की सुपर हाई-स्पीड ट्रेन भी असहिष्णुता शब्द की तेजी के आगे धराशायी हो गई थीं. लेकिन, बीते कुछ समय में ये शब्द अपना चमक खोता जा रहा था. असहिष्णुता शब्द की खत्म होने की कगार पर आ चुकी लोकप्रियता को उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाले एक शख्स ने फिर से जिंदा कर दिया है. दरअसल, यूपी के रामपुर (Rampur) में एक पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ पाकिस्तान टीम को सपोर्ट करने के मामले में मुकदमा (FIR) दर्ज करा दिया है.
पत्नी के खिलाफ मुकदमा है गुनाह-ए-अजीम
भारतीय संस्कृति में महिलाओं को जितना सम्मान दिया जाता है, उसके हिसाब से भारतीय समाज की नजर में वैसे ही एक पति का अपनी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराना गुनाह-ए-अजीम है. और, इस शख्स ने असहिष्णुता की सारी हदें पार करते हुए वो गुनाह-ए-अजीम करने की ठान ली. इस शख्स की असहिष्णुता का आलम ये था कि इसने अपने ससुरालवालों को भी नहीं बख्शा और उन पर भी केस दर्ज करवा दिया. वैसे, ये मामला बड़ा रोचक है. रामपुर के निवासी ईशान मियां का अपनी बेगम राबिया शमसी से विवाद चल रहा है. ईशान मियां की मानें, तो उन पर...
'जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्ते' में कुछ साल पहले की बात है, जब चहुंओर केवल 'असहिष्णुता' का ही शोर सुनाई देता था. दरअसल, मोदी सरकार के सत्ता में आने के कुछ ही वर्षों बाद इस असहिष्णुता शब्द ने जितनी लोकप्रियता पाई थी. उतनी शायद ही पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान या उज्जवला जैसी किसी योजना को मिली होगी. मतलब, साल 2018 की बात की जाए, तो असहिष्णुता ने 'दिन दूनी और रात चौगुनी' की वृद्धि दिखाते हुए पिछले कुछ महीनों में आई सेंसेक्स की तेजी को भी पीछे छोड़ दिया था. चीन और जापान की सुपर हाई-स्पीड ट्रेन भी असहिष्णुता शब्द की तेजी के आगे धराशायी हो गई थीं. लेकिन, बीते कुछ समय में ये शब्द अपना चमक खोता जा रहा था. असहिष्णुता शब्द की खत्म होने की कगार पर आ चुकी लोकप्रियता को उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाले एक शख्स ने फिर से जिंदा कर दिया है. दरअसल, यूपी के रामपुर (Rampur) में एक पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ पाकिस्तान टीम को सपोर्ट करने के मामले में मुकदमा (FIR) दर्ज करा दिया है.
पत्नी के खिलाफ मुकदमा है गुनाह-ए-अजीम
भारतीय संस्कृति में महिलाओं को जितना सम्मान दिया जाता है, उसके हिसाब से भारतीय समाज की नजर में वैसे ही एक पति का अपनी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराना गुनाह-ए-अजीम है. और, इस शख्स ने असहिष्णुता की सारी हदें पार करते हुए वो गुनाह-ए-अजीम करने की ठान ली. इस शख्स की असहिष्णुता का आलम ये था कि इसने अपने ससुरालवालों को भी नहीं बख्शा और उन पर भी केस दर्ज करवा दिया. वैसे, ये मामला बड़ा रोचक है. रामपुर के निवासी ईशान मियां का अपनी बेगम राबिया शमसी से विवाद चल रहा है. ईशान मियां की मानें, तो उन पर दहेज को लेकर केस दर्ज कराने वाली पत्नी राबिया शमसी ने पाकिस्तान के जीतने के बाद अपने मोबाइल स्टेटस पर पाकिस्तान जिंदाबाद का स्टीकर लगाया था. और, टीम इंडिया के खिलाड़ियों के विरुद्ध कुछ आपत्तिजनक पोस्ट भी की थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी शरीक-ए-हयात के खिलाफ मामला दर्ज कराया. ईशान मियां का दावा है कि दोस्तों के साथ मैच देखने के बाद भारत की हार से वो अपने साथियों की तरह मायूस हो गए थे. लेकिन, उनकी पत्नी के मोबाइल स्टेटस पर पाकिस्तान समर्थक पोस्ट देख दोस्तों के बीच उनकी गलत छवि बन गई.
वैसे, टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत पर यूपी में जश्न मनाने को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो बयान 'पंचायत आजतक' में दिया था. वो उनकी पत्नी की मुश्किलें बढ़ा सकता है. योगी आदित्यनाथ ने 'सीधी बात विदआउट बकवास' स्टाइल में कहा था कि यदि भारत का खाकर पाकिस्तान का कोई गुण गाता है, तो उसके साथ वही हश्र होगा, जो सेना करती है. दरअसल, यूपी के अलग-अलग जिलों में पाकिस्तान के कथित समर्थन में आए लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो योगी आदित्यनाथ के इसी बयान को रामपुर के ईशान मियां ने अपने लिए हथियार बना लिया है. और, ये ऐसा घातक हथियार है जो शायद ही खाली जाए. क्योंकि, इसके चक्कर में केवल यूपी में ही कई लोगों को पुलिस द्वारा नामजद किया जा चुका है. अब अगर पुलिस की जांच में साबित हो गया कि पाकिस्तान की जीत पर गलती से भी खुशी मनाई गई थी, तो भविष्य में क्या होगा, शायद ये बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
दृश्यम देखकर तो नहीं लिखी परफेक्ट स्क्रिप्ट
इस मामले में ईशान मियां भी कम पहुंचे हुए खिलाड़ी नहीं लग रहे हैं. ऐसा लगता है कि पिछले साल लगे लॉकडाउन का इस्तेमाल उन्होंने पूरा समय क्राइम सीरियल्स देखते हुए ही बिताया है. मतलब, सीएम योगी ने इधर पाकिस्तान के गुणगान पर सेना की ओर से किए जाने वाले हश्र की बात कही और उधर बंदे ने पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया. इतनी परफेक्ट प्लानिंग के बारे में फिल्म दृश्यम देखने के बाद ही पता चला था कि आम आदमी भी सीरियल और फिल्मों से सीखकर बवाल मचा सकता है. ईशान मियां ने अपनी पत्नी का पाकिस्तान से संबंध स्थापित करने जो थ्योरी बताई है, वो इस प्रकार है कि उनकी बेगम के बड़े भाई की पत्नी पाकिस्तान से हैं. और, वो पाकिस्तान से पता नहीं कौन सा काम करते हैं, जिसकी वजह से उनकी कमाई माशाअल्लाह के साथ सुभानअल्लाह भी है. ईशान मियां का दावा है कि उनकी पत्नी भी उन पर अपने भाई के साथ काम करने का दबाव बनाती रहती थी. मीडिया की खबरों के अनुसार, ईशान मियां की 16 जून को निकाह हुआ था. और, शादी के बाद चंद दिन बाद ही उनकी पत्नी दिल्ली से रामपुर चली गई थी.
कहने को तो सभी धर्मों के मूल में 'सहिष्णुता' है. लेकिन, इस मामले के सामने आने के बाद आसानी से कहा जा सकता है कि असहिष्णुता के मामले में कोई किसी से कम नहीं है. वैसे, महिला ने इस मामले पर कोर्ट में दहेज के मुकदमे को कमजोर करने की नीयत से गलत आरोप लगाकर दबाव बनाने की कोशिश करने की बात कही है. वैसे, दृश्यम फिल्म देखने के बाद एक बात तो मैं भी कह ही सकता हूं कि राबिया शमसी जी को दहेज के मुकदमे की जगह तीन तलाक वाला मुकदमा दर्ज करवाना चाहिए था. क्योंकि, तीन तलाक के मामले में उत्तर प्रदेश की पुलिस तत्परता से काम करते हुए पहले आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजती है. उसके बाद आरोपी अपनी जमानत और पैरवी वगैरह के बारे में सोच पाता है. खैर, जब पर्यावरण प्रेमियों की तमाम चिंताओं को दरकिनार करते हुए दिवाली पर इस देश के बहुतायत असहिष्णु लोगों ने पटाखे फोड़कर हवा को जहरीला बना ही दिया है. तो, ईशान मियां ने भी अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखी है. भारतीय समाज जल्द बौद्धिक से लेकर सामाजिक स्तर तक 'परिपक्व' हो इसी कामना के साथ वाणी को विराम दिया जाए. जय श्री राम. टेंशन न लीजिए, अपन सहिष्णु हैं.
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