हाल फिलहाल में जिस तरह तेजस्वी यादव राहुल गांधी की जगह लेने की कोशिश कर रहे हैं, वो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए खतरे की घंटी है. ‘बीजेपी भगाओ, देश बचाओ’ के तहत तेजस्वी यादव की रणनीति देखिए, वे बीजेपी के ‘स्टार प्रचारक’ को हत्थे से उखाड़ने के चक्कर में हैं ताकि बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में उनका फायदा न उठा सके. नहीं यकीन हो रहा तो उनके ट्वीट और बयान देखिये और सुनिए, यकीन आ जाएगा.
राहुल गांधी ने कभी कहा था, “This mornining I got up in the night,4O’ clock in the morning...” यह वही वाकया है, जब उनकी माता जी ने उनसे वह फेमस बात कही थी, “सत्ता जहर है..” बताइए कितनी इमोशनल बात है मां बेटे की, भला कोई इस मदर इंडिया टाइप सीन और एवरग्रीन डायलॉग को हाईजैक करता है. लेकिन अपने तेजस्वी बाबू नहीं माने और कई साल बाद उन्होंने इस डायलॉग का काउंटर मार ही दिया.
बताइए, आप सुबह 5:30 बजे किसी को गुड मॉर्निंग कहेंगे और साथ ही ये भी बताएंगे कि अभी डिनर किया है तो लोग क्या राय बनायेंगे आपके बारे में. तेजस्वी बाबू ऐसा कहकर न केवल अपने माता पिता पर भी सवाल उठा गए कि वे उन्हें रात का बचा खाना सुबह खाने को देते हैं. या हो सकता है तेजस्वी लालू जी को सारे घोटाले के आरोपों से बचाना चाहते हों इसलिए रात का भोजन सुबह ग्रहण करने की बात कह अपनी गरीबी का जिक्र कर रहे हों.
हालिया कोशिश पर नजर डालिए राहुल गांधी के तख्ता पलट की, तेजस्वी सरेआम लालू जी के उनके पिता होने से ही इनकार कर गये. बताइए, भला पिता कभी खुद के तुल्य हो सकता है? लेकिन तेजस्वी ने दुनिया की रीत बदल दी और लालू जी को पिता तुल्य बता...
हाल फिलहाल में जिस तरह तेजस्वी यादव राहुल गांधी की जगह लेने की कोशिश कर रहे हैं, वो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए खतरे की घंटी है. ‘बीजेपी भगाओ, देश बचाओ’ के तहत तेजस्वी यादव की रणनीति देखिए, वे बीजेपी के ‘स्टार प्रचारक’ को हत्थे से उखाड़ने के चक्कर में हैं ताकि बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में उनका फायदा न उठा सके. नहीं यकीन हो रहा तो उनके ट्वीट और बयान देखिये और सुनिए, यकीन आ जाएगा.
राहुल गांधी ने कभी कहा था, “This mornining I got up in the night,4O’ clock in the morning...” यह वही वाकया है, जब उनकी माता जी ने उनसे वह फेमस बात कही थी, “सत्ता जहर है..” बताइए कितनी इमोशनल बात है मां बेटे की, भला कोई इस मदर इंडिया टाइप सीन और एवरग्रीन डायलॉग को हाईजैक करता है. लेकिन अपने तेजस्वी बाबू नहीं माने और कई साल बाद उन्होंने इस डायलॉग का काउंटर मार ही दिया.
बताइए, आप सुबह 5:30 बजे किसी को गुड मॉर्निंग कहेंगे और साथ ही ये भी बताएंगे कि अभी डिनर किया है तो लोग क्या राय बनायेंगे आपके बारे में. तेजस्वी बाबू ऐसा कहकर न केवल अपने माता पिता पर भी सवाल उठा गए कि वे उन्हें रात का बचा खाना सुबह खाने को देते हैं. या हो सकता है तेजस्वी लालू जी को सारे घोटाले के आरोपों से बचाना चाहते हों इसलिए रात का भोजन सुबह ग्रहण करने की बात कह अपनी गरीबी का जिक्र कर रहे हों.
हालिया कोशिश पर नजर डालिए राहुल गांधी के तख्ता पलट की, तेजस्वी सरेआम लालू जी के उनके पिता होने से ही इनकार कर गये. बताइए, भला पिता कभी खुद के तुल्य हो सकता है? लेकिन तेजस्वी ने दुनिया की रीत बदल दी और लालू जी को पिता तुल्य बता दिया.
हद है साहब, आपने किसी बाप को अपने नालायक बेटे से सारे संबंध तोड़ते हुए देखा-सुना होगा, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब किसी सार्वजनिक मंच से किसी बेटे ने अपने पिता को हो बेदखल कर दिया. लालू जी का नाम लगातार कई घोटाले में आने के बाद उसे अपना पिता मानने से ही इनकार कर दिया.
आपको तेजस्वी भईया का वो फेमस ट्वीट भी याद होगा, जब वो मां गंगा की आगोश में चले गए थे. बताइए, उर्दू का शौक ऐसा चर्राया कि ट्वीट कर बैठे, 'माँ गंगा के आग़ोश में' बताइए, आगोश में चले जाते तो कितना बड़ा झटका लगता लालू जी को. खैर आप उन्हें पिता तुल्य बताकर उससे बड़ा झटका दे चुके हैं.
तेजस्वी यादव के बयान और ट्वीट देखते जाइए, आपको पूरा विश्वास हो जाएगा कि उन्होंने राहुल गांधी को पूरी टक्कर देने का मन बना लिया है. अब देखिये फर्राटे से अंग्रेजी बोलने वाले 9वीं पास तेस्वी बाबू जब गलती से हिंदी में ट्वीट करते हैं तो नितीश कुमार को भ्रष्टाचारी के साथ-साथ नैतिक भी बता जाते हैं. खुद पढ़ लीजिये उनका हालिया ट्वीट, 'अनैतिकता के जनक और नैतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह है नीतीश कुमार जी.'
इस बार की रैली में तेजस्वी राहुल गांधी की एक और नकल करने से नहीं चूके. याद करिए, वह वक़्त जब उनके ‘पिता तुल्य’ लालू प्रसाद यादव समाजवादी पार्टी के घमासान में मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश में सुलह कराने की कोशिश कर रहे थे. उस समय तेजस्वी अखिलेश और मुलायम पर बिना नाम लिए तंज कस रहे थे. तेजस्वी ने तब इस घर की लड़ाई को ‘डीएनए इफ़ेक्ट’ कहा था. राहुल गांधी भी ये कारनामा कर चुके हैं. यूपी विधान सभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव को लपेटते हुए एक महीने तक '27 साल यूपी बेहाल' का नारा लगाते हुए पूरे यूपी की ख़ाक छाने. बाद में थक गए तो अखिलेश यादव के रथ पर ही सवार हो गए. ऐसा ही कुछ रैली में देखने को मिला जब ‘डीएनए इफ़ेक्ट’ अखिलेश यादव उनके बगल में दिखाई दिए. हो सकता है, इसी के चलते लालू पिता से उनके लिए, पिता-तुल्य हो गए हों.
अब ऐसे कारनामों के चलते, तेजस्वी जल्द ही राहुल गांधी का तख्ता पलट करते नजर आ रहे हैं. यकीन मानिए अगर ऐसा हुआ तो, जनता कभी माफ़ न करेगी उनको.
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