देशद्रोहियों पर अगले 72 घंटे भारी पड़ने वाले हैं. राष्ट्रीय देशभक्ति आयोग ने फौरी कार्रवाई करते हुए देशद्रोहियों को पकड़ने के बाद सरहद पार करा कर पाकिस्तान भेजने का हुक्म दिया है. ताकि बजट-सत्र-यज्ञ निर्विघ्न सम्पन्न हो सके. साथ ही मानवीय आधार पर रास्ते के लिए हर देशद्रोही को बीफ का एक पैकेट देने का हुक्म दिया है.
देश में मैन्युफैक्चर्ड देशभक्ति की आवाज आउट ऑफ कंट्रोल जाते देख ये नवनिर्मित आयोग तत्काल प्रभाव से हरकत में आ गया है. रातों रात मशहूर हुए एडवोकेट विक्रम सिंह चौहान को कड़कड़डूमा में सम्मानित किये जाने के बाद देर रात इसका चेयरमैन बनाये जाने की घोषणा की गई.
आयोग के बारे में दिल्ली पुलिस की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस में डिटेल में बताया जाएगा. फिलहाल, बस्सी गुरु ने ऑफ द रिकॉर्ड जो ब्रीफ किया उससे अभी इतना ही पता चल पाया है.
स्पेशल कोर्ट
आयोग के पास एक स्पेशल कोर्ट होगा जो करीब करीब सीबीआई की विशेष अदालतों की तर्ज पर काम करेगा. हालांकि, आयोग के स्पेशल कोर्ट के पास उससे ज्यादा शक्तियां होंगी. खास बात ये होगी कि आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकेगी.
इसके लिए पीएमओ में एक मार्गदर्शक मंडल होगा जहां रिव्यू पेटिशन दाखिल की जा सकेगी. ये मार्गदर्शक मंडल फिलहाल तो दिल्ली में बैठेगा लेकिन जल्द ही उसे नागपुर शिफ्ट कर दिया जाएगा. आयोग के हेडक्वार्टर के लिए इमारत बनाने का जिम्मा नितिन गडकरी को सौंपा गया है.
कन्हैया कुमार का केस इस आयोग के दायरे से बाहर होगा क्योंकि इसे पुराने मामलों की सुनवाई से दूर रखा गया है.
इंवेस्टिगेटर
आयोग के पास अपने इंवेस्टिगेटर्स की एक स्पेशल टीम होगी ठीक वैसे ही जैसे एनआईए के पास है. इसके चीफ इंवेस्टिगेटर भीमसेन बस्सी होंगे - लेकिन कुछ निजी कारणों से वो अपना कार्यभार एक मार्च से पहले नहीं संभाल पाएंगे.
इसके साथ ही आयोग के पास टेक्स्ट, आडियो और वीडियो एक्सपर्ट्स की भी एक टीम होगी. ये टीम...
देशद्रोहियों पर अगले 72 घंटे भारी पड़ने वाले हैं. राष्ट्रीय देशभक्ति आयोग ने फौरी कार्रवाई करते हुए देशद्रोहियों को पकड़ने के बाद सरहद पार करा कर पाकिस्तान भेजने का हुक्म दिया है. ताकि बजट-सत्र-यज्ञ निर्विघ्न सम्पन्न हो सके. साथ ही मानवीय आधार पर रास्ते के लिए हर देशद्रोही को बीफ का एक पैकेट देने का हुक्म दिया है.
देश में मैन्युफैक्चर्ड देशभक्ति की आवाज आउट ऑफ कंट्रोल जाते देख ये नवनिर्मित आयोग तत्काल प्रभाव से हरकत में आ गया है. रातों रात मशहूर हुए एडवोकेट विक्रम सिंह चौहान को कड़कड़डूमा में सम्मानित किये जाने के बाद देर रात इसका चेयरमैन बनाये जाने की घोषणा की गई.
आयोग के बारे में दिल्ली पुलिस की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस में डिटेल में बताया जाएगा. फिलहाल, बस्सी गुरु ने ऑफ द रिकॉर्ड जो ब्रीफ किया उससे अभी इतना ही पता चल पाया है.
स्पेशल कोर्ट
आयोग के पास एक स्पेशल कोर्ट होगा जो करीब करीब सीबीआई की विशेष अदालतों की तर्ज पर काम करेगा. हालांकि, आयोग के स्पेशल कोर्ट के पास उससे ज्यादा शक्तियां होंगी. खास बात ये होगी कि आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकेगी.
इसके लिए पीएमओ में एक मार्गदर्शक मंडल होगा जहां रिव्यू पेटिशन दाखिल की जा सकेगी. ये मार्गदर्शक मंडल फिलहाल तो दिल्ली में बैठेगा लेकिन जल्द ही उसे नागपुर शिफ्ट कर दिया जाएगा. आयोग के हेडक्वार्टर के लिए इमारत बनाने का जिम्मा नितिन गडकरी को सौंपा गया है.
कन्हैया कुमार का केस इस आयोग के दायरे से बाहर होगा क्योंकि इसे पुराने मामलों की सुनवाई से दूर रखा गया है.
इंवेस्टिगेटर
आयोग के पास अपने इंवेस्टिगेटर्स की एक स्पेशल टीम होगी ठीक वैसे ही जैसे एनआईए के पास है. इसके चीफ इंवेस्टिगेटर भीमसेन बस्सी होंगे - लेकिन कुछ निजी कारणों से वो अपना कार्यभार एक मार्च से पहले नहीं संभाल पाएंगे.
इसके साथ ही आयोग के पास टेक्स्ट, आडियो और वीडियो एक्सपर्ट्स की भी एक टीम होगी. ये टीम देश भर में व्हाट्सऐप के जरिए शेयर हो रहे वीडियो और एमएमएस पर कड़ी नजर रखेगी और देशद्रोहियों को फिल्टर करने के तरीके खोजेगी. इसके साथ ही टीम में कुछ ऐसे एक्सपर्ट भी शामिल किये जा रहे हैं जिन्हें पॉर्न वीडियो और दूसरे कंटेंट में महारथ हासिल है. वे किसी भी वीडियो को एक नजर देख कर बता सकते हैं कि वो ओरिजिनल है या डॉक्टर्ड. बताया जाता है कि बरसों से ये ऐसे वीडियो शौकिया देखते देखते ये दक्षता हासिल किये हुए हैं. इन विशेषज्ञों की बदौलत जांच में जाया होने वाला वक्त बच सकेगा.
आयोग के अध्यक्ष ने साथ ही साथ उन्हें ये पता लगाने को कहा है कि कहीं सविता भाभी साहित्य के पीछे भी कोई देशद्रोही मकसद तो नहीं है. असल में एनआईए से की पूछताछ में आईपीएस अधिकारी सलविंदर ने ऐसे कुछ हनी ट्रैप से जुड़ी जानकारियां शेयर की थीं.
लोकपाल जैसा
राष्ट्रीय देशभक्ति आयोग के चेयरमैन विक्रम सिंह चौहान की मदद के लिए तीन सदस्यों वाली विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है. इस समिति में ओपी शर्मा, स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय बतौर स्थाई सदस्य शामिल किये गये हैं.
इनके अलावा चेयरमैन को फौरी राय देने के लिए एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद भी बनाई गई है. इस परिषद के प्रमुख सदस्यों में शामिल हैं - कैलाश विजयवर्गीय, साध्वी निरंजन ज्योति, साध्वी प्राची, साक्षी महाराज, योगी आदित्य नाथ, गिरिराज सिंह, महेश शर्मा और संजीव बालियान.
सूत्रों की मानें तो चौहान अपने पद को लेकर शुरू में थोड़े नाराज थे लेकिन बाद में मान भी गये. बताते हैं कि चौहान चाहते थे कि उनके पद का नाम - 'चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर' हो.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया है कि ये आयोग सत्तारुढ़ दल के तथाकथित लोकपाल का हिडेन एजेंडा है - बाद में नीति आयोग की तरह इसका भी नाम बदल कर लोकपाल कर दिया जाएगा. राहुल गांधी ने कहा है अगर लोक सभा में भी इस बाबत कोई प्रस्ताव आता है तो वो उसे पास नहीं होने देंगे और जैसे ही इसका ड्राफ्ट उनके हाथ लगेगा वो फाड़ कर फेंक देंगे. इस बीच, चर्चा है कि प्रधानमंत्री ने तीन दिन के लिए मौन व्रत धारण कर लिया है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.