'बिरयानी के चावल' ये तीन शब्द इस दुनिया का सबसे सहिष्णु और सेक्युलर शब्द हैं. कैसे? कभी ग़ौर करियेगा. पनीर, सोयाबीन, बीन डाला तो 'वेज बिरयानी' इसे आप मंगल सोम, बुध, वृहस्पति, शनिचर कभी भी खाइये. अंडा डाला तो अंडा बिरयानी मंगल और शनिचर के सिवा कभी भी खा सकते हैं. मुर्गा, मछली, बीफ़, मटन, पोर्क डाला तो नॉन वेज. जैसी बिरयानी और उसके स्वरूप हैं महसूस होता है कि मुर्गे, मछली, अंडे से लेकर पनीर, सोयाबीन, बीफ़, पोर्क, पत्ता गोभी, फूल गोभी, बीन, शिमला मिर्च इनसब का मज़हब होता है मगर चावल इनसब से अछूता है. चावलों को कभी भी, कहीं भी, किसी भी दिन खाया जा सकता है. अभी मुद्दा चावल नहीं पूरी की पूरी बिरयानी है. जिसे हम उपरोक्त पंक्तियों में सहिष्णु और सेक्युलर बता चुके हैं. तो भइया कोई अगर सहिष्णु है और साथ ही सेक्युलर भी है तो क्या उसके ये गुण हमें उसका शोषण करने की छूट दे देते हैं? सोचिये. सोच कर बताइये. अवश्य ही आप असहमत होंगे. तो अब जब आप इन बातों के मद्देनजर असहमत हो ही गए हैं तो अब ये बताइये कि अगर कोई बिरयानी में बोटी या फिर पनीर, फूलगोभी, सोयबीन की जगह स्ट्राबेरी डाल दे तो? 'बिरयानी में स्ट्राबेरी या फिर स्ट्रॉ बेरी वाली बिरयानी ये बात कुछ ऐसी है कि इसे सोचने मात्र से ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं. लेकिन इसी दुनिया मे हैं ऐसे लोग जो इस तरह का अपराध कर देते हैं और पाप के भागीदार बन जाते हैं. ऐसे लोग एक्सपेरिमेंट के नाम पर की गई करतूतों के चलते नरक के दरोगा की डायरी में बिन बेसन और मेरिनेशन के धीमी आंच पर गोल्डन ब्राउन होने के लिए अपना नाम दर्ज करा लेते हैं.
बिरयानी में स्ट्राबेरी वाली बात भले ही हींग गोली, पुदीन हरा, डाइजीन से भी न पचाई न जा सके लेकिन...
'बिरयानी के चावल' ये तीन शब्द इस दुनिया का सबसे सहिष्णु और सेक्युलर शब्द हैं. कैसे? कभी ग़ौर करियेगा. पनीर, सोयाबीन, बीन डाला तो 'वेज बिरयानी' इसे आप मंगल सोम, बुध, वृहस्पति, शनिचर कभी भी खाइये. अंडा डाला तो अंडा बिरयानी मंगल और शनिचर के सिवा कभी भी खा सकते हैं. मुर्गा, मछली, बीफ़, मटन, पोर्क डाला तो नॉन वेज. जैसी बिरयानी और उसके स्वरूप हैं महसूस होता है कि मुर्गे, मछली, अंडे से लेकर पनीर, सोयाबीन, बीफ़, पोर्क, पत्ता गोभी, फूल गोभी, बीन, शिमला मिर्च इनसब का मज़हब होता है मगर चावल इनसब से अछूता है. चावलों को कभी भी, कहीं भी, किसी भी दिन खाया जा सकता है. अभी मुद्दा चावल नहीं पूरी की पूरी बिरयानी है. जिसे हम उपरोक्त पंक्तियों में सहिष्णु और सेक्युलर बता चुके हैं. तो भइया कोई अगर सहिष्णु है और साथ ही सेक्युलर भी है तो क्या उसके ये गुण हमें उसका शोषण करने की छूट दे देते हैं? सोचिये. सोच कर बताइये. अवश्य ही आप असहमत होंगे. तो अब जब आप इन बातों के मद्देनजर असहमत हो ही गए हैं तो अब ये बताइये कि अगर कोई बिरयानी में बोटी या फिर पनीर, फूलगोभी, सोयबीन की जगह स्ट्राबेरी डाल दे तो? 'बिरयानी में स्ट्राबेरी या फिर स्ट्रॉ बेरी वाली बिरयानी ये बात कुछ ऐसी है कि इसे सोचने मात्र से ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं. लेकिन इसी दुनिया मे हैं ऐसे लोग जो इस तरह का अपराध कर देते हैं और पाप के भागीदार बन जाते हैं. ऐसे लोग एक्सपेरिमेंट के नाम पर की गई करतूतों के चलते नरक के दरोगा की डायरी में बिन बेसन और मेरिनेशन के धीमी आंच पर गोल्डन ब्राउन होने के लिए अपना नाम दर्ज करा लेते हैं.
बिरयानी में स्ट्राबेरी वाली बात भले ही हींग गोली, पुदीन हरा, डाइजीन से भी न पचाई न जा सके लेकिन ये ब्लंडर हुआ है हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में. बता दें कि पाकिस्तान के एक व्यक्ति ने बिरयानी के लिए अपनी हैरत अंगेज रेसिपी दी है. सदी के इस महमतम बावर्ची ने अपनी वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने वाली रेसिपी में स्ट्रॉबेरी को भी जरूरी मसालों की तरह इस्तेमाल किया है.
दिलचस्प बात ये है कि व्यक्ति ने बिरयानी बनाई तो बनाई इस बिरयानी को उसने ट्विटर पर भी शेयर किया. अपनी बनाई हुई बिरयानी को ट्विटर पर शेयर करते हुए व्यक्ति ने लिखा कि, 'हमने आज घर पर 'स्ट्रॉबिरयानी' बनाई. मैं जानने के लिए बेकरार हूं कि इसके बारे में देसी ट्विटर का क्या कहना है.'
बिरयानी में स्ट्राबेरी नजरअंदाज करने या 'बात खत्म' करने वाली चूक नहीं है. इस अजीब ओ गरीब बिरयानी के फॉरमेट ने पूर्व में बिरयानी में पनीर, फूल गोभी, सोयाबीन देखकर आहत हुई भावनाओं को और भी आहत कर दिया. यूं समझ लीजिए कि स्ट्राबेरी बिरयानी के ट्विटर पर आने की देर थी. लोगों ने बिरयानी के साथ इस तरह का घिनौना मजाक करने वाले व्यक्ति को सबक सिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
मामले को बीते भले ही कुछ घंटे हुए हों लेकिन प्रतिक्रियाओं का सिलसिला लगातार जारी है. एक से एक रोचक और गुदगुदाने वाली प्रतिक्रियाएं और मीम्स आ रहे हैं जिनको देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि बिरयानी के साथ इस तरह का अश्लील मजाक करने वाले की जगह नरक में भी नहीं है.
बात एकदम सीधी और साफ है खाने या ये कहें कि भोजन पर एक्सपेरिमेंट करने में कोई बुराई नहीं है. ऐसा करके आदमी अपनी क्रिएटिविटी दिखा सकता है. लेकिन रचनात्मक होने का ये मतलब हरगिज़ भी नहीं है कि व्यक्ति ऐसी भूल चूक कर जाए जो कुदरत और उसके निजाम को एकदम खुली चुनौती दे.
बड़ा सवाल ये है कि प्रयोग के नाम पर इस तरह का भद्दा मजाक करने वाले व्यक्ति को एक बार भी शर्म नहीं आई? खाने पीने के शौकीन दुनिया के तमाम बड़े छोटे लोगों का इस हरकत को देखकर आहत और भावुक होना स्वाभाविक भी है.
बाकी रही बात देखने की तो हम हिंदुस्तानियों ने यहां ठेले पर बिकने वाली नूडल में नूडल वाले भइया को हल्दी, गरम मसाला और धनिया पाउडर डालते देखा है. हम देख चुके हैं दुकानदारों को मोमो जैसी डिश में पनीर मिलाते हुए. हमने देखी है वो साउथ इंडियन मैगी भी जिसमें राई और करी पत्ते का तड़का लगाया जाता है. जब आधा किलो मक्खन खाकर मामला मैनेज करने के लिए ग्रीन टी की तरफ देखने वाले लोग हैं.
स्ट्राबेरी बिरयानी अभी नया नया नया मामला है. बस कुछ दिन बीतने दीजिये हम बिरयानी में सेब, केला, संतरे, अमरूद और पपीता मिलाकर बिरयानी का फ्रूट सैलेड न बनाएं तो कहिएगा. बात लंबी हो चली है तो हम बस दो पंक्तियों को कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि
लेडीज एंड जेंटलमेन, मछली जल की रानी है.
जिसमें हो गाजर, मटर, सोयाबीन, और अब तो स्ट्राबेरी वो आख़िर कैसे बिरयानी है... वो आखिर कैसे बिरयानी है?
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