महाभारत क्यों हुआ? कारण कई हैं लेकिन अहम वजह जुआ हैं. पांडवों ने अगर चौसर के खेल में कौरवों के सामने द्रौपदी को दांव पर न लगाया होता तो इतने बड़े युध्द की नौबत ही नहीं आती. महाभारत देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि यूं तो इसमें भगवान कृष्ण, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, दुशासन, दुर्योधन जैसे कई पात्र थे लेकिन जिस पात्र ने पूरा बवाल कराया वो और कोई नहीं बल्कि कौरवों का मामा शकुनी था. मतलब जिस लेवल की कॉन्सपिरेसी शकुनी ने रची बड़े बड़े सूरमा हैरत में आकर दांतों तले अंगुली दबा लें. नारीवादियों का एक वर्ग तो यहां तक मानता है कि महाभारत के युद्ध में यदि द्रौपदी की इतनी दुर्गति हुई है तो उसकी भी बड़ी वजह शकुनी ही था. अब सवाल हो सकता है कि आखिर शकुनी का इतना जिक्र क्यों किया जा रहा है? क्यों हमारे द्वारा शकुनी चालीसा का जाप हो रहा है? वजह है यूपी के प्रतापगढ़ की एक घटना. जहां महिला लूडो के खेल में ऐसा हारी कि सब कुछ हार गयी और उसने अपने को मकान मालिक को सौंप दिया. पहली नजर में महिला द्रौपदी की तरह बेबस और लाचार लगेगी लेकिन जब हम मामले की पड़ताल करेंगे तो मिलेगा कि रणनीति के मामले में महिला कलयुग की शकुनी है.
दरअसल हुआ कुछ यूं कि प्रतापगढ़ में एक महिला अपने लूडो के चस्के के कारण चर्चा का विषय बनी है. महिला मकान मालिक के साथ दांव लगाकर लूडो खेलती थी और जब उसका पैसा खत्म हो गया उसने अपने को ही दांव पर लगा दिया और मकान मालिक के सामने खुद को हार गई. यहां तक मामले को हम देखेंगे तो लगेगा कि मामला बहुत सिंपल है और माजरा (लूडो)जुए का है और जुए के चलते महिला का द्रौपदी वाला हश्र हुआ.
मामले में ट्विस्ट तब आया जब बीवी को प्रतापगढ़ में छोड़ रोजी...
महाभारत क्यों हुआ? कारण कई हैं लेकिन अहम वजह जुआ हैं. पांडवों ने अगर चौसर के खेल में कौरवों के सामने द्रौपदी को दांव पर न लगाया होता तो इतने बड़े युध्द की नौबत ही नहीं आती. महाभारत देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि यूं तो इसमें भगवान कृष्ण, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, दुशासन, दुर्योधन जैसे कई पात्र थे लेकिन जिस पात्र ने पूरा बवाल कराया वो और कोई नहीं बल्कि कौरवों का मामा शकुनी था. मतलब जिस लेवल की कॉन्सपिरेसी शकुनी ने रची बड़े बड़े सूरमा हैरत में आकर दांतों तले अंगुली दबा लें. नारीवादियों का एक वर्ग तो यहां तक मानता है कि महाभारत के युद्ध में यदि द्रौपदी की इतनी दुर्गति हुई है तो उसकी भी बड़ी वजह शकुनी ही था. अब सवाल हो सकता है कि आखिर शकुनी का इतना जिक्र क्यों किया जा रहा है? क्यों हमारे द्वारा शकुनी चालीसा का जाप हो रहा है? वजह है यूपी के प्रतापगढ़ की एक घटना. जहां महिला लूडो के खेल में ऐसा हारी कि सब कुछ हार गयी और उसने अपने को मकान मालिक को सौंप दिया. पहली नजर में महिला द्रौपदी की तरह बेबस और लाचार लगेगी लेकिन जब हम मामले की पड़ताल करेंगे तो मिलेगा कि रणनीति के मामले में महिला कलयुग की शकुनी है.
दरअसल हुआ कुछ यूं कि प्रतापगढ़ में एक महिला अपने लूडो के चस्के के कारण चर्चा का विषय बनी है. महिला मकान मालिक के साथ दांव लगाकर लूडो खेलती थी और जब उसका पैसा खत्म हो गया उसने अपने को ही दांव पर लगा दिया और मकान मालिक के सामने खुद को हार गई. यहां तक मामले को हम देखेंगे तो लगेगा कि मामला बहुत सिंपल है और माजरा (लूडो)जुए का है और जुए के चलते महिला का द्रौपदी वाला हश्र हुआ.
मामले में ट्विस्ट तब आया जब बीवी को प्रतापगढ़ में छोड़ रोजी रोटी के लिए जयपुर में रहकर वनवास काट रहा महिला का पति सामने आया. जो अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. पीड़ित पुरुष ने घटना को पुलिस के सामने रखा है और कार्रवाई के लिए तहरीर दी है. साथ ही उसने अपना एक बयान भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जो जंगल में लगी आग की तरह वायरल हो गया है.
पीड़ित पुरुष के अनुसार वह प्रतापगढ़ में किराए के मकान में रहता था. 6 महीने पहले वह कमाने के लिए जयपुर चला गया जहां वो अपना पेट काट काटकर पत्नी को पैसे भेजता रहा. पति से प्राप्त पैसों को महिला अपने मकान मालिक के साथ लूडो में उड़ाती रही. और फिर जब वो खली हाथ हो गई, एक दिन उसने खुद को दांव पर लगा दिया.
मामले में दिलचस्प ये कि महिला ने इस बात की जानकारी खुद फोन करके पति को दी थी. महिला ने अपने पति से कहा था कि, 'मैं खुद को लूडो में हार गई हूं. आकर लिखा-पढ़ी कर लो. अब हमारे चक्कर में पड़ोगे तो काटकर फेंक दिए जाओगे.' लूडो में खुद को हार चुकी और दो बच्चों की मां महिला मकान मालिक के साथ ही रह रही है और पति के लाख समझाने बुझाने के बावजूद लौटने को तैयार नहीं है.
मामले में जैसी स्थिति पति की है, बेचारे को यही लग रहा है कि लूडो के नाम पर मकान मालिक ने खेल कर दिया है. लेकिंन जब हम मामले की पड़ताल करते हैं तो मिलता यही है कि लूडो तो बस बहाना था. मामले के तहत खेल तो कुछ और चल रहा था जिसे 'लव शव दे चिकेन खुराना' कहना कहीं से भी गलत नहीं है.
मामले में मैटर बस यही है कि लूडो बहाना था. महिला का दिल मकान मालिक पर आ गया था. उसे उसके ही साथ रहना था लेकिन उसे अपने सामने जालिम जमाना दिखा. महिला एक बार पति से तो निपट लेती लेकिन ज़माने का मुंह बंद करने के लिए उसने शकुनी वाली बुद्धि का इस्तेमाल किया और खुद को कलयुग की द्रौपदी की तरफ पेश कर दिया और सारा दोष लूडो पर डाल दिया.
बहरहाल अब जबकि मामला हमारे सामने आ ही गया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि पीड़ित पुरुष को इंसाफ मिलेगा या नहीं? साथ ही ये देखना भी रोचक रहेगा कि पुलिस इस मामले में क्या एक्शन लेती है. बाकी जैसा ये मामला है वाक़ई महिला ने एक बहुत बेहतरीन प्लानिंग की थी लेकिन बात फिर वही है इश्क़ और मुश्क छुपाए नहीं छिप सकता.
ये भी पढ़ें -
ऐसे जानलेवा हेयर ट्रांसप्लांट से तो फिर गंजापन अच्छा...
'जन्नत में हूरें'... आफताब तो 'पढ़ा-लिखा नारीवादी' था, फिर ये रूप कैसे छुपा रखा था?
कोरियाई यूट्यूबर से छेड़छाड़ करने वालों पर शर्मिंदा न हों, बहुसंख्यक तो अथर्व जैसे हीरो ही हैं
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.