टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों बुरी तरह हारने के बाद से ही टीम इंडिया में बदलाव की मांग की जा रही थी. और, बीसीसीआई ने इस बदलाव की शुरुआत कर भी दी है. बीसीसीआई ने कड़ा फैसला लेते हुए फिलहाल चेतन शर्मा की अगुवाई वाली चार सदस्यीय नेशनल सिलेक्शन कमेटी को बर्खास्त कर दिया है. कहा जा रहा है कि ये फैसला सिर्फ टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार की वजह से नहीं किया गया है. बल्कि, इससे पहले एशिया कप में भी टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन को आधार बनाया गया है. बताया जा रहा है कि नई चयन समिति के सामने हर फॉर्मेट में अलग कप्तान बनाने का प्लान भी रखा गया है. इतना ही नहीं, दावा किया जा रहा है कि बीसीसीआई टीम इंडिया में भी बदलाव का फैसला लेने जा रही है. क्योंकि, बीसीसीआई अब 2023 में होने वाले वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप पर ध्यान देना चाहती है. और, साथ ही साथ 2024 के टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों को अभी से अंजाम देने की कोशिश कर रही है. वैसे, ऑस्ट्रेलिया में मिली पराजय के बाद कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया में बदलाव का 'देर आए, दुरुस्त आए' की तरह ही होगा.
क्या वर्कलोड कम कर खिलाड़ियों को 'आराम' देगी BCCI?
सिलेक्शन कमेटी पर गिरी गाज को देखते हुए इस बात की संभावना बढ़ गई है कि टीम इंडिया के कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को भी आराम दिया जा सकता है. वैसे भी टीम इंडिया के अनुभवी और स्टार खिलाड़ियों पर बड़ी टीमों के खिलाफ दौरों से लेकर आईपीएल खेलने तक का दबाव होता है. और, बीते कुछ समय में टीम इंडिया के कई स्टार खिलाड़ी वर्कलोड को लेकर खुलकर अपनी बात भी कह चुके हैं. क्योंकि, लगातार क्रिकेट खेलने का दबाव और वर्कलोड का सीधा असर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर पड़ता है. आसान शब्दों में कहें, तो केएल...
टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों बुरी तरह हारने के बाद से ही टीम इंडिया में बदलाव की मांग की जा रही थी. और, बीसीसीआई ने इस बदलाव की शुरुआत कर भी दी है. बीसीसीआई ने कड़ा फैसला लेते हुए फिलहाल चेतन शर्मा की अगुवाई वाली चार सदस्यीय नेशनल सिलेक्शन कमेटी को बर्खास्त कर दिया है. कहा जा रहा है कि ये फैसला सिर्फ टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार की वजह से नहीं किया गया है. बल्कि, इससे पहले एशिया कप में भी टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन को आधार बनाया गया है. बताया जा रहा है कि नई चयन समिति के सामने हर फॉर्मेट में अलग कप्तान बनाने का प्लान भी रखा गया है. इतना ही नहीं, दावा किया जा रहा है कि बीसीसीआई टीम इंडिया में भी बदलाव का फैसला लेने जा रही है. क्योंकि, बीसीसीआई अब 2023 में होने वाले वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप पर ध्यान देना चाहती है. और, साथ ही साथ 2024 के टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों को अभी से अंजाम देने की कोशिश कर रही है. वैसे, ऑस्ट्रेलिया में मिली पराजय के बाद कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया में बदलाव का 'देर आए, दुरुस्त आए' की तरह ही होगा.
क्या वर्कलोड कम कर खिलाड़ियों को 'आराम' देगी BCCI?
सिलेक्शन कमेटी पर गिरी गाज को देखते हुए इस बात की संभावना बढ़ गई है कि टीम इंडिया के कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को भी आराम दिया जा सकता है. वैसे भी टीम इंडिया के अनुभवी और स्टार खिलाड़ियों पर बड़ी टीमों के खिलाफ दौरों से लेकर आईपीएल खेलने तक का दबाव होता है. और, बीते कुछ समय में टीम इंडिया के कई स्टार खिलाड़ी वर्कलोड को लेकर खुलकर अपनी बात भी कह चुके हैं. क्योंकि, लगातार क्रिकेट खेलने का दबाव और वर्कलोड का सीधा असर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर पड़ता है. आसान शब्दों में कहें, तो केएल राहुल, विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे बड़े खिलाड़ियों के वर्कलोड को कम किये जाने के बारे में विचार किया जाना चाहिए.
और, स्टार खिलाड़ियों के इस वर्कलोड को कम करने के लिए बीसीसीआई को टी20 के फटाफट क्रिकेट फॉर्मेट से उन्हें आराम देने का विचार करना जरूरी हो जाता है. वैसे, बीसीसीआई किन खिलाड़ियों को टी20 फॉर्मेट से आराम देगी, ये फैसला बीसीसीआई ही कर सकती है. लेकिन, न्यूजीलैंड दौरे पर गई टीम इंडिया के स्क्वॉड के ऐलान को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीसीसीआई टी20 फॉर्मेट में अब अनुभव से ज्यादा युवा खिलाड़ियों को ही तरजीह देने की ओर आगे बढ़ रही है.
अलग फॉर्मेट अलग कप्तान का फॉर्मूला कितना सफल साबित होगा?
विराट कोहली के टी20 की कप्तानी छोड़ने के बाद उनसे वनडे की कप्तानी भी वापस ले ली गई थी. और, रोहित शर्मा को कप्तान बना दिया गया था. जिसके बाद विराट कोहली ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी थी. इस तरह से टी20, वनडे और टेस्ट तीनों फॉर्मेट में रोहित शर्मा कैप्टन बन गए थे. लेकिन, रोहित शर्मा की कप्तानी में भी टीम इंडिया कोई कमाल नहीं दिखा सकी. उन पर दबाव साफ महसूस किया जा सकता है. एशिया कप से लेकर टी20 वर्ल्ड कप तक रोहित शर्मा के चेहरे पर कप्तानी का दबाव अपनेआप ही झलक दिखाता रहा है. और, इसकी वजह से उनके प्रदर्शन पर भी असर पड़ा है.
शायद यही वजह है कि अब बीसीसीआई सभी फॉर्मेट के लिए अलग कप्तानों के रोडमैप पर काम करने की कोशिश कर रही है. और, इसका फायदा टीम इंडिया को मिलने की संभावना भी है. टी20 के लिए हार्दिक पंड्या से बेहतर कप्तान शायद ही टीम इंडिया को मिलेगा. क्योंकि, हार्दिक पंड्या में युवा जोश के साथ ही टी20 की अच्छी समझ है. वहीं, वनडे में रोहित शर्मा अच्छी कप्तानी कर रहे हैं. और, उन्हें वनडे तक ही सीमित कर देना चाहिए. टेस्ट के लिए ऋषभ पंत पर भरोसा जताया जाना चाहिए. क्योंकि, इससे उनमें नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी. साथ ही अनुभवी खिलाड़ियों से वो सीखेंगे भी.
प्रयोगों के नाम पर टूर्नामेंट की तिलांजलि बंद हो
टी20 वर्ल्ड कप से पहले एशिया कप और हर संभव दौरे पर टीम इंडिया ने जमकर नए प्रयोग किए. कभी रविचंद्रन अश्विन को अचानक से लाकर टी20 स्कवॉड में जगह देना हो. या प्लेइंग 11 के चयन का मामला हो. सभी जगहों पर टीम इंडिया ने प्रयोगों के नाम पर बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में सिर्फ हार का ही मुंह देखा है. सबसे पहले तो टीम इंडिया को प्रयोगों से पीछा छुड़ाना होगा. अगर टीम इंडिया को अपनी बेंच स्ट्रेंथ मजबूत करनी है. तो, अलग-अलग फॉर्मेट के लिए उपयुक्त खिलाड़ियों को ही टीम में रखना होगा. जैसे, ऋषभ पंत टी20 में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. तो, उन्हें जबरन मौके देना गलत है. उनकी जगह संजू सैमसन को आगे बढ़ाया जा सकता है. आसान शब्दों में कहें, तो बीसीसीआई का हालिया फैसला टीम इंडिया के लिए एकसाथ कई लक्ष्यों को साधने वाला है. बस इसमें फैसले 'हीरो कल्चर' को किनारे रख कर करने होंगे.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.