आईपीएल का आखिरी मैच, टीम आईपीएल से बाहर हो चुकी है. ऐसे में अगर आपकी टीम को जीत के लिए आखिरी ओवर में 23 रन की जरूरत हो तो आप क्या करेंगे. शायद हिम्मत हार जाएंगे, आखिर अब जीत का भी क्या फायदा? लेकिन अगर उस टीम के कप्तान एमएस धोनी हों तो बात कुछ और होगी और सोच भी. इसीलिए इस आईपीएल के अपने आखिरी मैच के अंतिम ओवर में पंजाब के खिलाफ जब धोनी की टीम पुणे को जीत के लिए आखिरी ओवर में 23 रन की जरूरत थी और क्रीज पर धोनी थे, तो कुछ ऐसा हुआ कि यादगार बन गया.
6 गेंदों पर 23 रन चाहिए थे, छा गए धोनी
पहले तो जानिए धोनी का कमाल, आखिरी ओवर में पुणे को जीत के लिए 23 रन की दरकार. स्ट्राइक धोनी के हाथों में और गेंद अक्षर पटेल के. पहली गेंद पर धोनी ने शॉट खेला लेकिन रन नहीं भागे, अगली गेंद वाइड. अब 5 गेंदों पर चाहिए थे 22 रन, अगली गेंद धोनी ने छह रन के लिए स्टैंड में पहुंचा दी. अब टारगेट हो गया 4 गेंदों में 16 रन का. लेकिन अगली गेंद पर जोरदार शॉट लगाने के बावजूद धोनी को कोई रन नहीं मिला, टारगेट 3 गेंदों में 16 रन हो गया. अगली गेंद पर धोनी ने बाउंड्री जड़ दी. अब 2 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे.
पांचवीं गेंद पर धोनी ने छक्का जड़कर फैंस को रोमांचित कर दिया. आखिरी गेंद पर छह रन चाहिए था और धोनी ने अपना यादगार हेलिकॉप्टर शॉट खेलते हुए गेंद को स्टैंड में पहुंचा दिया. पुणे की टीम खुशी से उछल पड़ी, पंजाब की टीम हतप्रभ रह गई, लाखों फैंस धोनी-धोनी चिल्ला-चिल्ला उठे. धोनी हल्का सा मुस्कुराए और दूसरे छोर पर मौजूद अश्विन को गले से लगा लिया. ये मुस्कुराहट आईपीएल से बाहर होने के बावजूद एक यादगार जीत के साथ विदाई से भी कुछ ज्यादा था. 173 रन के टारगेट के जवाब में धोनी ने 32 गेंदों पर 4 चौकों और 5 छक्कों की मदद से नाबाद 64 रन ठोक दिए.
धोनी की पिक्चर अभी बाकी है!
धोनी द्वारा आखिरी ओवर में खेली गई इस पारी को इस आईपीएल की बेस्ट फिनिश कहा जा रहा है. आखिरकार इस पारी ने दिखाया कि दुनिया का बेस्ट...
आईपीएल का आखिरी मैच, टीम आईपीएल से बाहर हो चुकी है. ऐसे में अगर आपकी टीम को जीत के लिए आखिरी ओवर में 23 रन की जरूरत हो तो आप क्या करेंगे. शायद हिम्मत हार जाएंगे, आखिर अब जीत का भी क्या फायदा? लेकिन अगर उस टीम के कप्तान एमएस धोनी हों तो बात कुछ और होगी और सोच भी. इसीलिए इस आईपीएल के अपने आखिरी मैच के अंतिम ओवर में पंजाब के खिलाफ जब धोनी की टीम पुणे को जीत के लिए आखिरी ओवर में 23 रन की जरूरत थी और क्रीज पर धोनी थे, तो कुछ ऐसा हुआ कि यादगार बन गया.
6 गेंदों पर 23 रन चाहिए थे, छा गए धोनी
पहले तो जानिए धोनी का कमाल, आखिरी ओवर में पुणे को जीत के लिए 23 रन की दरकार. स्ट्राइक धोनी के हाथों में और गेंद अक्षर पटेल के. पहली गेंद पर धोनी ने शॉट खेला लेकिन रन नहीं भागे, अगली गेंद वाइड. अब 5 गेंदों पर चाहिए थे 22 रन, अगली गेंद धोनी ने छह रन के लिए स्टैंड में पहुंचा दी. अब टारगेट हो गया 4 गेंदों में 16 रन का. लेकिन अगली गेंद पर जोरदार शॉट लगाने के बावजूद धोनी को कोई रन नहीं मिला, टारगेट 3 गेंदों में 16 रन हो गया. अगली गेंद पर धोनी ने बाउंड्री जड़ दी. अब 2 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे.
पांचवीं गेंद पर धोनी ने छक्का जड़कर फैंस को रोमांचित कर दिया. आखिरी गेंद पर छह रन चाहिए था और धोनी ने अपना यादगार हेलिकॉप्टर शॉट खेलते हुए गेंद को स्टैंड में पहुंचा दिया. पुणे की टीम खुशी से उछल पड़ी, पंजाब की टीम हतप्रभ रह गई, लाखों फैंस धोनी-धोनी चिल्ला-चिल्ला उठे. धोनी हल्का सा मुस्कुराए और दूसरे छोर पर मौजूद अश्विन को गले से लगा लिया. ये मुस्कुराहट आईपीएल से बाहर होने के बावजूद एक यादगार जीत के साथ विदाई से भी कुछ ज्यादा था. 173 रन के टारगेट के जवाब में धोनी ने 32 गेंदों पर 4 चौकों और 5 छक्कों की मदद से नाबाद 64 रन ठोक दिए.
धोनी की पिक्चर अभी बाकी है!
धोनी द्वारा आखिरी ओवर में खेली गई इस पारी को इस आईपीएल की बेस्ट फिनिश कहा जा रहा है. आखिरकार इस पारी ने दिखाया कि दुनिया का बेस्ट फिनिशर अभी फिनिश नहीं हुआ है. भले ही अब लोग रन चेज के मामले में सिर्फ विराट कोहली का नाम ले रहे हों लेकिन इस पारी ने साबित किया कि मैच फिनिश करने में धोनी का जवाब नहीं है.
इस पारी ने उन आलोचकों को भी करारा जवाब दिया है जो वर्ल्ड टी20 के सेमीफाइनल में हार और अब आईपीए में पुणे की टीम के खराब प्रदर्शन के बाद धोनी युग बीतने की चर्चा शुरू कर दी था. इन आलोचकों ने 2019 के वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए सीमित ओवरों की कप्तानी भी विराट कोहली को देने की वकालत शुरू कर दी है. जाहिर सी बात है कि इसके बाद धोनी को टीम से निकाले जाने की चर्चा शुरू होती. लेकिन इसके पहले ही धोनी ने पंजाब के खिलाफ धमाकेदार पारी से साबित कर दिया कि अब भी उनमें बहुत दम-खम बाकी है.
देखें वीडियोः आखिरी ओवर में धोनी ने कैसे दिलाई पुणे को धमाकेदार जीत (देखने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें )
क्या होगा महेंद्र सिंह धोनी का भविष्य?
हाल ही में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सीमित ओवरों के मैचों की भी कप्तानी कोहली को दिए जाने की वकालत करते हुए कहा था कि चयनकर्ताओं को ये सोचना होगा कि क्या धोनी में चार साल और खेलने और कप्तानी करने का माद्दा है. गांगुली ने कहा था कि अगर धोनी 2019 के वर्ल्ड कप में भी कप्तानी करते हैं तो उन्हें हैरानी होगी. इसलिए भविष्य को देखते हुए जल्द से जल्द सीमित ओवरों की कप्तानी भी विराट को सौंप देनी चाहिए. हालांकि गांगुली ने ये माना कि एक खिलाड़ी के तौर पर अब भी टीम को धोनी की जरूरत है.
गांगुली की सलाह सुनने में भले ही अच्छी लगे लेकिन सच तो ये है कि एक कप्तान के कप्तानी से हटने के बाद अपने जूनियर की कप्तानी में खेलने के अतीत के उदाहरण बहुत उत्साहजनक नहीं रहे हैं. ऐसे में शायद ही धोनी कोहली की कप्तानी में खेलें.
तो सवाल ये कि क्या धोनी 2019 तक कप्तान बने रहेंगे? या फिर कप्तानी कोहली के हाथों में दी जाएगी और धोनी एक विकेटकीपर बल्लेबाज की तरह कोहली के नेतृत्व में खेलेंगे. 2015 के वर्ल्ड कप में हारने के बाद कयास यही लगाए गए थे कि धोनी 2016 के टी20 वर्ल्ड कप के बाद कप्तानी से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यानी अभी धोनी कप्तानी भी करना चाहते हैं और खेलना भी चाहते हैं.
वर्ल्ड कप में अभी तीन साल का लंबा वक्त है, ऐसे में धोनी शायद ही अगले वर्ल्ड कप तक कप्तानी करें. इसका मतलब ये भी है कि वो अगले वर्ल्ड कप में न नजर आए. कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी का ज्यादा दिन तक विराट के नेतृत्व में खेलना मुश्किल लगता है, जैसाकि उन्होंने टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के समय संन्यास लेकर किया था.
धोनी इस 7 जुलाई को 35 साल के हो जाएंगे, यानी इस शानदार क्रिकेटर का करियर अंत की ओर है, इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन पुणे के खिलाफ खेली गई पारी के बाद उनके जाने से ज्यादा चर्चा टीम इंडिया के लिए ऐसी ही और पारियां खेलने के लिए होनी चाहिए. आखिर धोनी को हर कोई ऐसे मैच फिनिश करते ही तो देखना चाहता है!
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