बुधवार को युजवेंद्र चहल ने बेंगलुरू में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी कर सभी भारतीयों का दिल जीत लिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 40 साल पहले यजुर्वेंद्र नाम के एक और भारतीय क्रिकेटर ने अपने पहले टेस्ट मैच में ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बराबर करने का वो कारनामा किया, जो आज तक उनके नाम बरकरार है. उस क्रिकेटर का पूरा नाम है यजुर्वेंद्र सिंह.
यजुर्वेंद्र सिंह और उनके वर्ल्ड रिकॉर्ड पर आने से पहले थोड़ी बात युजवेंद्र चहल की. चहल ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को खेले गए मैच में अपने चार ओवर के कोटे में 25 रन देकर 6 विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी. चहल के इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने ना सिर्फ ये मैच जीता बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज भी 2-1 से अपने नाम कर ली.
ये अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. जहां तक दुनिया की बात की जाए तो चहल से पहले अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में श्रीलंका के स्पिनर अजंता मेंडिस ने ही एक पारी में 6 विकेट लिए हैं. वो भी एक बार नहीं दो बार. मेंडिस ने सितंबर 2012 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 रन देकर 6 विकेट लिए थे. इससे पहले अगस्त 2011 में मेंडिस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मैच में 16 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे.
अब बात करते हैं यजुर्वेंद्र सिंह की. यजुवेंद्र अब 65 साल के हैं. 1977 में उन्होंने इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज में बेंगलुरु में खेले गए टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था.
यजुर्वेंद्र ने अपने पहले टेस्ट में ही फील्डिंग करते...
बुधवार को युजवेंद्र चहल ने बेंगलुरू में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी कर सभी भारतीयों का दिल जीत लिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 40 साल पहले यजुर्वेंद्र नाम के एक और भारतीय क्रिकेटर ने अपने पहले टेस्ट मैच में ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बराबर करने का वो कारनामा किया, जो आज तक उनके नाम बरकरार है. उस क्रिकेटर का पूरा नाम है यजुर्वेंद्र सिंह.
यजुर्वेंद्र सिंह और उनके वर्ल्ड रिकॉर्ड पर आने से पहले थोड़ी बात युजवेंद्र चहल की. चहल ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को खेले गए मैच में अपने चार ओवर के कोटे में 25 रन देकर 6 विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी. चहल के इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने ना सिर्फ ये मैच जीता बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज भी 2-1 से अपने नाम कर ली.
ये अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. जहां तक दुनिया की बात की जाए तो चहल से पहले अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में श्रीलंका के स्पिनर अजंता मेंडिस ने ही एक पारी में 6 विकेट लिए हैं. वो भी एक बार नहीं दो बार. मेंडिस ने सितंबर 2012 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 रन देकर 6 विकेट लिए थे. इससे पहले अगस्त 2011 में मेंडिस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मैच में 16 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे.
अब बात करते हैं यजुर्वेंद्र सिंह की. यजुवेंद्र अब 65 साल के हैं. 1977 में उन्होंने इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज में बेंगलुरु में खेले गए टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था.
यजुर्वेंद्र ने अपने पहले टेस्ट में ही फील्डिंग करते हुए दो वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की बराबरी कर डाली. सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में बिलखा शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले यजुर्वेंद्र ने उस टेस्ट मैच में इंग्लैंड की पहली इनिंग्स में 5 कैच लिए. फिर दूसरी इनिंग्स में भी यजुर्वेंद्र ने 2 कैच लिए. इस तरह उन्होंने उस टेस्ट मैच में कुल 7 कैच लिए.
यजुर्वेंद्र ने फील्डर के नाते एक इनिंग्स में 5 कैच लेकर ऑस्ट्रेलिया के विक रिचर्डसन के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की. रिचर्डसन ने ये रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1935-36 में खेली गई सीरीज के एक टेस्ट में बनाया था. जहां तक एक मैच में फील्डर की ओर से 7 कैच पकड़ने का सवाल है तो यजुर्वेंद्र ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल की बराबरी की. ग्रेग चैपल ने 1974-75 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ये रिकॉर्ड बनाया था. संयोग से ग्रेग चैपल एक इनिंग्स में 5 कैच लेने वाले विक रिचर्डसन के ही पोते हैं.
यजुर्वेंद्र ने 1977 में इन दोनों वर्ल्ड रिकार्ड्स की बराबरी की. तब से अब तक 40 साल हो गए हैं लेकिन कोई भी क्रिकेटर उस रिकॉर्ड को ना तो तोड़ पाया है और ना ही उसकी बराबरी कर पाया है.
ये बात अलग है कि यजुर्वेंद्र का अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा नहीं चल सका. उन्होंने सिर्फ 4 टेस्ट खेले जिसमें 18.16 के औसत से उन्होंने 109 रन बनाए. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 43 नाबाद रहा. उन्होंने 11 कैच भी लपके.
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