इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुआ विश्व कप फाइनल खत्म होने के बाद खूब सुर्खियां बटोर रहा है सवाल उस बात को लेकर उठ रहे हैं कि आखिर इंग्लैंड को जिस तरह से जीत का तमगा दे दिया गया, वह सही है या नहीं. दोनों ही टीमों ने फाइनल मैच में 50-50 ओवर खेले, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला और मैच टाई हो गया. ऐसी स्थिति के लिए सुपर ओवर की व्यवस्था होती है, जिसमें दोनों टीमें एक-एक ओवर खेलती हैं. लेकिन इसके बाद भी मैच टाई ही रहा. हालांकि, आईसीसी के नियम के अनुसार अधिक बाउंड्री होने के चलते इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया. अब एक बहस को आईसीसी के इस बाउंड्री वाले नियम पर हो रही है और दूसरी बहस हो रही है बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर गई बाउंड्री पर.
दरअसल, 50वें ओवर के दौरान रन लेते समय क्रीज तक पहुंचने के लिए बेन स्टोक्स ने डाइव मारी थी, लेकिन उनका बल्ला विकेट की ओर फेंकी गई बॉल पर लग गया और बॉल बाउंड्री लाइन के पार जा पहुंची. यानी जिस गेंद पर 2 रन मिलने वाले थे, उस पर इंग्लैंड को 6 रन मिल गए. अब सवाल ये उठ रहा है कि इस गेंद पर कितने रन मिलने चाहिए थे. 2, क्योंकि बॉल तो गलती से बैट पर लगकर गई? या 6, क्योंकि दो रन लिए और चौक्का लग गया. या फिर सिर्फ 5, क्योंकि क्रिकेट के नियम कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं.
सिर्फ 5 रन मिलने के पीछे का नियम भी समझिए
ओवरथ्रो से जुड़े नियम 19.8 के अनुसार तो यही लग रहा है कि इंग्लैंड को 6 नहीं, बल्कि 5 रन दिए जाने चाहिए थे. इस नियम के अनुसार अगर ओवरथ्रो या फिर फील्डर की वजह से कोई बाउंड्री जाती है तो उसमें बल्लेबाजों द्वारा पूरे किए गए रन, जो रन ले रहे हैं अगर वो पूरा हो गया हो तो वो रन और बाउंड्री का रन जुड़ता है. अब यहां गौर करने की बात ये है कि जब मार्टिन गप्टिल ने गेंद फेंकी तो बेन स्टोक्स और आदिल राशिद ने पहला रन तो पूरा कर लिया था, लेकिन दूसरा रन पूरा करने से पहले ही स्टोक्स के बल्ले से गेंद लग कर बाउंड्री पार चली गई. यानी इस तरह तो सिर्फ 5 रन ही बनते हैं, लेकिन इंग्लैंड को मिल गए 6 रन. वैसे...
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुआ विश्व कप फाइनल खत्म होने के बाद खूब सुर्खियां बटोर रहा है सवाल उस बात को लेकर उठ रहे हैं कि आखिर इंग्लैंड को जिस तरह से जीत का तमगा दे दिया गया, वह सही है या नहीं. दोनों ही टीमों ने फाइनल मैच में 50-50 ओवर खेले, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला और मैच टाई हो गया. ऐसी स्थिति के लिए सुपर ओवर की व्यवस्था होती है, जिसमें दोनों टीमें एक-एक ओवर खेलती हैं. लेकिन इसके बाद भी मैच टाई ही रहा. हालांकि, आईसीसी के नियम के अनुसार अधिक बाउंड्री होने के चलते इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया. अब एक बहस को आईसीसी के इस बाउंड्री वाले नियम पर हो रही है और दूसरी बहस हो रही है बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर गई बाउंड्री पर.
दरअसल, 50वें ओवर के दौरान रन लेते समय क्रीज तक पहुंचने के लिए बेन स्टोक्स ने डाइव मारी थी, लेकिन उनका बल्ला विकेट की ओर फेंकी गई बॉल पर लग गया और बॉल बाउंड्री लाइन के पार जा पहुंची. यानी जिस गेंद पर 2 रन मिलने वाले थे, उस पर इंग्लैंड को 6 रन मिल गए. अब सवाल ये उठ रहा है कि इस गेंद पर कितने रन मिलने चाहिए थे. 2, क्योंकि बॉल तो गलती से बैट पर लगकर गई? या 6, क्योंकि दो रन लिए और चौक्का लग गया. या फिर सिर्फ 5, क्योंकि क्रिकेट के नियम कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं.
सिर्फ 5 रन मिलने के पीछे का नियम भी समझिए
ओवरथ्रो से जुड़े नियम 19.8 के अनुसार तो यही लग रहा है कि इंग्लैंड को 6 नहीं, बल्कि 5 रन दिए जाने चाहिए थे. इस नियम के अनुसार अगर ओवरथ्रो या फिर फील्डर की वजह से कोई बाउंड्री जाती है तो उसमें बल्लेबाजों द्वारा पूरे किए गए रन, जो रन ले रहे हैं अगर वो पूरा हो गया हो तो वो रन और बाउंड्री का रन जुड़ता है. अब यहां गौर करने की बात ये है कि जब मार्टिन गप्टिल ने गेंद फेंकी तो बेन स्टोक्स और आदिल राशिद ने पहला रन तो पूरा कर लिया था, लेकिन दूसरा रन पूरा करने से पहले ही स्टोक्स के बल्ले से गेंद लग कर बाउंड्री पार चली गई. यानी इस तरह तो सिर्फ 5 रन ही बनते हैं, लेकिन इंग्लैंड को मिल गए 6 रन. वैसे देखा जाए तो ये नियम अपने आप में भी धुंधला सा है. जिस एक्शन की बात इस नियम में की गई है वह फील्डर का है या फिर बॉल का यह स्पष्ट नहीं है. साथ ही इस नियम में बल्लेबाज की ओर से किए गए एक्शन की कोई बात नहीं की गई है.
अंपायर्स से हुई गलती
एक पूर्व अंपायर और एमसीसी लॉ सब कमेटी के सदस्य सिमॉन तौफेल के अनुसार यह अंपायर्स की ओर से हुई गलती है. वह कहते हैं- यह साफ-साफ एक गलती है. यह निर्णय में हुई एक भूल है. उस समय मैदान पर जो चल रहा था, उन्हें लगा कि जब गेंद फेंकी गई तो बल्लेबाजों ने अपना रन पूरा कर लिया होगा.
इस फैसले को सही साबित करते हुए एक यह भी तर्क दिया जा रहा है कि अंपायर को रन पूरा कर रहे बल्लेबाज को भी देखना होता है और साथ ही बॉल को पकड़कर फेंकना देखना होता है. ऐसे में एक ही अंपायर दो तरफ कैसे देख सकता है. वैसे तो अभी तक इस मामले पर आईसीसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन जो तर्क सामने आ रहा है वह भी सवालिया निशान लगाने वाला है. यह तर्क उन पुराने दिनों में तो मान भी लिया जाता जब आज जैसे हाईटेक कैमरे नहीं थे. आज के समय में तो हर सीन, हर बॉल, हर एक्शन को कई बार अलग-अलग एंगल से रिप्ले कर के देखा जा सकता है. धीमी से धीमी आवाज को सुनने वाले माइक मौजूद हैं. आखिर ऐसे दौर में ये तर्क कहां ठहरता है कि अंपायर क्या-क्या देखेगा? खैर, अंपायर ने जो किया, उससे इंग्लैंड ने पहली बार वर्ल्ड कप तो जीत लिया, लेकिन बेन स्टोक्स के बल्ले से लगी गेंद को लेकर जो बहस छिड़ गई है, उस पर आईसीसी की ओर से बयान आना अभी बाकी है.
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