फीफा विश्व कप के 22वें संस्करण का आगाज हो चुका है. भारत में भी फुटबॉल के दीवाने अपनी अपनी पसंदीदा टीमों के अच्छे प्रदर्शन के लिए आशान्वित हैं. केरल और गोवा जैसे राज्यों में यह दीवानगी सर चढ़कर बोल रही है. इस प्रतियोगिता में 32 टीमें भाग ले रही हैं जिनमें एशिया की 6 टीमें भी शामिल हैं. फुटबॉल विश्व कप 2022 में भारतीय फुटबॉल टीम को न खेलते देखना वाकई दुखद है.
कैसी विडम्बना है कि एशिया की सबसे पुरानी टीमों में से एक टीम केवल एक बार ही इस प्रतियोगिता के लिए 1950 में क्वालीफाई कर सकी. वह भी तब जब अन्य प्रतिभागी टीमों ने नाम वापस लिए और भारतीय टीम अभ्यास की कमी, आर्थिक तंगी या नंगे पैर खेलने की इजाजत नही मिलने जैसे कारणों से फीफा विश्व कप में पदार्पण करने से वंचित रह गई.
यह प्रतियोगिता उस समय शुरू हुई है जब वित्तीय अनियमितता और मैच फिक्सिंग जैसे कारणों से आई-लीग से जुड़े 5 क्लब सीबीआई जांच के घेरे में हैं. इस साल की शुरुआत में गोवा प्रो लीग के 6 मैचों में सट्टेबाजी पाई गई थी, जो मैच फिक्सिंग का बड़ा संकेत था. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर हाल ही में फीफा द्वारा प्रतिबंध लगाया गया यह अलग बात है यह बाद में हटा भी लिया गया ऐसी घटनाएं भारतीय फुटबॉल के भविष्य को लेकर तमाम आशंकाएं जगाती हैं.
अब समय आ गया है, भारतीय फुटबॉल की सीनियर, जूनियर वर्ग की महिला, पुरुष टीमों के लिए नियमित रूप से टॉप रैंकिंग की टीमों के साथ मैत्री मैच आयोजित किए जाएं और प्रतिष्ठित विदेशी फुटबॉल क्लबों या स्टार खिलाड़ियों के साथ खेलने के ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें ताकि फुटबॉल जगत में वैश्विक पहचान बनाने के लिए आवश्यक कौशल, दवाब झेलने की क्षमता...
फीफा विश्व कप के 22वें संस्करण का आगाज हो चुका है. भारत में भी फुटबॉल के दीवाने अपनी अपनी पसंदीदा टीमों के अच्छे प्रदर्शन के लिए आशान्वित हैं. केरल और गोवा जैसे राज्यों में यह दीवानगी सर चढ़कर बोल रही है. इस प्रतियोगिता में 32 टीमें भाग ले रही हैं जिनमें एशिया की 6 टीमें भी शामिल हैं. फुटबॉल विश्व कप 2022 में भारतीय फुटबॉल टीम को न खेलते देखना वाकई दुखद है.
कैसी विडम्बना है कि एशिया की सबसे पुरानी टीमों में से एक टीम केवल एक बार ही इस प्रतियोगिता के लिए 1950 में क्वालीफाई कर सकी. वह भी तब जब अन्य प्रतिभागी टीमों ने नाम वापस लिए और भारतीय टीम अभ्यास की कमी, आर्थिक तंगी या नंगे पैर खेलने की इजाजत नही मिलने जैसे कारणों से फीफा विश्व कप में पदार्पण करने से वंचित रह गई.
यह प्रतियोगिता उस समय शुरू हुई है जब वित्तीय अनियमितता और मैच फिक्सिंग जैसे कारणों से आई-लीग से जुड़े 5 क्लब सीबीआई जांच के घेरे में हैं. इस साल की शुरुआत में गोवा प्रो लीग के 6 मैचों में सट्टेबाजी पाई गई थी, जो मैच फिक्सिंग का बड़ा संकेत था. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर हाल ही में फीफा द्वारा प्रतिबंध लगाया गया यह अलग बात है यह बाद में हटा भी लिया गया ऐसी घटनाएं भारतीय फुटबॉल के भविष्य को लेकर तमाम आशंकाएं जगाती हैं.
अब समय आ गया है, भारतीय फुटबॉल की सीनियर, जूनियर वर्ग की महिला, पुरुष टीमों के लिए नियमित रूप से टॉप रैंकिंग की टीमों के साथ मैत्री मैच आयोजित किए जाएं और प्रतिष्ठित विदेशी फुटबॉल क्लबों या स्टार खिलाड़ियों के साथ खेलने के ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें ताकि फुटबॉल जगत में वैश्विक पहचान बनाने के लिए आवश्यक कौशल, दवाब झेलने की क्षमता का विकास और अनुभव हासिल हो सके.
साथ ही भारत सरकार और उन राज्यों जहां फुटबॉल को अन्य खेलों से अधिक तरजीह और समर्थन मिलता है उनकी सरकारों को स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि सुविधाओं पर ध्यान देना होगा ताकि अधिक से अधिक युवा उज्जवल भविष्य की उम्मीद में फुटबॉल जैसे खेलों से जुड़ें.
उम्मीद है कि भारतीय फुटबॉल टीम अगले विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी करेगी और अपने जुझारू और दमदार प्रदर्शन से विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ने में सफल भी होगी.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.