भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने इंडियन प्रीमियर लीग 2021 (IPL 2021) से विदेशी खिलाड़ियों का मोह भंग शुरू कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाड़ियों ने लीग से अपना नाम वापस ले लिया है. कोरोना की बेकाबू रफ्तार ने विदेशी खिलाड़ियों की चिंता बढ़ा दी है और संभावना जताई जा रही है कि कई अन्य ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी लीग को अलविदा कह सकते हैं. भारत के अनुभवी स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने भी परिवार के एक सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर लीग से ब्रेक ले लिया है. सुरक्षित और कड़ा बायो बबल होने के बावजूद विदेशी खिलाड़ियों का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से दूरी बनाना चौंकाता है. लेकिन, इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आईपीएल पर भी कोरोना संकट के बादल गहरा सकते हैं. सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर क्यों बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच भी आईपीएल को जारी रखा हुआ है?
IPL शुरू होने से पहले ही संक्रमित हुए थे कई खिलाड़ी और स्टाफ
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि आईपीएल जारी रहेगा. कोई इसे छोड़कर जाना चाहता है, तो कोई हर्ज नहीं है. हजारों करोड़ की स्पॉनसरशिप से चल रही ये भारतीय क्रिकेट लीग इस साल अपनी शुरुआत से पहले ही कोरोना की चपेट में आ गई थी. आईपीएल शुरू होने से पहले चार खिलाड़ी और एक टीम कंसल्टेंट कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो गए थे. वहीं, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ़ के दस लोग भी कोरोना संक्रमित मिले थे. हालांकि, अब ये सभी लोग संक्रमण से उबर कर टीम में वापसी कर चुके हैं. महाराष्ट्र में जहां सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं, वहां के वानखेड़े स्टेडियम में लगातार मैच खेले जा रहे हैं. कमोबेश जिन राज्यों में आईपीएल के मैचों का आयोजन हो रहा है, वहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ ही रहे हैं.
आईपीएल का आयोजन एक कड़े बायो बबल में किया जा रहा है, लेकिन किसी भी खिलाड़ी की एक अनचाही गलती इसे तार-तार कर देगी.
'बबल फटीग' दे सकता है कोरोना को निमंत्रण
आईपीएल का आयोजन एक कड़े बायो बबल में किया जा रहा है, लेकिन किसी भी खिलाड़ी की एक अनचाही गलती इसे तार-तार कर देगी. ऐसे समय में जब खबरें हैं कि कोरोना हवा में भी फैल रहा है. आईपीएल का आयोजन खतरे की घंटी है. आईपीएल में खेल रही आठ टीमों के करीब 200 खिलाड़ी बायो बबल में रह रहे हैं. इन खिलाड़ियों के साथ ही सपोर्टिंग स्टाफ, टीम प्रबंधन स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ, कैटरिंग स्टाफ समेत सैकड़ों लोग इस बबल में रह रहे हैं. भारत में जिस तरह से स्थितियां भयावह होती जा रही हैं, बहुत जल्द ही कई अन्य देशों के खिलाड़ी भी यह लीग छोड़कर अपने देश वापस जा सकते हैं. आईपीएल छोड़ने वाले विदेशी खिलाड़ियों ने 'बबल फटीग' को इसका कारण बताया है. ये सभी खिलाड़ी लंबे समय से बायो बबल में हैं और लगातार बायो बबल में रहने की वजह से थक चुके हैं. खिलाड़ियों पर बायो बबल में बने रहने का भीषण दबाव भी उन्हें लीग छोड़ने पर मजबूर कर रहा है.
बीसीसीआई और केंद्र सरकार को होगा आर्थिक नुकसान
अगर आईपीएल को रद्द किया जाता, तो बीसीसीआई को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता. लेकिन, केवल आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े, इस वजह से सैकड़ों लोगों की जिंदगी को खतरे में क्यों डाला जा रहा है, यह बात समझ से परे हैं. दरअसल, आईपीएल की वजह से सरकार को करोड़ों रुपये के टैक्स का कलेक्शन मिलता है. क्रिकेट में सट्टेबाजी को लीगल बनाने वाली दर्जनों एप और बेवसाइट जीत की रकम पर कमीशन के साथ ही टैक्स काटती हैं, जो सीधा सरकार के खाते में जाता है. कहना गलत नहीं होगा कि बीसीसीआई और केंद्र सरकार ने महज पैसों के लिए ही आईपीएल को नहीं टालने का फैसला लिया था. ठीक पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों की तरह, जहां संक्रमण का खतरा बने रहने के बाद भी चुनावी रैलियां चलती रहीं.
रोड सेफ्टी सीरीज में तेंडुलकर भी हुए थे कोरोना संक्रमित
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से कई देशों ने यहां से भारतीय विमान सेवाओं पर रोक लगा दी है. ऑस्ट्रलिया ने भी हवाई सेवा में 30 फीसदी तक कटौती कर दी है. भारत से हवाई यात्राओं पर प्रतिबंध और स्वदेश वापसी पर क्वारेंटाइन का डर खिलाड़ियों को आईपीएल से हटने पर मजबूर कर रहा है. मार्च में आईपीएल से पहले भारत में हुई रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज भी कोरोना संक्रमण के साये में आ गई थी. फाइनल मैच के बाद सचिन तेंडुलकर, इरफान पठान समेत चार खिलाड़ी कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इस स्थिति में यह कहना गलत नहीं होगा कि आईपीएल के खत्म होने तक यह एक बड़ा कोरोना बम साबित हो सकता है. किसी भी एक खिलाड़ी की छोटी सी गलती इस आयोजन को किसी भी समय कोरोना संक्रमण से बर्बाद कर सकती है.
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