क्रिकेट के चाहने वालों को 4 सालों से जिस पल का इंतजार था, अब वह आ चुका है. वर्ल्ड कप चैंपियनशिप (ICC World Cup 2019) की शुरुआत हो गई है, जो 14 जुलाई तक चलेगा. टीमों के बीच में वार्म अप मैच भी खेले जा रहे हैं. वर्ल्ड कप में 10 टीमें एक दूसरे से भिड़ेंगी. 11 स्टेडियम में 46 दिनों में 48 मैच खेले जाएंगे. टॉप-4 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी और जो बेस्ट होगा, वर्ल्ड कप की चमचमाती ट्रॉफी उसकी. हर टीम इस ट्रॉफी को घर ले जाना चाहेगी, लेकिन ये किसके हाथ आएगी, अभी तो इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है.
विराट कोहली से लोगों को उम्मीदें भी काफी विराट हैं. ऐसे में कोहली पर थोड़ा दबाव तो होगा, लेकिन उनका साथ देने के लिए टीम में धोनी भी हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि विराट कोहली और धोनी मिलकर इस बार वर्ल्ड कप भारत ला पाते हैं या नहीं. इसकी वजह ये है कि वर्ल्ड कप में एक दूसरे से टकरा रही टीमें एक से बढ़कर एक हैं. भले ही भारत दुनिया की नंबर-1 टीम है, लेकिन मैच में कब नंबरों का खेल बदल जाए, कहा नहीं जा सकता. खैर, वर्ल्ड कप की ट्रॉफी किसे मिलेगी, ये तो 14 जुलाई को पता चलेगा, लेकिन उससे पहले आइए एक नजर डालते हैं कुछ आंकड़ों पर और जानने की कोशिश करते हैं कि इस बार के वर्ल्ड कप में कौन जीत सकता है.
5 जून: India vs South Africa
वर्ल्ड कप का पहला मैच दुनिया की नंबर-2 और नंबर-3 टीम के बीच हो रहा है. यानी भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हो रहा है. ये मैच Southampton के Hampshire Bowl में होगा. आज तक वर्ल्ड कप 4 बार भारत और दक्षिण अफ्रीका का सामना हुआ है, जिसमें से 3 बार भारत हार गया है. यानी वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के साथ...
क्रिकेट के चाहने वालों को 4 सालों से जिस पल का इंतजार था, अब वह आ चुका है. वर्ल्ड कप चैंपियनशिप (ICC World Cup 2019) की शुरुआत हो गई है, जो 14 जुलाई तक चलेगा. टीमों के बीच में वार्म अप मैच भी खेले जा रहे हैं. वर्ल्ड कप में 10 टीमें एक दूसरे से भिड़ेंगी. 11 स्टेडियम में 46 दिनों में 48 मैच खेले जाएंगे. टॉप-4 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी और जो बेस्ट होगा, वर्ल्ड कप की चमचमाती ट्रॉफी उसकी. हर टीम इस ट्रॉफी को घर ले जाना चाहेगी, लेकिन ये किसके हाथ आएगी, अभी तो इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है.
विराट कोहली से लोगों को उम्मीदें भी काफी विराट हैं. ऐसे में कोहली पर थोड़ा दबाव तो होगा, लेकिन उनका साथ देने के लिए टीम में धोनी भी हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि विराट कोहली और धोनी मिलकर इस बार वर्ल्ड कप भारत ला पाते हैं या नहीं. इसकी वजह ये है कि वर्ल्ड कप में एक दूसरे से टकरा रही टीमें एक से बढ़कर एक हैं. भले ही भारत दुनिया की नंबर-1 टीम है, लेकिन मैच में कब नंबरों का खेल बदल जाए, कहा नहीं जा सकता. खैर, वर्ल्ड कप की ट्रॉफी किसे मिलेगी, ये तो 14 जुलाई को पता चलेगा, लेकिन उससे पहले आइए एक नजर डालते हैं कुछ आंकड़ों पर और जानने की कोशिश करते हैं कि इस बार के वर्ल्ड कप में कौन जीत सकता है.
5 जून: India vs South Africa
वर्ल्ड कप का पहला मैच दुनिया की नंबर-2 और नंबर-3 टीम के बीच हो रहा है. यानी भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हो रहा है. ये मैच Southampton के Hampshire Bowl में होगा. आज तक वर्ल्ड कप 4 बार भारत और दक्षिण अफ्रीका का सामना हुआ है, जिसमें से 3 बार भारत हार गया है. यानी वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेलने के मामले में भारत का स्ट्राइक रेट 25 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर 2015 के वर्ल्ड कप के बाद से अब तक इन दोनों टीमों के बीच 12 मैच हुए हैं, जिनमें से 8 भारत जीता और 4 दक्षिण अफ्रीका. इस तरह यहां भारत का स्ट्राइक रेट 67 फीसदी है.
भारत के लिए दक्षिण अफ्रीका से टक्कर लेना काफी मुश्किल होता है, लेकिन पिछले ही साल हमने उसे 5-1 से हराया है. विराट कोहली की बल्लेबाजी के साथ-साथ कुलदीप और चहल की गेंदबाजी ने उन्हें घुटनों पर ला दिया था. ऐसे में भारत भले ही थोड़े दबाव में खेले, लेकिन आत्मविश्वास की कमी नहीं रहेगी.
9 जून: India vs Australia
लंदन के The Oval में 9 जून को भारत का मुकाबला देश की पांचवें नंबर की टीम ऑस्ट्रेलिया से होगा. भले ही भारत दूसरे नंबर की टीम हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सामने भारत का प्रदर्शन हमेशा फीका ही रहा है. अब तक वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया से भारत का सामना 11 बार हुआ है, जिसमें से सिर्फ 3 बार ही भारत जीता है. यानी भारत का स्ट्राइक रेट यहां सिर्फ 27 फीसदी है. अगर 2015 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक खेले गए अन्य मैचों की बात करें तो दोनों टीमें कुल 18 बार आमने-सामने आई हैं, जिनमें से 9 मैच भारत जीता और 9 मैच ऑस्ट्रेलिया. यानी यहां स्ट्राइक रेट 50 फीसदी है.
ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत जब भी मैदान में उतरता है तो दोनों ही टीमों के बीच तगड़ी टक्कर होती है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी सिर्फ मैदान पर नहीं खेलते, बल्कि खिलाड़ियों के साथ एक माइंड गेम भी खेलते हैं. उनकी पूरी कोशिश रहती है कि किस तरह खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ा जाए. हालांकि, पिछले कुछ मैचों में तो भारत ने भी ऑस्ट्रेलिया का जवाब देने में कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि वर्ल्ड कप में दोनों टीमों का मैदान पर प्रदर्शन कैसा रहता है.
13 जून: India vs New Zealand
भारत और न्यूजीलैंड के बीच 13 जून को Nottingham के Trent Bridge में होगा. जब कभी बात न्यूजीलैंड की आती है तो भले ही पहले भारत दबाव में खेलता रहा हो, लेकिन अब न्यूजीलैंड के मुकाबले भारत काफी मजबूत टीम बन चुकी है. अब तक भारत और न्यूजीलैंड के बीच कुल 7 वर्ल्डकप मैच हुए हैं, जिनमें से 3 मैच भारत जीता है और 4 न्यूजीलैंड जीता है. यानी भारत का स्ट्राइक रेट 43 फीसदी है. 2015 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच कुल 13 मैच हुए हैं, जिनमें से 9 मैच भारत जीता है. यानी यहां भारत का स्ट्राइक रेट 69 फीसदी है.
जनवरी में ही हुई वन डे सीरीज में भारत ने न्यूजीलैंड को उसी की जमीन पर 4-1 से हराया था. उसके बाद तो भारत का आत्मविश्वास काफी अधिक बढ़ा हुआ है. हालांकि, मौजूदा समय में वर्ल्ड कप से पहले हो रहे वार्म अप मैच में न्यूजीलैंड ने भारत को बुरी तरह से हराया है, जो खिलाड़ियों का मनोबल कमजोर भी कर सकता है.
16 जून: India vs Pakistan
भारतीयों के लिए वर्ल्ड कप का सबसे अहम मैच होगा 16 जून को Manchester के Old Trafford में होने वाला मैच. ये मैच अहम इसलिए है, क्योंकि इसमें भारत और पाकिस्तान आमने सामने होंगे. अभी तक भारत और पाकिस्तान का मुकाबला वर्ल्ड कप में 6 बार हुआ है और हर बार भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई है. यानी भारत का स्ट्राइक रेट 100 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर, 2015 के वर्ल्ड कप के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कुल 4 मैच हुए हैं, जिनमें से भी 3 भारत ही जीता है. इसी के साथ भारत का स्ट्राइक रेट 75 फीसदी बना हुआ है.
हाल ही में चुनाव खत्म हुए हैं, जिसमें पाकिस्तान एक अहम मुद्दा रहा. चुनाव से पहले तो यहां तक चर्चा होने लगी थी कि भारत वर्ल्ड कप का ही बहिष्कार कर दे, ताकि पाकिस्तान के साथ मैन ना खेलना पड़े. ये भी बातें हो रही थीं कि पाकिस्तान पर वर्ल्ड कप में खेलने पर बैन लगा दिया जाए. भारत-पाकिस्तान का मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जंग है. भारत वर्ल्डकप हार जाए तो लोगों को इतना दुख नहीं होगा, जितना इस बात पर होगा कि भारत पाकिस्तान से हार गया. यहां तक कि खिलाड़ियों के घरों के सामने प्रदर्शन तक शुरू हो जाते हैं.
22 जून: India vs Afghanistan
भारत और अफगानिस्तान के बीच 22 जून को Southampton के Hampshire Bowl में मैच होना है. भारत और अफगानिस्तान के बीच 2015 के वर्ल्ड कप के बाद सिर्फ एक मैच हुआ है, वो भी टाई हो गया है. वहीं दूसरी ओर किसी भी वर्ल्ड कप मैच में इन दोनों टीमों का आमना-सामना नहीं हुआ है.
अफगानिस्तान से भले ही भारत का आमना-सामना कम हुआ है, लेकिन ये ऐसी टीम है कभी भी बाजी पलट देती है. वैसे भी, अफगानिस्तान से आमना-सामना ना होने की वजह से वहां के खिलाड़ियों के तरीकों को भारत सही से नहीं समझता. ऐसे में अफगानिस्तान से होने वाला मैच जीतना भी भारत के लिए एक चुनौती है. यहां आपको बता दें कि वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान की टीम को अमूल ने स्पॉन्सर किया है. यानी भले ही इन दोनों के मैच में भारत के हारने से पूरा देश दुखी हो, लेकिन अमूल को खुशी होगी.
27 जून: India vs West Indies
वेस्ट इंडीज से भारत का मुकाबला 27 जून को Manchester के Old Trafford में होने वाला है. अभी तक इन दोनों टीमों ने 8 वर्ल्ड कप मैच में एक दूसरे से मुकाबला किया है. इनमें से 5 में भारत ने जीत हासिल की है, जबकि 3 में वेस्ट इंडीज जीता है. इस तरह भारत का स्ट्राइक रेट 62 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर 2015 के वर्ल्ड कप के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच कुल 10 मैच हुए हैं. इनमें से 6 भारत जीता है, 2 टाई हो गए और बाकी के दो वेस्ट इंडीज जीता है. यानी भारत का स्ट्राइक रेट यहां भी 60 फीसदी है.
अगर देखा जाए तो वेस्ट इंडीज के मुकाबले भारत का पलड़ा भारी है, लेकिन ये भी कहना गलत नहीं होगा कि वेस्ट इंडीज भारत को कड़ी टक्कर देता है. वैसे भी, वेस्ट इंडीज की टीम अगर चल जाती है तो मैच को एक अलग ही लेवल पर ले जाती है. भारत जब वेस्ट इंडीज के साथ मैच खेलेगा तो वह अपने स्ट्राइक रेट को देखकर भले ही आत्मविश्वास से लबरेज रहे, लेकिन भारत ये भी अच्छे से समझता है कि वेस्ट इंडीज के खिलाड़ी कितना नुकसान कर सकते हैं.
30 जून: India vs England
ये मुकाबला भारत के सबसे अधिक टेंशन देने वाला है. 30 जून को भारत और इंग्लैंड के बीच Birmingham के Edgbaston में मैच होगा. भारत के लिए ये मुकाबला कड़ा इसलिए रहेगा, क्योंकि उसका सामना दुनिया की नंबर-1 क्रिकेट टीम से होगा. अभी तक भारत और इंग्लैंड का वर्ल्ड कप में कुल 7 बार मुकाबला हुआ है. 3 भारत जीता है और 3 इंग्लैंड. एक मैच टाई हो गया है. यानी दोनों ही देशों का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी है. वहीं 2015 वर्ल्डकप के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच 6 मैच हुए हैं, जिनमें से भी 3 भारत जीता है और 3 इंग्लैंड. यानी यहां भी स्ट्राइक रेट 50 फीसदी.
भारत के लिए इंग्लैंड ही इस वर्ल्ड कप में सबसे भारी टीम होगी. दोनों के ही जीतने की संभावनाएं आधी-आधी हैं. देश की नंबर-1 टीम के साथ खेलना भारत की टीम के लिए दबाव भरा जरूर होगा, लेकिन विराट कोहली का जोश और महेंद्र सिंह धोनी की सूझबूझ वाली रणनीति टीम में दम भरने के लिए काफी है.
2 जुलाई: India vs Bangladesh
भारत और बांग्लादेश के बीच 2 जुलाई को Birmingham के Edgbaston में वर्ल्डकप का मैच होगा. अब तक दोनों देश 3 बार वर्ल्ड कप में मिले हैं, जिनमें से 2 मैच भारत जीता है, जबकि 1 मैच बांग्लादेश जीता है. यानी भारत का स्ट्राइक रेट 67 फीसदी. वहीं दूसरी ओर, 2015 के वर्ल्ड कप के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच कुल 6 मैच हुए हैं, जिनमें से 4 मैच भारत जीता है और 2 बांग्लादेश. यानी यहां भी भारत का स्ट्राइक रेट 67 फीसदी है.
जब भारत और बांग्लादेश की टीमें आमने-सामने होंगी, तो बेशक भारतीय खिलाड़ियों में एक आत्मविश्वास रहेगा. और ऐसा हो भी क्यों नहीं? 67 फीसदी का स्ट्राइक रेट होना आत्मविश्वास बढ़ाने वाला ही होता है.
6 जुलाई: India vs Sri Lanka
श्रीलंका के साथ जब-जब भारत वर्ल्ड कप में भिड़ा है, तो उसके परिणाम अधिकतर समय श्रीलंका के हक में ही रहे हैं. 6 जुलाई को दोनों देशों के बीच Leeds के Headingley में मैच होगा. इससे पहले अब तक भारत और श्रीलंका 8 वर्ल्ड कप मैच साथ खेल चुके हैं, जिनमें से सिर्फ 3 ही भारत जीता है, बाकी के 5 मैच श्रीलंका जीता है. यानी भारत का स्ट्राइक रेट सिर्फ 43 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर, 2015 के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच कुल 9 मैच हुए हैं, जिनमें से 6 भारत जीता और 3 श्रीलंका. यानी यहां भारत का स्ट्राइक रेट अधिक है, जो 78 फीसदी है.
दोनों टीमों का अब तक का प्रदर्शन देखकर ये तो साफ है कि श्रीलंका वर्ल्ड कप में भारत के मुकाबले अच्छा खेलती है, लेकिन बाकी मैचों में भारत ताकतवर रहता है. अब क्योंकि ये वर्ल्ड कप का मुकाबला है तो बेशक भारत थोड़ा दबाव में तो रहेगा.
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