ICC World Cup 2019 के अंतर्गत इंडिया - न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है. मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में खेले जा रहे इस मुकाबले पर यदि गौर करें तो मिलता है कि क्रिकेट प्रेमियों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जिसका मानना है कि यदि आज टीम इंडिया अपना सेमी फाइनल खेल रही है तो इसमें एक बड़ा योगदान मोहम्मद शमी का है. पूर्व के मैचों में शानदार पारी खेलने के बावजूद इंडिया न्यूजीलैंड के मैच में कप्तान कोहली ने शमी को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी है. ज्ञात हो कि शमी को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं करने पर जहां एक तरफ दिग्गज क्रिकेटरों ने कप्तान कोहली की कप्तानी को सवालों के घेरे में रखा है तो वहीं BCCI के इस फैसले से फैंस भी खासे आहत हैं. आगे कुछ और बात करने से पहले हमारे लिए ये बताना बेहद जरूरी है कि इस वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने अपनी परफॉरमेंस से सभी को हैरत में डाल दिया था. इस वर्ल्ड कप में शमी ने 4 मुकाबले खेले हैं जिसमें उन्होंने हैट्रिक सहित कुल 14 विकेट अपने नाम किये हैं. बात इंडिया न्यूजीलैंड मैच और इस मैच में मोहम्मद शमी को बाहर रखने पर हुई है. ऐसी स्थिति में हमारे लिए इस मैच का अवलोकन करना भी बहुत जरूरी है.
इंडिया न्यूजीलैंड के बीच जारी मैच में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतते हुए पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. गेंदबाजी की शुरुआत करने के लिए कप्तान कोहली ने भुवनेश्वर कुमार को मौका दिया. टीम इंडिया की तरफ से गेंदबाजी का स्तर कैसा था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मैच की पहली ही गेंद में एलबीडब्लू कि अपील की गई जिसे खारिज कर दिया गया. भुवनेश्वर कुमार ने अपना पहला ओवर...
ICC World Cup 2019 के अंतर्गत इंडिया - न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है. मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में खेले जा रहे इस मुकाबले पर यदि गौर करें तो मिलता है कि क्रिकेट प्रेमियों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जिसका मानना है कि यदि आज टीम इंडिया अपना सेमी फाइनल खेल रही है तो इसमें एक बड़ा योगदान मोहम्मद शमी का है. पूर्व के मैचों में शानदार पारी खेलने के बावजूद इंडिया न्यूजीलैंड के मैच में कप्तान कोहली ने शमी को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी है. ज्ञात हो कि शमी को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं करने पर जहां एक तरफ दिग्गज क्रिकेटरों ने कप्तान कोहली की कप्तानी को सवालों के घेरे में रखा है तो वहीं BCCI के इस फैसले से फैंस भी खासे आहत हैं. आगे कुछ और बात करने से पहले हमारे लिए ये बताना बेहद जरूरी है कि इस वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने अपनी परफॉरमेंस से सभी को हैरत में डाल दिया था. इस वर्ल्ड कप में शमी ने 4 मुकाबले खेले हैं जिसमें उन्होंने हैट्रिक सहित कुल 14 विकेट अपने नाम किये हैं. बात इंडिया न्यूजीलैंड मैच और इस मैच में मोहम्मद शमी को बाहर रखने पर हुई है. ऐसी स्थिति में हमारे लिए इस मैच का अवलोकन करना भी बहुत जरूरी है.
इंडिया न्यूजीलैंड के बीच जारी मैच में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतते हुए पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. गेंदबाजी की शुरुआत करने के लिए कप्तान कोहली ने भुवनेश्वर कुमार को मौका दिया. टीम इंडिया की तरफ से गेंदबाजी का स्तर कैसा था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मैच की पहली ही गेंद में एलबीडब्लू कि अपील की गई जिसे खारिज कर दिया गया. भुवनेश्वर कुमार ने अपना पहला ओवर मेडेन डाला. भुवनेश्वर के बाद आए बुमराह ने भी ठीक वैसी ही गेंदबाजी की जैसी उम्मीद उनसे की जा रही थी और उनका भी ओवर बिना किसी रन के खत्म हुआ.
बात अगर 10 ओवरों तक न्यूजीलैंड द्वारा खेली पारी की हो तो भुवनेश्वर और बुमराह ने जिस तरह का चक्रव्यू रचा था उसमें न्यूजीलैंड फंसने में कामयाब हुई. स्कोर 27 रन पर एक विकेट रहा. न्यूजीलैंड पर टीम इंडिया का शिकंजा कितना प्रभावी था और पकड़ किस हद तक मजबूत थी इसे हम उस पल से भी समझ सकते हैं जब 20 ओवर हो गए थे और न्यूजीलैंड का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 73 रन था.
गौरतलब है कि इंडिया न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे इस मैच में टीम इंडिया की तरफ से भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या, रविंदर जडेजा और युज्वेंद्र चहल को मौका दिया गया है. जैसा आज का मैच हुआ है और जैसी सभी गेंदबाजों की परफॉरमेंस रही है, साफ कहा जा सकता है कि इनमें से कोई भी ऐसा गेंदबाज नहीं है जिसे हटाकर शमी को डाला जा सके. कह सकते हैं कि जहां एक तरफ भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह टीम की रीढ़ हैं तो वहीं हार्दिक पंड्या, रविंदर जडेजा गेंदबाजी के अलावा उम्दा बैटिंग के लिए भी जाने जाते हैं. चहल ने भले ही मैच में रन दिए हों मगर उन्हें इसलिए भी नहीं हटाया जा सकता क्योंकि टीम को ऐसे मैचों में स्पिनरों की दरकार रहती है.
बात क्योंकि क्रिकेट के दिग्गजों और क्रिकेट फैंस की नाराजगी की है तो ये बताना भी जरूरी हो जाता है कि जैसा मौसम है और जैसी ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम की पिच में नमी है. यदि इंडिया न्यूजीलैंड के बीच चल रहे मैच में शमी खेलते तो लाजमी था की उनकी गेंदे सही दिशा में नहीं जाती और उस परिस्थिति में रन ज्यादा आते जो टीम इंडिया के लिए एक बड़े नुकसान की वजह बन सकते थे. इसलिए ये कहना हमारे लिए अतोश्योक्ति न होगा कि टीम इंडिया और कप्तान कोहली ने मौके की नजाकत को समझा और एक ऐसा फैसला लिया जो सेमी फाइनल जीतने के लिए जरूरी था.
बात चूंकि प्रतिक्रियाओं की चल रही है तो हमारे लिए उन प्रतिक्रियाओं पर भी नजर डाल लेना बहुत जरूरी है जो शमी के बाहर किये जाने के बाद आई हैं.
क्रिकेट से रिटायर हो चुके आकाश चोपड़ा ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया है कि कुलदीप की जगह चहल ठीक है पर शमी का बाहर किया जाना समझ से परे हैं. पांच गेंदबाज होना वाकई एक संभावित चिंता है मगर पहले गेंदबाजी करना खराब भी नहीं है. इंडिया इस संयोजन के साथ अच्छी बल्लेबाजी करेगा.
@LTsnl नाम के यूजर ने लिखा है कि टीम इंडिया जान बुझकर मैच हारना चाहती है इसलिए उसने ऐसा फैसला किया है.
@Abhradip Acharya नाम के यूजर ने भी बीसीसीआई से सवाल पूछा है कि शमी कहां है जो इस पूरे वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला दूसरा खिलाड़ी था. Abhradip ने अपने ट्वीट में इस बात का जिक्र किया है कि विराट साथी खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रहे हैं.
@kmayank9 ने ट्वीट किया है कि टीम विराट ने चुनी है. यदि भारत ये मैच हारता है तो हमें बहुत से सवालों के जवाब देने पड़ेंगे. इस वक़्त टीम से शमी को बाहर करना आत्महत्या करने जैसा है. वो भले ही डेथ ओवर में रन देता हो मगर वही है जो विकेट भी लेता है.
क्रिकेट विश्लेषक @fwildecricket ने इस पूरे मामले पर जो कुछ भी लिखा है उसे कप्तान कोहली और बीसीसीआई को जरूर पढ़ना चाहिए. @fwildecricket ने लिखा है कि इंडिया XI थोड़ी रूढ़िवादी है. कुलदीप और शमी की जगह भुवी और जडेजा को लेकर टीम इंडिया ने बेहतर ऑल-राउंड खिलाड़ियों को चुना है. लेकिन एक ताजा पिच पर जहां ज्यादा रन बने हों वहां ये चयन कभी कभी टीम की मज़बूरी बन जाता है.
बहरहाल भले ही बारिश के कारण मैच रुका हो. मगर जैसा प्रदर्शन टीम इंडिया के गेंदबाजों के किया है. साफ हो गया है कि ये फैसला लेकर कप्तान कोहली ने कोई गलती नहीं की है. अंत में बस इतना ही कि शमी के फैंस को बस इस बात को समझना होगा कि यदि वो इंडिया को फाइनल में खेलते हुए देखना चाहते हैं तो उन्हें भी इस फैसले का स्वागत करना चाहिए. कप्तान और बीसीसीआई ने जो कुछ भी किया है सोच समझकर किया है.
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