न्यूजीलैंड के दौरे पर गई भारतीय टीम ने 10 साल बाद कीवियों के खिलाफ सीरीज में जीत दर्ज कर के एक नया इतिहास रच दिया है. इसी जीत के साथ 2014 की सीरीज में 4-0 की हार का बदला भी ले लिया है. इससे पहले न्यूजीलैंड की धरती पर भारत सिर्फ एक बार 2008-09 में ही वन डे सीरीज जीत सका था. पहले तो विदेशी धरती पर पहुंचते ही भारतीय टीम के खिलाड़ी जैसे हक्के बक्के रह जाते थे. समझ ही नहीं पाते थे कि वहां के मैदान पर कैसे खेला जाए और जब तक समझते थे, तब तक सीरीज हाथ से निकल चुकी होती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इस बार कोहली ब्रिगेड ने कीवियों को उनकी ही धरती पर 'विदेशी' बना दिया.
इसमें कोई दोराय नहीं है कि अपनी धरती पर हर टीम बेहतर प्रदर्शन करती है. अगर न्यूजीलैंड और भारत के बीच हुई पुरानी वन डे सीरीज का इतिहास उठाकर देखा जाए तो भी यही ट्रेंड देखने को मिलता है. न्यूजीलैंड अपनी जमीन पर अधिक मैच जीतती रही, जबकि भारत ने अपनी जमीन पर सबसे अधिक मैच जीते. यानी जब भी कोई टीम विदेश में खेलने पहुंची तो उसकी ताकत कम पड़ गई, लेकिन इस बार भारत ने घर में घुसकर मारा है. भारत ने न्यूजीलैंड को उसी की धरती पर हराया है और कीवियों को अपनी ही धरती पर 'विदेशी' बना दिया है. ये हार भी कोई ऐसी वैसी नहीं है, बल्कि कीवियों को शर्मिन्दा करने वाली है. हर मैच में भारतीय गेंदबाजों ने कीवियों के छक्के छुड़ा दिए, जिसकी वजह से अब तक हुए तीनों मैच में न्यूजीलैंड ऑल आउट हो गई. किसी भी मैच में पूरे ओवर तक नहीं खेल सकी, जबकि भारतीय टीम मैदान पर पैर जमाकर तब तक खेलती रही, जब तक जीत नहीं गई.
इन खिलाड़ियों ने बनाए सबसे अधिक रन
सबसे अधिक रन बनाने वालों की लिस्ट में टॉप-3 तो भारत...
न्यूजीलैंड के दौरे पर गई भारतीय टीम ने 10 साल बाद कीवियों के खिलाफ सीरीज में जीत दर्ज कर के एक नया इतिहास रच दिया है. इसी जीत के साथ 2014 की सीरीज में 4-0 की हार का बदला भी ले लिया है. इससे पहले न्यूजीलैंड की धरती पर भारत सिर्फ एक बार 2008-09 में ही वन डे सीरीज जीत सका था. पहले तो विदेशी धरती पर पहुंचते ही भारतीय टीम के खिलाड़ी जैसे हक्के बक्के रह जाते थे. समझ ही नहीं पाते थे कि वहां के मैदान पर कैसे खेला जाए और जब तक समझते थे, तब तक सीरीज हाथ से निकल चुकी होती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इस बार कोहली ब्रिगेड ने कीवियों को उनकी ही धरती पर 'विदेशी' बना दिया.
इसमें कोई दोराय नहीं है कि अपनी धरती पर हर टीम बेहतर प्रदर्शन करती है. अगर न्यूजीलैंड और भारत के बीच हुई पुरानी वन डे सीरीज का इतिहास उठाकर देखा जाए तो भी यही ट्रेंड देखने को मिलता है. न्यूजीलैंड अपनी जमीन पर अधिक मैच जीतती रही, जबकि भारत ने अपनी जमीन पर सबसे अधिक मैच जीते. यानी जब भी कोई टीम विदेश में खेलने पहुंची तो उसकी ताकत कम पड़ गई, लेकिन इस बार भारत ने घर में घुसकर मारा है. भारत ने न्यूजीलैंड को उसी की धरती पर हराया है और कीवियों को अपनी ही धरती पर 'विदेशी' बना दिया है. ये हार भी कोई ऐसी वैसी नहीं है, बल्कि कीवियों को शर्मिन्दा करने वाली है. हर मैच में भारतीय गेंदबाजों ने कीवियों के छक्के छुड़ा दिए, जिसकी वजह से अब तक हुए तीनों मैच में न्यूजीलैंड ऑल आउट हो गई. किसी भी मैच में पूरे ओवर तक नहीं खेल सकी, जबकि भारतीय टीम मैदान पर पैर जमाकर तब तक खेलती रही, जब तक जीत नहीं गई.
इन खिलाड़ियों ने बनाए सबसे अधिक रन
सबसे अधिक रन बनाने वालों की लिस्ट में टॉप-3 तो भारत के ही हैं. शिखर धवन 169 रनों के साथ पहले नंबर पर हैं, रोहित शर्मा ने 160 रन बनाकर दूसरा स्थान पाया है और तीसरे स्थान पर 148 रन बनाकर विराट कोहली हैं. वैसे अगर देखा जाए तो ये तीनों ही मुख्य खिलाड़ी हैं, जो पूरा मैच अपने कंधों पर उठा लेते हैं. इन तीनों ने मिलकर ही मैच में बने कुल 725 रनों में से 477 रन बनाए हैं. वहीं चौथे और पांचवे नंबर पर न्यूजीलैंड के रॉस टेलर (139) और केन विलियमसन (112) हैं.
भारत ने न्यूजीलैंड के 30 विकेट लिए, जबकि हमारे सिर्फ 9 विकेट गए
अभी तक हुए तीन मैच में भारत को न्यूजीलैंड के सारे 30 विकेट मिल गए, जबकि भारत को सिर्फ 9 विकेट का नुकसान हुआ. इसमें पहले मैच में 2 विकेट, दूसरे मैच में 4 विकेट और तीसरे मैच में 3 विकेट खोकर भारत ने जीत पाई.
तीनों मैच में ऑल आउट हो गए कीवी
बात पहले मैच की हो, दूसरे की हो या तीसरे की, सभी में न्यूजीलैंड ऑल आउट हो गया. पहले मैच में भारत ने सिर्फ 38 ओवर में ही पूरी टीम को आउट कर दिया और 34.5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया. दूसरे मैच में न्यूजीलैंड 40.2 ओवर तक टिक पाया और भारत की ओर से मिले 324 रनों के लक्ष्य तक नहीं पहुंचा. वहीं तीसरे मैच में न्यूजीलैंड की टीम 49 ओवर तक खेली, लेकिन बावजूद इसके हार का मुंह देखना पड़ा. भारत ने 43 ओवर में ही लक्ष्य हासिल करके 7 विकेट से जीत हासिल कर ली.
टॉप गेंदबाजों में भी भारत सबसे ऊपर
सीरीज के तीन मैच देखते हुए अगर टॉप गेंदबाजों की बात करें तो भारत कुलदीप यादव 8 विकेट के साथ सबसे ऊपर हैं, जिन्होंने 168 गेंदों में 103 रन दिए. वहीं दूसरे नंबर पर हैं मोहम्मद शमी, जिन्होंने 126 गेंदों में 103 रन देकर 7 विकेट चटकाए. इनके अलावा तीसरे नंबर पर भारत के यजुवेंद्र चहल हैं, जिन्होंने 170 गेंदों में 146 रन दिए और 6 विकेट लिए. इसके बाद कहीं जाकर चौथे नंबर पर न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट हैं, जिन्होंने 156 गेंदों में 120 रन देकर 4 विकेट लिए हैं. हालांकि, टॉप 5 में सिर्फ एक ही न्यूजीलैंड का खिलाड़ी है, क्योंकि पांचवें नंबर पर भी भारत के भुवनेश्वर कुमार हैं, जिन्होंने 132 गेंदों पर 108 रन देकर 4 विकेट लिए हैं.
गेंदबाजों को मिलना चाहिए इस जीत का क्रेडिट
यूं तो इस जीत में भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों का ही योगदान है, लेकिन इस जीत का क्रेडिट गेंदबाजों को मिलना चाहिए, खासकर कुलदीप यादव को, जिन्होंने अकेले ही 8 विकेट झटके हैं. हालांकि, तीसरे वन डे में वह एक भी विकेट नहीं ले सके, लेकिन फिर भी उन्होंने तीन दिनों में सबसे अधिक विकेट लिए हैं. भारतीय गेंदबाजों की बदौलत ही हर मैच में पूरा ओवर खेलने से पहले ही न्यूजीलैंड को पवेलियन लौटने पर मजबूर होना पड़ा. ये भारतीय गेंदबाज ही हैं, जिन्होंने 5 साल पुरानी बुरी हार का करारा जवाब देने में अहम भूमिका निभाई है.
न्यूजीलैंड और भारत के बीच हो रही वन डे सीरीज के तीन मैच हो चुके हैं और तीनों में भारत ने जीत दर्ज कर के 5 मैच की इस सीरीज पर कब्जा कर लिया है. इस जीत के साथ ही विराट कोहली का कद भी और ऊंचा हो गया है, क्योंकि उनकी कप्तानी में ये न्यूजीलैंड की धरती पर पहली वन डे सीरीज थी. इस मैच के बाद से कोहली छुट्टी पर जा रहे हैं और छुट्टी पर जाते-जाते सीरीज पर कब्जा करने से अच्छा तोहफा उनके लिए और क्या हो सकता है. तीसरे मैच में ही हार्दिक पांड्या की भी एंट्री हुई है, जिन्होंने आते ही एक शानदार कैच लेकर सभी को ये एहसास करा दिया कि भारतीय टीम में उनकी मौजूदगी कितनी जरूरी है.
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