भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने आगामी ऑस्ट्रेलिया के दौरे में डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने से इनकार कर दिया है. कोच रवि शास्त्री का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए भारतीय टीम को 18 महीने के अभ्यास की जरूरत है. टीम प्रबंधन का यह रुख भारतीय टीम और क्रिकेट के लिए नुकसानदायक है. ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड के मैदान पर यह टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव रखा है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के दूसरे मैदानों की तुलना में एडिलेड के मैदान पर भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतर रहा है. अतः भारतीय प्रबंधन नहीं चाहता कि अपने बेहतर प्रदर्शन वाले मैदान पर कोई नया प्रयोग किया जाए.
वर्तमान समय की भारतीय टीम पहले की तुलना ज्यादा परिणाम उन्मुख है. वह ऑस्ट्रेलिया का दौरा सिर्फ खेलने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के लिए जाना चाहती है. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया का क्रिकेट प्रबंधन भारत के इस निर्णय के पीछे एडिलेड में हार का डर बता रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 4 डे-नाइट टेस्ट खेले हैं और उसने चारों में जीत हासिल की है. एडिलेड के मैदान पर ही ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को हराकर अपनी तीन जीत हासिल की है. जबकि चौथी जीत गैबा के मैदान पर पाकिस्तान के विरुद्ध थी.
यह बात तो साफ है कि भारत की तुलना में ऑस्ट्रेलिया के पास डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट का अनुभव भी है और शत प्रतिशत जीत का हौसला भी है. यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया एडिलेड के मैदान पर ही डे-नाइट टेस्ट खेलना चाहता है. ऑस्ट्रेलिया प्रबंधन चतुराई से, अपने अनुभव और मैदान की पकड़ का प्रयोग अपने फ़ायदे में करना चाहता है. लेकिन इसमे भी कोई शक नहीं है कि भारतीय टीम के लिए ये एक सुनहेरा मौका साबित हो सकता है. जब विराट कोहली इंग्लैंड के विरुद्ध होने वाली टेस्ट...
भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने आगामी ऑस्ट्रेलिया के दौरे में डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने से इनकार कर दिया है. कोच रवि शास्त्री का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए भारतीय टीम को 18 महीने के अभ्यास की जरूरत है. टीम प्रबंधन का यह रुख भारतीय टीम और क्रिकेट के लिए नुकसानदायक है. ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड के मैदान पर यह टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव रखा है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के दूसरे मैदानों की तुलना में एडिलेड के मैदान पर भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतर रहा है. अतः भारतीय प्रबंधन नहीं चाहता कि अपने बेहतर प्रदर्शन वाले मैदान पर कोई नया प्रयोग किया जाए.
वर्तमान समय की भारतीय टीम पहले की तुलना ज्यादा परिणाम उन्मुख है. वह ऑस्ट्रेलिया का दौरा सिर्फ खेलने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के लिए जाना चाहती है. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया का क्रिकेट प्रबंधन भारत के इस निर्णय के पीछे एडिलेड में हार का डर बता रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 4 डे-नाइट टेस्ट खेले हैं और उसने चारों में जीत हासिल की है. एडिलेड के मैदान पर ही ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को हराकर अपनी तीन जीत हासिल की है. जबकि चौथी जीत गैबा के मैदान पर पाकिस्तान के विरुद्ध थी.
यह बात तो साफ है कि भारत की तुलना में ऑस्ट्रेलिया के पास डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट का अनुभव भी है और शत प्रतिशत जीत का हौसला भी है. यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया एडिलेड के मैदान पर ही डे-नाइट टेस्ट खेलना चाहता है. ऑस्ट्रेलिया प्रबंधन चतुराई से, अपने अनुभव और मैदान की पकड़ का प्रयोग अपने फ़ायदे में करना चाहता है. लेकिन इसमे भी कोई शक नहीं है कि भारतीय टीम के लिए ये एक सुनहेरा मौका साबित हो सकता है. जब विराट कोहली इंग्लैंड के विरुद्ध होने वाली टेस्ट श्रृंखला में अच्छे प्रदर्शन के लिए पहले जाकर काउंटी क्रिकेट खेल सकते हैं तो भारतीय टीम डे-नाइट क्रिकेट का अभ्यास भारत में क्यों नहीं कर सकती है?
डीआरएस को अपनाने में भारतीय बोर्ड ने बहुत देरी लगाई थी जिसके कारण भारतीय टीम को कई साल अंपायरों के गलत निर्णयों को झेलना पड़ा था. जब भी व्यवस्था में कोई बदलाव आता है तो मानवीय प्रवृति उस बदलाव का विरोध करती ही है, लेकिन जो लोग बदलाव को शीघ्र अपनाते हैं वह ही सफल होते हैं. टेस्ट क्रिकेट वैसे भी धीरे-धीरे कम लोकप्रिय होता जा रहा है. इस स्थिति को सुधारने के लिए ही डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट का विचार सामने आया. यदि डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट का विचार भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को आकर्षित कर गया तो विश्व और भारतीय क्रिकेट दोनों को खूब फायदा होगा. अतः भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया की इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए.
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