India vs Pakistan वर्ल्डकप मैच हो चुका है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया है. इस तरह पाकिस्तान लगातार 7वीं बार भारत से 89 रनों से हार गया है. इस मैच के बाद जहां एक ओर हर भारतीय खुशी का जश्न मनाता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान का एक-एक शख्स अपनी ही टीम के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहा है. और ये गुस्सा जायज भी है. पाकिस्तान की टीम के हारने की वजह ही ऐसी है, जिसका खुलासा इशारों ही इशारों में खुद पाकिस्तान टीम के कप्तान सरफराज अहमद ने कर दिया है. ये वजह है बगावत, जो पाकिस्तान की टीम में पैर पसार चुकी है. इंटरनेट पर एक ऑडियो भी शेयर किया जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान के एक्टर राजू जमील ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की पोल खोली है.
जब भारत के हाथों बुरी तरह हारने के बाद पाकिस्तान की टीम की आलोचना हो रही थी, उसी बीच सरफराज अहमद ने अपनी टीम से ये साफ कह दिया है कि अब अच्छा खेलना हो होगा, क्योंकि वापस पाकिस्तान लौटने वाले वो अकेले नहीं होंगे. उनके इस बयान से साफ हो जाता है कि पाकिस्तान की टीम में गुटबाजी हो चुकी है और कुछ खिलाड़ी बगावती तेवर अपना चुके हैं. खैर, जब बात पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की होती है तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए कि कुछ खिलाड़ियों ने बगावत कर दी है. दरअसल, पाकिस्तान की टीम का इतिहास ही ऐसा रहा है. वहां किसी भी कप्तान को अधिक दिनों तक नहीं रहने दिया जाता है और गुटबाजी और बगावती तेवर के जरिए उसे हटा दिया जाता है.
क्या कहा है सरफराज अहमद ने?
सरफराज अहमद ने अपनी टीम के सभी खिलाड़ियों से कहा है कि अगर वर्ल्ड कप में कुछ बुरा हो जाता है तो ऐसे में वह अकेले नहीं होंगे, जो पाकिस्तान वापस...
India vs Pakistan वर्ल्डकप मैच हो चुका है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया है. इस तरह पाकिस्तान लगातार 7वीं बार भारत से 89 रनों से हार गया है. इस मैच के बाद जहां एक ओर हर भारतीय खुशी का जश्न मनाता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान का एक-एक शख्स अपनी ही टीम के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहा है. और ये गुस्सा जायज भी है. पाकिस्तान की टीम के हारने की वजह ही ऐसी है, जिसका खुलासा इशारों ही इशारों में खुद पाकिस्तान टीम के कप्तान सरफराज अहमद ने कर दिया है. ये वजह है बगावत, जो पाकिस्तान की टीम में पैर पसार चुकी है. इंटरनेट पर एक ऑडियो भी शेयर किया जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान के एक्टर राजू जमील ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की पोल खोली है.
जब भारत के हाथों बुरी तरह हारने के बाद पाकिस्तान की टीम की आलोचना हो रही थी, उसी बीच सरफराज अहमद ने अपनी टीम से ये साफ कह दिया है कि अब अच्छा खेलना हो होगा, क्योंकि वापस पाकिस्तान लौटने वाले वो अकेले नहीं होंगे. उनके इस बयान से साफ हो जाता है कि पाकिस्तान की टीम में गुटबाजी हो चुकी है और कुछ खिलाड़ी बगावती तेवर अपना चुके हैं. खैर, जब बात पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की होती है तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए कि कुछ खिलाड़ियों ने बगावत कर दी है. दरअसल, पाकिस्तान की टीम का इतिहास ही ऐसा रहा है. वहां किसी भी कप्तान को अधिक दिनों तक नहीं रहने दिया जाता है और गुटबाजी और बगावती तेवर के जरिए उसे हटा दिया जाता है.
क्या कहा है सरफराज अहमद ने?
सरफराज अहमद ने अपनी टीम के सभी खिलाड़ियों से कहा है कि अगर वर्ल्ड कप में कुछ बुरा हो जाता है तो ऐसे में वह अकेले नहीं होंगे, जो पाकिस्तान वापस जाएंगे. उन्होंने कहा है कि टीम को अपना प्रदर्शन बेहतर करना ही होगा. उन्होंने कहा- 'अगर कोई सोचता है कि मैं वापस घर चला जाऊंगा तो उसकी बेवकूफी है. अगर कुछ बुरा हो जाता है तो मैं अकेला नहीं होऊंगा जो वापस घर जाएगा.' बताया जा रहा है कि किसी भी खिलाड़ी ने सरफराज की स्पीच पर कोई टिप्पणी नहीं की है. मिकी अर्थर भी इस पर चुप हैं. अपनी बात में सरफराज ने कहा है- 'खराब प्रदर्शन को भूल जाइए और आने वाले 4 मैचों के लिए टीम को तैयार करो.'
किस बगावत की बात की है राजू जमील ने
पाकिस्तानी एक्टर राजू जमील ने एक ऑडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने साफ किया है कि सरफराज अहमद से इंजमाम उल हक और शोएब मलिक खुश नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी टीम में शोएब मलिक का एक ग्रुप है, जिसमें इमाद वसीम, बाबर आजम, आसिफ अली और इमाम उल हक हैं. इन सब से टीम के मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक ने वादा किया है कि वह इमाद वसीम को पाकिस्तानी टीम का कप्तान बना देंगे. उन्होंने कहा है कि इंजमाम उल हक किसी भी कराची के खिलाड़ी को टीम का कप्तान बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम का इतिहास ही 'बगावती' रहा है !
पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में एकता की कमी हमेशा से ही रही है. उसमें हर कप्तान के खिलाफ बगावत देखी गई है.
- जब जावेद मियांदाद पाकिस्तानी टीम के कप्तान थे, तो जहीर अब्बास ने 9 अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलकर बगावत की थी और बाद में वह खुद कप्तान बने.
- जब यूनुस खान कप्तान बने तो कुछ बगावती खिलाड़ियों ने जान बूझ कर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, ताकि यूनुस खान की कप्तानी चली जाए. खान ने तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस्तीफा भी सौंपा था, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ. शाहिद अफ्रीदी बाद में कुछ खिलाड़ियों के साथ खुद जाकर बोर्ड से मिले थे और साफ किया था कि वह सभी यूनुस खान की कप्तानी के तहत नहीं खेलेंगे.
- जब शोएब मलिक को पाकिस्तानी टीम का कप्तान बनाया गया था तो मोहम्मद यूसुफ और शाहिद अफ्रीदी जैसे खिलाड़ियों को ये बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी थी कि उम्र में उनसे छोटा खिलाड़ी टीम पर अपना हुक्म चलाए.
- वसीम अक्रम ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में भी लिखा है कि कप्तान की जिम्मेदारी कैसे उनके लिए कांटों की सेज साबित हुई थी.
इमरान खान की कप्तानी अब तक सबसे अच्छी साबित हुई है, जिसकी एक बड़ी वजह ये भी थी कि वह काफी हद तक तानाशाही रवैया अपनाते थे. इमरान खान टीम में सिर्फ अपनी चलाते थे. खैर, पाकिस्तानी टीम की हालत जैसे ही, वैसे में तानाशाही तरीके से ही सब पर कंट्रोल रखा भी जा सकता है. जैसे-जैसे पाकिस्तानी टीम में कोई खिलाड़ी सीनियर होता जाता है, उसे लगने लगता है कि वह टीम के लिए अन्य लोगो से महत्वपूर्ण है.
वर्ल्ड कप के ठीक पहले भी गूंजे थे बगावती सुर
30 मई से शुरू हुए वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के साथ वनडे सीरीज खेली थी. इसमें पाकिस्तान 0-4 से हारा था. इस करारी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने टीम में तीन बड़े बदलाव किए. टीम में मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज को शामिल किया गया, जबकि दोनों तेज गेंदबाजों जुनैद खान और फहीम अशरफ को टॉप-15 में जगह नहीं मिली. आपको बता दें कि इंग्लैंड से पाकिस्तान इस सीरीज को खराब गेंदबाजी और खराब फील्डिंग की वजह से ही हारा था. इसके तुरंत ही बात जुनैद खान ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांध कर एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की. कैप्शन में लिखा था, मैं कुछ नहीं कहना चाहता, सच कड़वा होता है. भले ही उनका मुंह पट्टी से बंधा हुआ था, लेकिन उनकी तस्वीर बहुत कुछ कह गई. उस तस्वीर ने साफ कर दिया कि वह टीम के खिलाफ बगावत कर रहे हैं.
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