ऐसा संयोग कई बार देखने को मिला है कि, भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम किसी विदेशी दौरे पर हो और उसी दौरान महिला टीम भी विदेशी दौरे पर गई हो. 3 वन डे और 5 टी-20 मैचों की सीरीज खेलने महिला टीम इन दिनों साउथ अफ्रीका में ही है. तीन वनडे मैचों की सीरीज भारत की महिला टीम ने 2-1 से जीत भी ली है. वहीं पांच टी-20 मैचों की शृंखला में भारत 2-1 से आगे है. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की महिला टीम दक्षिण अफ्रीका को उनकी ही सरजमीं पर धूल चटा कर ही आएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की महिला टीम इन दिनों दमदार फॉर्म में है.
स्मृति मंधना ने जहां वन डे मैचो में धूम मचा रखी थी तो वहीं टी 20 में मिताली राज लगातार चार मैचों में अर्धशतक लगा ऐसा करने वाली पहली खिलाड़ी का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं. दोनों ही खिलाड़ियों से देश को काफी उम्मीदें हैं. वहीं झूलन गोस्वामी ने वन डे मैचों में 200 विकेट पूरे कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है जिसे किसी भी अन्य महिला क्रिकेट टीम के लिए तोड़ना मुश्किल होगा.
पुरुष टीम जहां नित नए कीर्तिमान रच चर्चा के केंद्र में बनी रहती है वहीं महिला टीम के कीर्तिमान को भूलना कहीं से भी ठीक नहीं है. महिला क्रिकेट टीम जिस तेजी के साथ कीर्तिमान रच रही है वह काबिले तारीफ है. अगर भारत की पुरुष टीम साउथ अफ्रीका से 2 सीरीज जीत कर लाती है तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महिला क्रिकेट क्रिकेट टीम उन्हें क्लीन स्वीप करने की तरफ बढ़ रही है. अगर ऐसा हो पाया तो भारत के लिए यह सोने पर सुहागा वाली स्थिति होगी.
गौरतलब है कि महिला क्रिकेट टीम के 2, टी-20 मैच अभी और होने हैं, अगर वह इनमें से एक भी मैच जीतने में सफल होती है तो वो वह सीरीज जीत सकती है. क्रिकेट...
ऐसा संयोग कई बार देखने को मिला है कि, भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम किसी विदेशी दौरे पर हो और उसी दौरान महिला टीम भी विदेशी दौरे पर गई हो. 3 वन डे और 5 टी-20 मैचों की सीरीज खेलने महिला टीम इन दिनों साउथ अफ्रीका में ही है. तीन वनडे मैचों की सीरीज भारत की महिला टीम ने 2-1 से जीत भी ली है. वहीं पांच टी-20 मैचों की शृंखला में भारत 2-1 से आगे है. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की महिला टीम दक्षिण अफ्रीका को उनकी ही सरजमीं पर धूल चटा कर ही आएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की महिला टीम इन दिनों दमदार फॉर्म में है.
स्मृति मंधना ने जहां वन डे मैचो में धूम मचा रखी थी तो वहीं टी 20 में मिताली राज लगातार चार मैचों में अर्धशतक लगा ऐसा करने वाली पहली खिलाड़ी का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं. दोनों ही खिलाड़ियों से देश को काफी उम्मीदें हैं. वहीं झूलन गोस्वामी ने वन डे मैचों में 200 विकेट पूरे कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है जिसे किसी भी अन्य महिला क्रिकेट टीम के लिए तोड़ना मुश्किल होगा.
पुरुष टीम जहां नित नए कीर्तिमान रच चर्चा के केंद्र में बनी रहती है वहीं महिला टीम के कीर्तिमान को भूलना कहीं से भी ठीक नहीं है. महिला क्रिकेट टीम जिस तेजी के साथ कीर्तिमान रच रही है वह काबिले तारीफ है. अगर भारत की पुरुष टीम साउथ अफ्रीका से 2 सीरीज जीत कर लाती है तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महिला क्रिकेट क्रिकेट टीम उन्हें क्लीन स्वीप करने की तरफ बढ़ रही है. अगर ऐसा हो पाया तो भारत के लिए यह सोने पर सुहागा वाली स्थिति होगी.
गौरतलब है कि महिला क्रिकेट टीम के 2, टी-20 मैच अभी और होने हैं, अगर वह इनमें से एक भी मैच जीतने में सफल होती है तो वो वह सीरीज जीत सकती है. क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर एंड कंपनी दक्षिण अफ्रीका के इस दौरे पर दो सीरीज जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. क्योंकि इससे पूर्व भी वह ऑस्ट्रेलिया में टी-20 सीरीज जीत अपने इरादे बुलंद कर चुकी है.
पिछले टी20 मैच में साउथ अफ्रीकन तेज गेंदबाज शबनीम इस्माइल की घातक गेंदबाजी से भले ही भारत का बैटिंग ऑर्डर डगमगाया हो. लेकिन 21 फरवरी को सेंचुरियन में होने वाले चौथे टी20 मैच से वह इससे उबरने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रही है. महिला और पुरुष दोनों ही क्रिकेट टीम अगर यह सीरीज अपने नाम करती हैं तो जाहिर है कि साउथ अफ्रीका से इस बार एक दो नहीं बल्कि 4 ट्रॉफी साथ लेकर आएंगे. जो किसी भी देश के क्रिकेट इतिहास के लिए बड़ी परिघटना होगी और एक सकारात्मक संयोग भी.
हमें एक साथ महिला और पुरुष दोनों ही टीमों का उत्साह वर्धन करना चाहिए, जिससे देश के लिए खेलने वाली महिला खिलाड़ियों को उनका हक और सम्मान दर्शकों द्वारा दिया जा सके. क्रिकेट की दुनिया में महिला क्रिकेट टीम बहुत तेजी से प्रगति कर रही है जिस पर स्पोर्ट्स जर्नलिज़्म की पढ़ाई कर रहे लोगों को शोध करने की भी जरूरत है. आखिर महिला और पुरुष टीम के बीच खबरों को लेकर भेदभाव की स्थिति क्यो हैं इस पर भी गंभीर शोध की जरूरत महसूस की जा रही है.
दर्शकों के बीच एक ही देश के दौरे पर गयी महिला और पुरुष दोनों टीमों के कंटेन्ट और उससे जुड़े दर्शकों के व्यवहार में इतना अंतर क्यों है ? क्या हम क्रिकेट से प्यार करते हैं या फिर पुरुष खिलाड़ियों से ? इन विषयों पर गंभीर शोध हो सके तो कुछ मनोवैज्ञानिक स्थितियां पता चल सकती हैं, जिससे महिला टीम के साथ दर्शकों द्वारा किए जा रहे भेदभाव को समझा जा सकेगा.
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