देश के हर नागरिक में देशभक्ति की भावना होती है. लेकिन खिलाड़ियों की देशभक्ति, सेना के जवानों की तरह होती है, जो देश के लिए हंसते हुए अपनी जान दे देते हैं. खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के दम दुनिया में अपने देश का नाम रौशन करते हैं. हर खिलाड़ी की चाहत होती है कि ओलिंपिक और एशियाई जैसे खेल आयोजन के दौरान अपने हाथ में तिरंगा थाम सके. मेडल जीतकर अपने देश का राष्ट्रगान बजवा सके. ओलिंपिक आयोजन में यह गौरव मशहूर पहलवान सुशील कुमार को दो बार हासिल कर चुके हैं. तब उनके उपर इनामों की बरसात हुई थी. लेकिन कोई नहीं जानता था कि एक दिन इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस एक लाख का इनाम रखेगी.
जी हां, साल 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक और 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रौशन करने वाले 'पहलवान' सुशील कुमार को दिल्ली के सागर मर्डर केस में गिरफ्तार कर लिया गया है. सुशील और उनका एक साथ अजय 4 मई की देर रात हुई घटना के बाद से फरार चल रहे थे. उनके पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए और अजय पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. ये वही सुशील हैं, जिन्होंने देश में कुश्ती जैसे खेल को एक नई पहचान दी थी. भारत सरकार ने इनको साल 2011 में पद्मश्री, साल 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न और साल 2005 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था.
इससे पहले बीते मंगलवार को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने सुशील कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. अब स्पेशल सेल इन दोनों आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में पेश करेगी. इसके बाद सुशील और अजय को नॉर्थ-वेस्ट जिले की पुलिस को सौंप दिया जाएगा. इनको गिरफ्तार करने वाली स्पेशल सेल को इंस्पेक्टर शिव कुमार, इंस्पेक्टर करमबीर और ACP अतार सिंह लीड कर रहे थे. सुशील कुमार के खिलाफ IPC सेक्शन 302 (हत्या), 365 (अपहरण), 120-B (आपराधिक साजिश रचने) के तहत केस दर्ज किया गया है. यदि आरोप साबित हुए, तो सुशील को 20 साल की जेल की सजा हो सकती है. इस तरह उनका पूरा करियर बर्बाद हो जाएगा.
पहलवान सुशील कुमार की तरह क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भी कानूनी शिंकजे में फंस चुके हैं.
आइए खेल की उन हस्तियों के बारे में जानते हैं, जिनका क्राइम रिकॉर्ड रहा है...
1. एस. श्रीसंत (S. Sreesanth)
टीम इंडिया के बेहतरीन क्रिकेटर एस. श्रीसंत अपने जमाने के दिग्गज तेज गेंदबाज थे. उनके खेल और स्टाइल की पूरी दुनिया दीवानी थी. साल 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उनपर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा. दिल्ली पुलिस ने मैच फिक्सिंग के आरोप में उनके खिलाफ केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट में केस चला, उसके बाद श्रीसंत को सात साल की सजा सुनाई गई. बीसीसीआई ने क्रिकेट से आजीवन के लिए बैन कर दिया. हालांकि, बाद में कोर्ट से ही श्रीसंत को राहत मिली, लेकिन उनका करियर कभी वापस पटरी पर नहीं आया. बीसीसीआई ने बैन हटाने से इंकार कर दिया था.
2. दीपक पहल (Deepak Pahal)
सोनीपत के गन्नौर का रहने वाला दीपक पहल उर्फ बॉक्सर इंटरनेशनल बॉक्सिंग में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुका है. वह 2016 के रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेना चाहता था, लेकिन इससे पहले गैंगस्टर बन गया. उसके ऊपर दो लाख रुपए का इनाम घोषित है. साल 2014 में अपने एक साथी का जबड़ा तोड़ने के बाद बॉक्सर के उपर पहली बार केस दर्ज हुआ था. इसके बाद प्रैक्टिस के दौरान उसने अपने कोच की पिटाई कर दी. एक दोस्त के जरिए बदमाश फज्जा के संपर्क में आया. गोगी गैंग से जुड़ गया. साल 2016 में पुलिस कस्टडी से गोगी को छुड़ाने के बाद उसका नाम सुर्खियों में आ गया. हाल ही में फज्जा को फरार करवाने की साजिश में नाम आया है.
3. इकबाल सिंह बोपाराय (Iqbal Singh Boparai)
पंजाब के होशियारपुर जिले के उरमर तांडा के रहने वाले पूर्व एथलीट इकबाल सिंह बोपाराय को भारत के सर्वश्रेष्ठ गोलाफेंक में से एक माना जाता है. उन्होंने साल 1983 में एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके कुछ दिन बाद वो अमेरिका चले गए. वहां अपने परिवार के साथ रहने लगे. पिछले साल उनको अमेरिका के पेनसिल्वेनिया के न्यूटाउन स्कवैर में अपनी पत्नी और मां की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इकबाल ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. 911 नंबर पर फोन करके उन्होंने खुद पुलिस को पत्नी और मां की हत्या की जानकारी दी. उनके खिलाफ अमेरिकी कानून के अनुसार केस चल रहा है.
4. तनवीर हुसैन (Tanveer Hussain)
साल 2017 में कश्मीर के रहने वाले स्नोशू रेसर प्लेयर तनवीर हुसैन न्यूयॉर्क में आयोजित एक वर्ल्ड स्नोशू चैंपियनशिप में हिस्सा लेने अमेरिका गए थे. वहां उन पर 12 साल की एक बच्ची के यौन शोषण का आरोप लगा था. पहले तो तनवीर ने इन आरोपों को नकारा, लेकिन पुलिस की छानबीन के बाद उसे अपना अपराध स्वीकार करना पड़ा. इसके बाद न्यूयॉर्क पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अमेरिकी कानून के तहत तनवीर को देश से निष्कासित कर दिया गया. स्नोशू रनिंग स्नोशू के साथ अभ्यास किया जाने वाला एक शीतकालीन खेल है, जो 2010 में स्थापित वर्ल्ड स्नोशू फेडरेशन द्वारा संचालित किया जाता है. पहले इसका नाम इंटरनेशनल स्नोशू फेडरेशन था.
5. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)
अपने जमाने के मशहूर क्रिकेटर, बेहतरीन वक्ता, टीवी शो जज और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर साल 1983 से लेकर 1999 तक रहा था. उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 1983 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला था. साल 1998 में हुई एक मौत मामले में सिद्धू को दोषी पाते हुए पुलिस ने साल 1991 में गिरफ्तार किया था. तीन साल की सजा हुई. लेकिन 30 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनको आईपीसी की धारा 304 के तहत बरी कर दिया. केवल धारा 323 के तहत दोषी माना है. इसमें किसी के साथ मारपीट करके जख्मी करने का केस चलता है. बहुत कम सजा का प्रावधान है.
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